सरकार के पक्ष में गया फैसला तो 61 लाख नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था एक सप्ताह का समय, अब कभी भी सुना सकता है फैसला
संजय योगी | हिसार पंचायतचुनाव को लेकर अगर सरकार के पक्ष में फैसला आता है तो प्रदेश के 61 लाख लोग चुनाव लड़ने से वंचित रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई एक सप्ताह की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई और इस मामले पर अब कभी भी फैसला सकता है। कोर्ट के फैसले पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। याचिका डालने वाले के वकील विक्रम मित्तल की तरफ से कोर्ट में रखे गए आंकड़ों के अनुसार इस फैसले से गांवों में रहने वाले सामान्य, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति के 96 लाख 13 हजार 704 लोगों में से 61 लाख 61 हजार लोग चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। यानि 64.09 प्रतिशत ग्रामीण चुनाव लड़ना तो दूर की बात आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। गौरतलब है कि सरकार ने पंचायती चुनाव लड़ने के लिए पुरुषों के लिए दसवीं और महिलाओं के लिए आठवीं पास होने की शर्त रखी थी। अनुसूचित जाति के लिए यह शर्त आठवीं और पांचवीं थी। इसके विरोध में हिसार के गांव कैमरी की कमलेश सहित तीन लोगों ने सरकार की शर्तों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नोट : येसभी आंकड़े कोर्ट में याचिका दायर करने वालों के वकील विक्रम मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं।
स्कूलों की संख्या
मिडल स्कूल : 2394
हाईस्कूल : 1382
कुल पंचायत : 6246,
ब्लाकसमिति : 126
जिलापरिषद : 21
शर्त लागू होती है तो अयोग्य : 8,13551
अनुसूचितजाति महिला पंच : योग्यतापांचवीं
कुलमहिलाएं : 9,79488
अयोग्यहोगी : 6,61362
शर्त लागू होती हैं तो अयोग्य : 24,99935
योग्यता आठवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति के बीस साल से अधिक उम्र के पुरुषों की संख्या : 10,76168
शर्तलागू होती है तो अयोग्य : 6,68893
योग्यता आठवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति के बीस साल से अधिक उम्र के महिलाओं की संख्या : 9,79488
54 प्रतिशत गांवों में नहीं दसवीं तक के स्कूल
अगरकोर्ट में रखे आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के 54 प्रतिशत गांवों में दसवीं तक पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल की सुविधा नहीं है। इसके लिए विद्यार्थियों को गांव से बाहर जाना पड़ेगा या फिर निजी विद्यालय का सहारा लेना पड़ेगा। प्रदेश में इस वक्त 6246 पंचायतें हैं और कई पंचायतें ऐसी हैं जिसमें दो-दो तीन-तीन गांव शामिल हैं। दसवीं सीनियर सेकंडरी स्कूल दोनों की संख्या मिलाकर केवल 3211 बैठती है। अगर एक गांव में एक स्कूल मान भी लिया जाए तो 3689 गांवों में दसवीं तक का सरकारी स्कूल है ही नहीं है।
जिला परिषद, पंचायत समिति एवं सरपंच : योग्यतादसवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति को छोड़कर बीस साल से अधिक उम्र के पुरुषों की संख्या : 39,16266
शर्तलागू होती हैं तो अयोग्य : 21,78625
योग्यता आठवींप्रदेशमें अनुसूचित जाति को छोड़कर बीस साल से अधिक उम्र के महिलाओं की संख्या : 36,41782www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था एक सप्ताह का समय, अब कभी भी सुना सकता है फैसला
संजय योगी | हिसार पंचायतचुनाव को लेकर अगर सरकार के पक्ष में फैसला आता है तो प्रदेश के 61 लाख लोग चुनाव लड़ने से वंचित रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई एक सप्ताह की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई और इस मामले पर अब कभी भी फैसला सकता है। कोर्ट के फैसले पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं। याचिका डालने वाले के वकील विक्रम मित्तल की तरफ से कोर्ट में रखे गए आंकड़ों के अनुसार इस फैसले से गांवों में रहने वाले सामान्य, पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति के 96 लाख 13 हजार 704 लोगों में से 61 लाख 61 हजार लोग चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। यानि 64.09 प्रतिशत ग्रामीण चुनाव लड़ना तो दूर की बात आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। गौरतलब है कि सरकार ने पंचायती चुनाव लड़ने के लिए पुरुषों के लिए दसवीं और महिलाओं के लिए आठवीं पास होने की शर्त रखी थी। अनुसूचित जाति के लिए यह शर्त आठवीं और पांचवीं थी। इसके विरोध में हिसार के गांव कैमरी की कमलेश सहित तीन लोगों ने सरकार की शर्तों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नोट : येसभी आंकड़े कोर्ट में याचिका दायर करने वालों के वकील विक्रम मित्तल ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं।
स्कूलों की संख्या
मिडल स्कूल : 2394
हाईस्कूल : 1382
कुल पंचायत : 6246,
ब्लाकसमिति : 126
जिलापरिषद : 21
शर्त लागू होती है तो अयोग्य : 8,13551
अनुसूचितजाति महिला पंच : योग्यतापांचवीं
कुलमहिलाएं : 9,79488
अयोग्यहोगी : 6,61362
शर्त लागू होती हैं तो अयोग्य : 24,99935
योग्यता आठवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति के बीस साल से अधिक उम्र के पुरुषों की संख्या : 10,76168
शर्तलागू होती है तो अयोग्य : 6,68893
योग्यता आठवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति के बीस साल से अधिक उम्र के महिलाओं की संख्या : 9,79488
54 प्रतिशत गांवों में नहीं दसवीं तक के स्कूल
अगरकोर्ट में रखे आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के 54 प्रतिशत गांवों में दसवीं तक पढ़ने के लिए सरकारी स्कूल की सुविधा नहीं है। इसके लिए विद्यार्थियों को गांव से बाहर जाना पड़ेगा या फिर निजी विद्यालय का सहारा लेना पड़ेगा। प्रदेश में इस वक्त 6246 पंचायतें हैं और कई पंचायतें ऐसी हैं जिसमें दो-दो तीन-तीन गांव शामिल हैं। दसवीं सीनियर सेकंडरी स्कूल दोनों की संख्या मिलाकर केवल 3211 बैठती है। अगर एक गांव में एक स्कूल मान भी लिया जाए तो 3689 गांवों में दसवीं तक का सरकारी स्कूल है ही नहीं है।
जिला परिषद, पंचायत समिति एवं सरपंच : योग्यतादसवीं
प्रदेशमें अनुसूचित जाति को छोड़कर बीस साल से अधिक उम्र के पुरुषों की संख्या : 39,16266
शर्तलागू होती हैं तो अयोग्य : 21,78625
योग्यता आठवींप्रदेशमें अनुसूचित जाति को छोड़कर बीस साल से अधिक उम्र के महिलाओं की संख्या : 36,41782www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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