शिक्षा सेहत िवभाग में पहले लागू होगा प्रोजेक्ट,ट्रांसफर के नाम पर चल रहा करोड़ों का गोरखधंधा,सिर्फ महिलाओं का शादी के बाद हो सकेगा ट्रांसफर,मुलाजिमों को मिलेंगी 4 स्टेशनों की ऑप्शन, एक में तैनाती के बाद फिर नहीं होगी बदली
जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी | ट्रांसफर माफिया पर लगाम कसने को रिफाॅर्म्स कमीशन ने बनाया प्रोजेक्ट
सुखबीर सिंह बाजवा | चंडीगढ़
पंजाब जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी लागू की जाएगी। इसके तहत एक बार जहां तैनाती हो गई वहीं से ही रिटायरमेंट होगी। राज्य में बड़े स्तर पर चल रहे ट्रांसफर माफिया के करोड़ों के गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार ट्रांसफर सिस्टम ही खत्म करने का फैसला लेने जा रही है।
इस जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के बारे में राज्य के रिफाॅर्म्स कमीशन ने प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है, जिस पर अंतिम फैसले के लिए डिप्टी सीएम से मीटिंगों का दौर जारी है। चार मीटिंगें हो भी चुकी हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों के प्रमुखों और कर्मचारी संगठनों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम ने इस बारे में पाॅलिसी तैयार करने के लिए रिफाॅर्म्स कमीशन को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा था, जिसके बाद कमीशन की ओर से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। अब इसके हर पहलू पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसके बाद इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा।जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के तहत हर विभाग के कर्मचारी से सिर्फ एक बार उन चार स्थानों के आॅप्शन मांगे जाएंगे, जहां वहां तैनात होना चाहता है। उसके बाद इन चार आॅप्शंस में से एक पर सुविधा के अनुसार उसकी तैनाती कर दी जाएगी। इस जगह से उस कर्मचारी की रिटायरमेंट तक दोबारा ट्रांसफर नहीं हो सकेगी। ट्रांसफर कराने के लिए कर्मचारी चाहे किसी भी सिफारिश ले आए, उसकी ट्रांसफर नहीं होगी, क्योंकि ट्रांसफर की सभी व्यवस्थाएं ही खत्म कर दी जाएंगी।
प्रस्तावित जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी लागू करने के लिए राज्य में सबसे पहले एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चुना जा रहा है। इन दोनों डिपार्टमेंट्स में ही ट्रांसफर्स को लेकर सबसे ज्यादा गोरखधंधा चल रहा है। शिकायतें भी ज्यादा रही हैं। ट्रांसफर माफिया ने इन दोनों डिपार्टमंेंट्स में दूर तक हाथ फैला रखे हैं। इस नई पॉलिसी से माफिया पर लगाम कसी जा सकेगी।
विभिन्न सरकारी विभागों में ट्रंासफर्स के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। इसमें राजनेता, कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी और अफसर तक शामिल हैं। हैरानी यह है कि माफिया के बारे में ज्यादातर लोग और अफसर जानते हैं, लेकिन कोई आवाज नहीं उठा रहा। माफिया के जरिये पैसे देकर ट्रांसफर कराने वाला कर्मचारी मुंह नहीं खोलता। जिसकी ट्रंासफर नहीं होती, वे भी चुप रहते हैं। ताकि खुद फंस जाएं। ऐसे में माफिया पर लगाम कसने के लिए ये प्रोजेक्ट बनाया है।जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के तहत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की एक बार तैनाती के बाद उसी जगह से रिटायरमेंट होगी, लेकिन इसमें सिर्फ उन महिलाओं को राहत दी जाएगी, जो शादी के बाद ट्रांसफर चाहेंगी। ऐसी महिलाओं को भी सिर्फ एक मौका दिया जाएगा। यह इसलिए क्योंकि समाज का स्ट्रक्चर ही ऐसा है कि महिलाओं को शादी के बाद अपना घर छोड़कर दूरदराज रहने के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी एक बार ट्रांसफर को वाजिब माना जा सकता है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी | ट्रांसफर माफिया पर लगाम कसने को रिफाॅर्म्स कमीशन ने बनाया प्रोजेक्ट
सुखबीर सिंह बाजवा | चंडीगढ़
पंजाब जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी लागू की जाएगी। इसके तहत एक बार जहां तैनाती हो गई वहीं से ही रिटायरमेंट होगी। राज्य में बड़े स्तर पर चल रहे ट्रांसफर माफिया के करोड़ों के गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार ट्रांसफर सिस्टम ही खत्म करने का फैसला लेने जा रही है।
इस जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के बारे में राज्य के रिफाॅर्म्स कमीशन ने प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है, जिस पर अंतिम फैसले के लिए डिप्टी सीएम से मीटिंगों का दौर जारी है। चार मीटिंगें हो भी चुकी हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों के प्रमुखों और कर्मचारी संगठनों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम ने इस बारे में पाॅलिसी तैयार करने के लिए रिफाॅर्म्स कमीशन को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा था, जिसके बाद कमीशन की ओर से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। अब इसके हर पहलू पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसके बाद इस बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा।जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के तहत हर विभाग के कर्मचारी से सिर्फ एक बार उन चार स्थानों के आॅप्शन मांगे जाएंगे, जहां वहां तैनात होना चाहता है। उसके बाद इन चार आॅप्शंस में से एक पर सुविधा के अनुसार उसकी तैनाती कर दी जाएगी। इस जगह से उस कर्मचारी की रिटायरमेंट तक दोबारा ट्रांसफर नहीं हो सकेगी। ट्रांसफर कराने के लिए कर्मचारी चाहे किसी भी सिफारिश ले आए, उसकी ट्रांसफर नहीं होगी, क्योंकि ट्रांसफर की सभी व्यवस्थाएं ही खत्म कर दी जाएंगी।
प्रस्तावित जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी लागू करने के लिए राज्य में सबसे पहले एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चुना जा रहा है। इन दोनों डिपार्टमेंट्स में ही ट्रांसफर्स को लेकर सबसे ज्यादा गोरखधंधा चल रहा है। शिकायतें भी ज्यादा रही हैं। ट्रांसफर माफिया ने इन दोनों डिपार्टमंेंट्स में दूर तक हाथ फैला रखे हैं। इस नई पॉलिसी से माफिया पर लगाम कसी जा सकेगी।
विभिन्न सरकारी विभागों में ट्रंासफर्स के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। इसमें राजनेता, कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी और अफसर तक शामिल हैं। हैरानी यह है कि माफिया के बारे में ज्यादातर लोग और अफसर जानते हैं, लेकिन कोई आवाज नहीं उठा रहा। माफिया के जरिये पैसे देकर ट्रांसफर कराने वाला कर्मचारी मुंह नहीं खोलता। जिसकी ट्रंासफर नहीं होती, वे भी चुप रहते हैं। ताकि खुद फंस जाएं। ऐसे में माफिया पर लगाम कसने के लिए ये प्रोजेक्ट बनाया है।जीरो ट्रांसफर पाॅलिसी के तहत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की एक बार तैनाती के बाद उसी जगह से रिटायरमेंट होगी, लेकिन इसमें सिर्फ उन महिलाओं को राहत दी जाएगी, जो शादी के बाद ट्रांसफर चाहेंगी। ऐसी महिलाओं को भी सिर्फ एक मौका दिया जाएगा। यह इसलिए क्योंकि समाज का स्ट्रक्चर ही ऐसा है कि महिलाओं को शादी के बाद अपना घर छोड़कर दूरदराज रहने के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी एक बार ट्रांसफर को वाजिब माना जा सकता है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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