एक साल बाद भी अधूरे हैं कर्मचारियों से जुडे़ वादे
प्रदीप ढुल, कैथलभाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान घोषणापत्र में कर्मचारियों से संबंधित कई बडे़ वादे किए थे। इनमें कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन भत्ते देने, ठेका प्रथा बंद करने, सभी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने जैसे वादे थे। अब प्रदेश में भाजपा सरकार को बने एक साल हो गया है, लेकिन घोषणापत्र में कर्मचारियों से संबंधित किए गए वादों में से अधिकतर वायदे चुनावी लोलीपॉप ही लग रहे हैं, क्योंकि न तो अब तक रिक्त पद भर पाए हैं और न ही पंजाब के समान वेतन देने के वायदे पर गौर हुआ है। सरकारी कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ हुंकार भर आए दिन कहीं न कहीं प्रदर्शन करते रहते हैं।
नहीं भरे गए खाली पद
ज्यादातर विभागों में कर्मचारियों व अधिकारियों के काफी पद खाली पड़े हैं। जिस कारण दूसरे कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ जाता है और फाइलें महीनों तक अटकी रहती हैं। सरकारी विभागों में रिक्त पडे़ पदों को न भरने से कर्मचारी व जनता दोनों परेशान हैं, क्योंकि जो काम एक सप्ताह में पूरा हो सकता है। उसे पूरा होने में महीनों लग जाते हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछने पर भी कई बार यही जवाब मिलता है कि स्टाफ की कमी के कारण ऐसा हो रहा है।
पंजाब के समान वेतन
पंजाब के समान वेतन करना हरियाणा के कर्मचारियों में हमेशा ही बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों को पंजाब के समाने वेतन भत्ते देने का वादा किया था। जो अब तक पूरा नही हुआ है। यही कारण है कि कहीं भी धरना प्रदर्शन होने पर वेतन में पंजाब के समान बढ़ोतरी होने का मुद्दा सबसे पहले उठता है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नही किया, जबकि अतिथि अध्यापक तो सरकार को पी-पीकर कोसते है। अतिथि अध्यापकों को कहना है कि पक्का करना तो दूर सरकार ने तो उनका रोजगार भी छीन लिया। वर्षो से सरकार को अपनी सेवाएं दे रहे अतिथि अध्यापक सड़क पर आ गए है।
स्थायी होने का इंतजार
ठेकेदार के अंतर्गत काम कर रहे कई विभागों के कर्मचारियों को महीनों से वेतन नही मिला है। सामान्य अस्पताल, जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान आदि में ठेकेदार के तहत वर्षो से काम कर रहे कर्मचारी वेतन को तरस गए है। बार बार गुहार लगाने के बावजूद भी वेतन नही मिलता। इनमें कई महिला कर्मचारी भी शामिल हैं, जबकि भाजपा ने घोषणापत्र में कहा था कि सभी महिला सफाई कर्मचारियों को नियमित का दर्जा दिया जाएगा और ठेका प्रणाली का पुनरालोकन होगा, जबकि अब सरकार पर ठेका प्रथा को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे है। इसी के विरोध में मंगलवार को जिले भर के बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था।
सांसद ने दी कर्मियों नसीहत
सरकारी कर्मचारियों को लेकर कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी कई बार कड़े बयान दे चुके हैं। उनका कई बार जमकर विरोध हुआ और कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया। सांसद सैनी ने एक बार बयान दिया था कि कर्मचारी तो कच्चे रहकर ही ठीक काम करते है, जबकि पिछले दिनों उन्होंने बयान दिया कि जिन कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन चाहिए वे पंजाब चले जाए। इन बयान को काफी विरोध हो चुका है।
यह थे वादे
1. प्रदेश के सभी कर्मचारियों के बच्चों के लिए दिया जाने वाला भत्ता दोगुना कर दिया जाएगा।
2. प्रदेश में कर्मचारियों के संदर्भ में ठेका प्रणाली का पुनरवलोकन किया जाएगा और कर्मचारियों का पक्ष ध्यान में रख इसमे संशोधन किया जाएगा।
3. प्रदेश में सभी ग्रुप डी से ग्रुप ए के सरकारी, अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पदोन्नति पॉलिसियों की खामियों को ठीक किया जाएगा।
4. सेना व अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त व होमगार्ड के जवानों की नियुक्ति के लिए जिला स्तरीय बोर्ड गठन किया जाएगा।
5. प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन भत्ते आदि सुनिश्चित किए जाएंगे।
6. कॉलेज व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को यूजीसी के छठे वेतन आयोग और सेवा शर्तो के अनुरुप वेतन विसंगतियां दूर की जाएगी।
7. सरकारी या अर्द्धसरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद सात वर्षो में एक बार एलटीसी पर 50 प्रतिशत मदद सरकार द्वारा की जाएगी।
8. सभी महिला सफाई कर्मचारियों का नियमित दर्जा दिया जाएगा।
9. अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को नियमानुसार नियमित किया जाएगा।
10. शासन प्रशासन के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों में नौकरियों को बैक लॉग भरा जाएगा।
बॉक्स-1
भाजपा ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से संबंधित जितने भी वादे किए थे उनमें से एक भी वादा पूरा नही हुआ। न तो कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन मिला और न ही वेतन विसंगति दूर हुई। सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर वादे पूरे करें।
सतबीर गोयत, प्रेस प्रवक्ता, सर्व कर्मचारी संघ कैथल
बॉक्स-2
खट्टर सरकार ने गेस्ट टीचरों को पक्का करने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा करने के बजाय गेस्ट टीचरों का रोजगार छीन लिया। सरकार ने अपने वायदे से विपरित काम किया। उससे गेस्ट टीचरों को मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। सदमे में कई गेस्ट टीचरों की मौत हो चुकी है। जबकि हटाए गए कुछ गेस्ट टीचर रेहड़ी लगाने और ऑटो चलाने को मजबूर है। सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए।
सुभाष चंद, जिला प्रधान अतिथि अध्यापक संघ, राज्य कमेटी सदस्य
बॉक्स-3
सरकार ने अपना कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया और वादों के विपरीत जाकर काम किया है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल साबित हुई है और समाज का हर वर्ग आज सरकार से बेहद दुखी और परेशान है।
रामपाल माजरा, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनेलो नेता।
बॉक्स-4
हो रही अनदेखी : पहल सिंह
रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता पहल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार से जो उम्मीदें कर्मचारियों ने लगाई थी उस पर भाजपा सरकार खरा नहीं उतर पाई है। कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए धरने और प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। इस सरकार में कर्मचारी वर्ग की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है। केवल झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है।
बॉक्स-6
पूरे होंगे वादे : तंवर
पिछली सरकार ने काफी गड्ढे खोदे हुए थे। एक साल तो उन गड्ढ़ों को भरने में ही लग गया। घोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा करने के लिए पांच साल का समय होता है। अभी तो सरकार को बने एक साल हुआ है। सरकार व्यवस्था को सुधारने में लगी हुई है। काफी वायदे पूरे हो चुके है। जो पूरे नही हुए उन्हें भी पूरा किया जाएगा।
राजपाल तंवर, भाजपा जिलाध्यक्ष।
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