शिक्षाविभाग की उपनिदेशक परमजीत सिंह ने गुरुवार सुबह सवेरे ही कनीना के तीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण

शिक्षाविभाग की उपनिदेशक परमजीत सिंह ने गुरुवार सुबह सवेरे ही कनीना के तीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें शिक्षकों की लेटलतीफी के बारे में पता चलने के साथ-साथ उन्होंने शिक्षकों पढ़ाने का ढंग पढ़ाई का स्टेटस भी जांचा। पौने आठ बजे राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी का निरीक्षण किया जहां पर शिक्षकों 17 का स्टाफ में से केवल मिडिल हेड कार्यवाहक प्राचार्य के अलावा कोई भी शिक्षक समय पर हाजिर नहीं मिला। इसके बाद राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना राजकीय कन्या उच्च विद्यालय का दौरा किया, वहां 19 शिक्षकों का स्टाफ है कोई गैरहाजिर नहीं मिला। इस दौरान उन्होंने सभी शिक्षकों को विद्यालय में प्रतिदिन 7.45 पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए साथ ही अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने स्कूल के प्रिंसिपल का नाम तक नहीं जानते हैं। इससे शिक्षा स्तर का पता चलता है।
शिक्षा विभाग की उपनिदेशक परमजीत सिंह ने गुरुवार सुबह सबसे पहले पौने आठ बजे राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में छापेमारी की। जहां एक मिडिल हेड कार्यवाहक प्राचार्य नियत समय पर हाजिर मिले। शेष शिक्षक स्टाफ समय पर हाजिर नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना राजकीय कन्या उच्च विद्यालय का दौरा किया। वहां पर भी अनेक शिक्षक गैरहाजिर मिले। उन्होंने सभी शिक्षकों से समय पर स्कूल में उपस्थित होने के सख्त निर्देश देते हुए विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति सचेत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि समय पर स्कूल में उपस्थित नहीं मिलने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
समय-समयपर होते रहेंगे औचक निरीक्षण
डिप्टीडायरेक्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है। ऐसे में स्कूलों में समय पर नहीं आने वाले ड्यूटी के दौरान गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समय-समय पर वे स्वयं शिक्षा अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। 
समझा जाता है कि प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती साख एवं सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों विद्यार्थियों के घटते रूझान के दृष्टिगत आज सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। यदि शीघ्र प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में सरकारी स्कूलों की साख ओर भी नीचे जाने की संभावना बनी हुई हैं। इसके वितरित निजी स्कूल बहुत आगे निकलते जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर प्रति वर्ष सरकार हजारों रुपए खर्च करती है उसके बावजूद भी विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होना चिंता का विषय है। स्कूलों के शिक्षक अपने कर्त्तव्य से भटक कर अन्य कार्यों में लगे हुए हैं।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)

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