प्ले स्कूलों की तरह प्रदेश में बनेंगे 500 आंगनबाड़ी केन्द्र
बच्चों को घर से अलग स्कूल में रखने की आदत डालने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का दायरा बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। इसके लिए प्ले स्कूलों की तरह प्रदेश में 500 आंगनबाड़ी केन्द्र बनाए जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी
पंचायतीराज विभाग को मिली है। इनको लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इन केन्द्रों में बच्चों को खेलने के लिए खिलौने और अन्य संसाधन भी रखे जाएंगे तो बच्चों के पोषण का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा। जिलावार नोटिस भी जारी कर दिया गया है। रोहतक में 41, नारनौल में 35, पानीपत में 35, हिसार में 90, जींद में 23, अंबाला में 49 आंगनबाड़ी केन्द्र बनाये जाएंगे, जबकि रेवाड़ी, सिरसा, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल में 40 से अधिक केन्द्र बनेंगे। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या घटाई या बढ़ाई जा सकती है जो वहां बच्चों की स्थिति को देखकर होगा। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और इनको प्रक्रिया शुरू होने के बाद छह माह के अंदर बनाना होगा।
बच्चों को घर से अलग स्कूल में रखने की आदत डालने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का दायरा बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। इसके लिए प्ले स्कूलों की तरह प्रदेश में 500 आंगनबाड़ी केन्द्र बनाए जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी
पंचायतीराज विभाग को मिली है। इनको लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इन केन्द्रों में बच्चों को खेलने के लिए खिलौने और अन्य संसाधन भी रखे जाएंगे तो बच्चों के पोषण का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा। जिलावार नोटिस भी जारी कर दिया गया है। रोहतक में 41, नारनौल में 35, पानीपत में 35, हिसार में 90, जींद में 23, अंबाला में 49 आंगनबाड़ी केन्द्र बनाये जाएंगे, जबकि रेवाड़ी, सिरसा, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल में 40 से अधिक केन्द्र बनेंगे। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या घटाई या बढ़ाई जा सकती है जो वहां बच्चों की स्थिति को देखकर होगा। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और इनको प्रक्रिया शुरू होने के बाद छह माह के अंदर बनाना होगा।
यह होगा बड़ा फायदा: लोग अभी तक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में इसलिए नहीं भेजते हैं कि वहां बच्चे का मन नहीं लगता है। वहीं प्ले स्कूल में बच्चों के खेलने की व्यवस्था होती है तो उनको वहां काफी खिलौने मिलते हैं। अगर आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्ले स्कूल की तरह सुविधा मिलनी शुरू होगी तो लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने बच्चों को वहां भेज सकते हैं। इससे बच्चों को स्कूल की आदत डालने के साथ ही उनके पोषण का ध्यान रखा जा सकेगा।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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