केंद्रीय कर्मचारियों को नए साल से 15 फीसदी वेतन वृद्धि का तोहफा मिल सकता है। सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसे बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में लगभग
15 फीसदी वेतन वृद्धि की सिफारिश की गई है। हालांकि कर्मचारी इससे ज्यादा की उम्मीद कर रहे थे।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर ने मंगलवार को रिपोर्ट तैयार होने की जानकारी दी। इसे तैयार करने में संगठनों, महासंघों और कर्मचारियों के प्रतिनिधियों समेत सभी संबंधित पक्षों की राय शामिल की गई है। सूत्रों के अनुसार 900 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रुप ए में आने वाली सभी सेवाओं को समानता पर लाने की सिफारिश की गई है। अभी केंद्र सरकार के ऊंचे पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का कब्जा है।
रिपोर्ट में सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को भी नहीं बदला गया है। अगर कैबिनेट आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे देती है तो अगले साल एक जनवरी से नया वेतनमान लागू हो जाएगा। इससे केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों और 55 लाख पेंशन धारक लाभान्वित होंगे। आयोग की सिफारिशों का असर राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भी पड़ेगा।
सरकार ने पिछले साल फरवरी में सातवां वेतन आयोग गठित किया था। इसे 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। हालांकि केंद्रीय कैबिनेट ने इस साल अगस्त में आयोग की अवधि और चार महीने के लिए बढ़ाकर दिसंबर तक कर दी थी।
गौरतलब है कि हर 10 साल पर नये वेतन आयोग का गठन किया जाता है जो मौजूदा वेतन प्रणाली की समीक्षा करती है। इसकी अनुशंसाओं के आधार पर ही वेतन बढ़ोत्तरी का फैसला किया जाता है।
गौरतलब है कि हर 10 साल पर नये वेतन आयोग का गठन किया जाता है जो मौजूदा वेतन प्रणाली की समीक्षा करती है। इसकी अनुशंसाओं के आधार पर ही वेतन बढ़ोत्तरी का फैसला किया जाता है।
राज्य सरकारें भी कुछ संशोधनों के बाद इसे अपनाती हैं।
चौथा वेतन आयोग : एक जनवरी 1986 से प्रभावी
पांचवां वेतन आयोग : एक जनवरी 1996 से प्रभावी
छठा वेतन आयोग : एक जनवरी 2006 से प्रभावी
चौथा वेतन आयोग : एक जनवरी 1986 से प्रभावी
पांचवां वेतन आयोग : एक जनवरी 1996 से प्रभावी
छठा वेतन आयोग : एक जनवरी 2006 से प्रभावी
नई दिल्ली. सातवें वेतन आयोग (सेवंथ पे कमीशन) की रिपोर्ट 20 नवंबर तक केंद्र सरकार को सौंपी जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमीशन अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपेगा। इस रिपोर्ट के जरिए सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्प्लॉइज को सैलरी में 15% हाइक देने की सिफारिश की जा सकती है। अगर 900 पेज की यह रिपोर्ट मंजूर हो जाती हैं तो केंद्र के 48 लाख एम्प्लॉइज और 55 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
कब से होना है लागू?
> कमीशन के सुझावों को सरकार को 1 जनवरी 2016 से लागू करना है।
> 31 दिसंबर तक इन पर आखिरी फैसला होगा।
> कमीशन के चेयरमैन अशोक कुमार माथुर, सेक्रेटरी मीना अग्रवाल, सदस्य डॉ. राथिन राय और विवेक राक ने यह रिपोर्ट तैयार की है।
> यह कमिशन यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में बनाया था। इसे 18 महीने में रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन इसकी टर्म अगस्त 2015 में चार महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।
क्या हो सकती हैं नए पे कमीशन की अहम सिफारिशें?
बता दें कि दैनिक भास्कर ने इससे पहले सितंबर में ही बता दिया था कि कमीशन अपनी रिपोर्ट में हर एक जुलाई को इन्क्रीमेंट देने और सैलरी में 15% से 3 गुना तक हाइक देने की सिफारिश कर सकता है।
>अफसरों-कर्मचारियों की सैलरी में हर 1 जुलाई को इन्क्रीमेंट करने का प्रपोजल है।
>आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अफसरों की सैलरी को एक जैसा किया जा सकता है। इससे आईपीएस और आईआरएस अफसरों की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि उन्हें आईएएस से कम सैलरी मिलती है।
> इस वक्त कर्मचारियों के 32 पे-बैंड हैं। इन्हें घटाकर 13 किए जाने का प्रपोजल है। पे-बैंड कम हो जाने से आईएएस, आईपीएस और आईआरएस के पे-बैंड एक लेवल पर आ जाएंगे।
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