चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने देश के शिक्षाविदों से राज्य में शिक्षण, कौशल विकास और खेल विश्वविद्यालय खोलने की पेशकश की है। यह विश्वविद्यालय ट्रेनिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेंगे। राज्य सरकार अच्छे शिक्षक तैयार करने, युवाओं को हुनर के अनुरूप ट्रेंड करने और खिलाड़ियों को उनकी रुचि के खेलों
में तकनीकी रूप से पारंगत करना चाह रही है। 1 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए समग्र शिक्षा-मुक्त विमर्श कार्यशाला में यह पेशकश की। कार्यशाला के अंतिम दिन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रदेश से करीब दो लाख सुझाव भेजे जा चुके हैं। सुझाव लेने और केंद्र सरकार को भेजने का सिलसिला अभी जारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश व प्रदेश की पहचान व्यक्ति निर्माण से होती है। व्यक्ति निर्माण के लिए अच्छे शिक्षक तैयार करना आवश्यक है। शिक्षा मात्र साधन न बने। इसमें विद्यार्थियों के लक्ष्य, प्रतिभा व कौशल का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं की मैपिंग की जा रही है ताकि संसाधन प्रबंधन सही हो सके और क्षेत्र विशेष की मांग के अनुरूप शैक्षणिक संस्थाएं खुलवाई जा सकें। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा स्तर के अंतराल को पाटने की दिशा में काम करने की बात कही।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने देश के शिक्षाविदों से राज्य में शिक्षण, कौशल विकास और खेल विश्वविद्यालय खोलने की पेशकश की है। यह विश्वविद्यालय ट्रेनिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेंगे। राज्य सरकार अच्छे शिक्षक तैयार करने, युवाओं को हुनर के अनुरूप ट्रेंड करने और खिलाड़ियों को उनकी रुचि के खेलों में तकनीकी रूप से पारंगत करना चाह रही है। 1 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए समग्र शिक्षा-मुक्त विमर्श कार्यशाला में यह पेशकश की। कार्यशाला के अंतिम दिन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रदेश से करीब दो लाख सुझाव भेजे जा चुके हैं। सुझाव लेने और केंद्र सरकार को भेजने का सिलसिला अभी जारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश व प्रदेश की पहचान व्यक्ति निर्माण से होती है। व्यक्ति निर्माण के लिए अच्छे शिक्षक तैयार करना आवश्यक है। शिक्षा मात्र साधन न बने। इसमें विद्यार्थियों के लक्ष्य, प्रतिभा व कौशल का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं की मैपिंग की जा रही है ताकि संसाधन प्रबंधन सही हो सके और क्षेत्र विशेष की मांग के अनुरूप शैक्षणिक संस्थाएं खुलवाई जा सकें। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा स्तर के अंतराल को पाटने की दिशा में काम करने की बात कही।राब्यू, चंडीगढ़ : शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों की अपेक्षा अधिक योग्यता रखते हैं, परंतु परिणाम सही नहीं आने से लोगों में धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के कार्यक्रम शामिल किए जाएंगे और लोगों की इस धारणा को तोड़ा जाएगा। शर्मा मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जा रही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय ‘समग्र शिक्षा मुक्त विमर्श’ कार्यशाला के समापन अवसर पर विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 15 से 20 वर्षो के दौरान शिक्षा के निजीकरण के कारण इसकी गुणवत्ता में कमी आई है। आज शिक्षक का सम्मान कम हो रहा है।कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, कृषि मंत्री ओपी धनखड़, प्रो. कुठियाला और सीएम के विशेष प्रधान सचिव राजेश खुल्लर।
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में तकनीकी रूप से पारंगत करना चाह रही है। 1 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए समग्र शिक्षा-मुक्त विमर्श कार्यशाला में यह पेशकश की। कार्यशाला के अंतिम दिन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रदेश से करीब दो लाख सुझाव भेजे जा चुके हैं। सुझाव लेने और केंद्र सरकार को भेजने का सिलसिला अभी जारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश व प्रदेश की पहचान व्यक्ति निर्माण से होती है। व्यक्ति निर्माण के लिए अच्छे शिक्षक तैयार करना आवश्यक है। शिक्षा मात्र साधन न बने। इसमें विद्यार्थियों के लक्ष्य, प्रतिभा व कौशल का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं की मैपिंग की जा रही है ताकि संसाधन प्रबंधन सही हो सके और क्षेत्र विशेष की मांग के अनुरूप शैक्षणिक संस्थाएं खुलवाई जा सकें। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा स्तर के अंतराल को पाटने की दिशा में काम करने की बात कही।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने देश के शिक्षाविदों से राज्य में शिक्षण, कौशल विकास और खेल विश्वविद्यालय खोलने की पेशकश की है। यह विश्वविद्यालय ट्रेनिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करेंगे। राज्य सरकार अच्छे शिक्षक तैयार करने, युवाओं को हुनर के अनुरूप ट्रेंड करने और खिलाड़ियों को उनकी रुचि के खेलों में तकनीकी रूप से पारंगत करना चाह रही है। 1 मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए समग्र शिक्षा-मुक्त विमर्श कार्यशाला में यह पेशकश की। कार्यशाला के अंतिम दिन शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रदेश से करीब दो लाख सुझाव भेजे जा चुके हैं। सुझाव लेने और केंद्र सरकार को भेजने का सिलसिला अभी जारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश व प्रदेश की पहचान व्यक्ति निर्माण से होती है। व्यक्ति निर्माण के लिए अच्छे शिक्षक तैयार करना आवश्यक है। शिक्षा मात्र साधन न बने। इसमें विद्यार्थियों के लक्ष्य, प्रतिभा व कौशल का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं की मैपिंग की जा रही है ताकि संसाधन प्रबंधन सही हो सके और क्षेत्र विशेष की मांग के अनुरूप शैक्षणिक संस्थाएं खुलवाई जा सकें। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा स्तर के अंतराल को पाटने की दिशा में काम करने की बात कही।राब्यू, चंडीगढ़ : शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकारी स्कूलों के अध्यापक प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों की अपेक्षा अधिक योग्यता रखते हैं, परंतु परिणाम सही नहीं आने से लोगों में धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के कार्यक्रम शामिल किए जाएंगे और लोगों की इस धारणा को तोड़ा जाएगा। शर्मा मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय द्वारा तैयार की जा रही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय ‘समग्र शिक्षा मुक्त विमर्श’ कार्यशाला के समापन अवसर पर विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 15 से 20 वर्षो के दौरान शिक्षा के निजीकरण के कारण इसकी गुणवत्ता में कमी आई है। आज शिक्षक का सम्मान कम हो रहा है।कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, कृषि मंत्री ओपी धनखड़, प्रो. कुठियाला और सीएम के विशेष प्रधान सचिव राजेश खुल्लर।
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