मानसिक विकलांग बच्चों का स्कूल बंद करने की तैयारी, नहीं है बजट
रोहतक, 8 अक्तूबर (निस)सांपला स्थित प्रशासन की ओर से संचालित केंद्र के मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है। रोजाना बच्चों के परिजनों को स्कूल बंद करने की बात कही जा रही है। इसको लेकर वे परेशान हैं कि आखिर जाएं तो कहां जाएं। प्रशासन ने बजट न होने का हवाला देकर स्कूल को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिला उपायुक्त डीके बेहरा ने कहा कि बजट की वजह से केंद्र को बंद करने पर विचार हो रहा है। लेकिन मारुति कंपनी से बजट देने की बातचीत चल रही है और उन्हें इसके पूरा होने की उम्मीद है।
वर्ष 2005 में जिला रैडक्रॉस के माध्यम सें सांपला स्थित मानसिक विकलांग केंद्र की शुरुआत की गई थी। आसपास के गांवों के मानसिक विकलांग बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। केंद्र के लिए सालाना बजट लगभग 10 लाख रुपये है और फिलहाल बजट एक पेंट निर्माता कंपनी की ओर से प्रदान कराया जा रहा था, लेकिन अब कंपनी ने भी बजट देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
बजट न मिलने के चलते अब स्कूल को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी गई हैं, जब इस बात का पता परिजनों को लगा तो अभिभावकों ने जिले के आलाधिकारियों से मुलाकात की। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे इस हालात में नहीं हैं, कि उन्हें पढ़ने के लिए बाहर भेजा जा सके। इसलिए वे चाहते हैं कि स्कूल बंद नहीं होना चाहिए। स्कूल की प्रिंसिपल निशा ने बताया कि इस स्कूल में आसपास के गांव से 40 बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।
पहले भी कई बार रैडक्रॉस द्वारा ग्रांट रोकी गई है, लेकिन किसी तरह से मामले को सुलझाया गया है। पिछले 2 साल से पेंट कंपनी द्वारा स्कूल के लिए बजट जारी किया जा रहा था। लेकिन एक चौकीदार की बदतमीजी से कंपनी ने बजट देने से इंकार कर दिया।प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने रैडक्रॉस अधिकारी से इस संबंध में बात की थी, परंतु कोई भी समाधान नहीं निकलाwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
रोहतक, 8 अक्तूबर (निस)सांपला स्थित प्रशासन की ओर से संचालित केंद्र के मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है। रोजाना बच्चों के परिजनों को स्कूल बंद करने की बात कही जा रही है। इसको लेकर वे परेशान हैं कि आखिर जाएं तो कहां जाएं। प्रशासन ने बजट न होने का हवाला देकर स्कूल को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिला उपायुक्त डीके बेहरा ने कहा कि बजट की वजह से केंद्र को बंद करने पर विचार हो रहा है। लेकिन मारुति कंपनी से बजट देने की बातचीत चल रही है और उन्हें इसके पूरा होने की उम्मीद है।
वर्ष 2005 में जिला रैडक्रॉस के माध्यम सें सांपला स्थित मानसिक विकलांग केंद्र की शुरुआत की गई थी। आसपास के गांवों के मानसिक विकलांग बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। केंद्र के लिए सालाना बजट लगभग 10 लाख रुपये है और फिलहाल बजट एक पेंट निर्माता कंपनी की ओर से प्रदान कराया जा रहा था, लेकिन अब कंपनी ने भी बजट देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
बजट न मिलने के चलते अब स्कूल को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी गई हैं, जब इस बात का पता परिजनों को लगा तो अभिभावकों ने जिले के आलाधिकारियों से मुलाकात की। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे इस हालात में नहीं हैं, कि उन्हें पढ़ने के लिए बाहर भेजा जा सके। इसलिए वे चाहते हैं कि स्कूल बंद नहीं होना चाहिए। स्कूल की प्रिंसिपल निशा ने बताया कि इस स्कूल में आसपास के गांव से 40 बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।
पहले भी कई बार रैडक्रॉस द्वारा ग्रांट रोकी गई है, लेकिन किसी तरह से मामले को सुलझाया गया है। पिछले 2 साल से पेंट कंपनी द्वारा स्कूल के लिए बजट जारी किया जा रहा था। लेकिन एक चौकीदार की बदतमीजी से कंपनी ने बजट देने से इंकार कर दिया।प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने रैडक्रॉस अधिकारी से इस संबंध में बात की थी, परंतु कोई भी समाधान नहीं निकलाwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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