TGT PGT Recruitment Haryana and experience marks
By दलीप बिश्नोई -वर्तमान टीजीटी व पीजीटी भर्ती में अनुभव के अलग से 16 अंक तक दिए जायेंगे। मुझे व्यक्तिगत तौर पर तो ये अंक कुछ ज्यादा लगते है। अनुभव के कुल ही 2 या 3 या 5 अंक तक दिए जाते तो भी बात हजम करने लायक अर्थात जस्टिफ़ाइड हो जाती। 16 अंक मेरिट में काफी उल्ट फेर कर देते है। हैरानी इस बात पर भी है कि लाखों आवेदकों/उम्मीदवारों में
से किसी ने भी इस प्रकार सीधे 16 अंक दिए को ले कर कोई विरोध नहीं किया। ना ही किसी ने इस निर्णय को कोर्ट में चुनोती देने को ले कर कोई पहल की। मुझेलगता है कि अनुभव के नाम पर 16 अंक देने की बजाय इन अंकों को कुछ न्यायसंगत करने की बात तो कोर्ट में उठाई ही जा सकती है। मुझे याद आता है कि राजस्थान हाईकोर्ट में भी ऐसा ही मामला आया था तो मुख्यन्यायधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कहा था कि उनके सामने जो याचिका है उसमें तो खुद याचिकाकर्ता ने ही अनुभव के अंक देने की मांग की है इसलिए वो अनुभव के नाम के अंक दिए जाने या नहीं दिए जाने की वैधानिकता के मामले पर अपना निर्णय नहीं दे सकते और सिर्फ ये ही निर्णय दे सकते है कि याचिकाकर्ता को अनुभव के अंकों का लाभ मिलना चाहिए या नहीं ? लेकिन फिर भी मुख्यन्यायधीश वाली डिवीजन बेंच ने अपने विचार एक पैरा में यूँ व्यक्त किए:-
"As in our view, in direct recruitment to the substantive posts, when the applications are invited from qualified
and eligible persons from open market, any weightage given for the services rendered on the same post or in any other post on experience either working as daily wages, adhoc or temporary employees, will cause serious and hostile discrimination to the persons, who are seeking employment by direct recruitment and may have become eligible and applied for the first time. With the award of weightage/bonus marks for experience to the extent of 30 or 15 marks, as the case may be, the candidates, who are qualified and
eligible, are likely to suffer invidious and hostile discrimination in selections, which cannot be compromised on the touchstone of Articles 14 and 16 of the Constitution of India."
मैं खुद भी वर्तमान पीजीटी भर्ती में एक आवेदक हूँ और मुझे लगता है कि कम से कम अनुभव के नाम पर एकतरफा 16 अंक देने के निर्णय को चुनोती तो दी जानी चाहिए, भले ही इस मामले पर कोर्ट कुछ भी निर्णय दे। अंकों को रिजनेबल किए जाने की मांग करना गैरवाजिब तो नहीं। इस मुद्दे पर कोई साथी साथ आना चाहे तो अपना नम्बर व जिला जरूर लिखे। अगर इस मामले में किसी ने कोई याचिका दायर कर रखी है तो उल्लेख जरूर करें। धन्यवाद।
HSSC exam syllabus for teacher Haryana
HSSC recruitment 2015 PGT computer science,Fine art, Music vacancy
HSSC recruitment 2015 - TGT English 1035 posts
HSSC PGT School lecturer 6874 vacancy 2015 Haryana
HSSC 1919 TGT vacancy in Haryana
Official notification for experience marks and syllabus
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पीजीटी अंग्रेजी की भर्ती में अव्वल रैंक हासिल करने वाले कई आवेदकों को प्रार्थनापत्र भी नहीं लिखना आता
By दलीप बिश्नोई -वर्तमान टीजीटी व पीजीटी भर्ती में अनुभव के अलग से 16 अंक तक दिए जायेंगे। मुझे व्यक्तिगत तौर पर तो ये अंक कुछ ज्यादा लगते है। अनुभव के कुल ही 2 या 3 या 5 अंक तक दिए जाते तो भी बात हजम करने लायक अर्थात जस्टिफ़ाइड हो जाती। 16 अंक मेरिट में काफी उल्ट फेर कर देते है। हैरानी इस बात पर भी है कि लाखों आवेदकों/उम्मीदवारों में
से किसी ने भी इस प्रकार सीधे 16 अंक दिए को ले कर कोई विरोध नहीं किया। ना ही किसी ने इस निर्णय को कोर्ट में चुनोती देने को ले कर कोई पहल की। मुझेलगता है कि अनुभव के नाम पर 16 अंक देने की बजाय इन अंकों को कुछ न्यायसंगत करने की बात तो कोर्ट में उठाई ही जा सकती है। मुझे याद आता है कि राजस्थान हाईकोर्ट में भी ऐसा ही मामला आया था तो मुख्यन्यायधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कहा था कि उनके सामने जो याचिका है उसमें तो खुद याचिकाकर्ता ने ही अनुभव के अंक देने की मांग की है इसलिए वो अनुभव के नाम के अंक दिए जाने या नहीं दिए जाने की वैधानिकता के मामले पर अपना निर्णय नहीं दे सकते और सिर्फ ये ही निर्णय दे सकते है कि याचिकाकर्ता को अनुभव के अंकों का लाभ मिलना चाहिए या नहीं ? लेकिन फिर भी मुख्यन्यायधीश वाली डिवीजन बेंच ने अपने विचार एक पैरा में यूँ व्यक्त किए:-
"As in our view, in direct recruitment to the substantive posts, when the applications are invited from qualified
and eligible persons from open market, any weightage given for the services rendered on the same post or in any other post on experience either working as daily wages, adhoc or temporary employees, will cause serious and hostile discrimination to the persons, who are seeking employment by direct recruitment and may have become eligible and applied for the first time. With the award of weightage/bonus marks for experience to the extent of 30 or 15 marks, as the case may be, the candidates, who are qualified and
eligible, are likely to suffer invidious and hostile discrimination in selections, which cannot be compromised on the touchstone of Articles 14 and 16 of the Constitution of India."
मैं खुद भी वर्तमान पीजीटी भर्ती में एक आवेदक हूँ और मुझे लगता है कि कम से कम अनुभव के नाम पर एकतरफा 16 अंक देने के निर्णय को चुनोती तो दी जानी चाहिए, भले ही इस मामले पर कोर्ट कुछ भी निर्णय दे। अंकों को रिजनेबल किए जाने की मांग करना गैरवाजिब तो नहीं। इस मुद्दे पर कोई साथी साथ आना चाहे तो अपना नम्बर व जिला जरूर लिखे। अगर इस मामले में किसी ने कोई याचिका दायर कर रखी है तो उल्लेख जरूर करें। धन्यवाद।
HSSC exam syllabus for teacher Haryana
HSSC recruitment 2015 PGT computer science,Fine art, Music vacancy
HSSC recruitment 2015 - TGT English 1035 posts
HSSC PGT School lecturer 6874 vacancy 2015 Haryana
HSSC 1919 TGT vacancy in Haryana
Official notification for experience marks and syllabus
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पीजीटी अंग्रेजी की भर्ती में अव्वल रैंक हासिल करने वाले कई आवेदकों को प्रार्थनापत्र भी नहीं लिखना आता
http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/31-dec-2015-edition-Kaithal-page_9-3357-6945-170.html
सरकार द्वारा की गई अधिकतर शिक्षकों की भर्तियों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड कमजोर था, लेकिन उन्हें साक्षात्कार में ज्यादा अंक देकर शिक्षक बना दिया गया और जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा था, उन्हें कम नंबर देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 1यही नहीं हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड की विज्ञापन संख्या 1/2012 की अंग्रेजी पीजीटी में ऐसे शिक्षकों की भर्ती की गई है, जिन्हें अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र तक लिखना नहीं आता। आरटीआइ से मिली एक सूचना से सामने आया कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में साक्षात्कार के समय कागजात कम पाए जाने पर भर्ती बोर्ड ने साक्षात्कार में शामिल होने के लिए तथा एक सप्ताह बाद कागजात ज्यादा कराने बारे बोर्ड जो प्रार्थना पत्र आवेदकों से लिखवाए गए थे, वह भी उन्हें लिखने नहीं आया। यहां तक कि अंग्रेजी में सेक्रेटरी की स्पेलिंग भी आवेदक सही नहीं लिख सके।1हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा 2012 में की गई अंग्रेजी पीजीटी भर्ती के मामले में सूचना के अधिकार के तहत पंचकूला निवासी नरेंद्र ने सूचना मांगी थी। सूचना के तहत चौंकाने वाले मामले सामने आए। सूचना के तहत बोर्ड ने आवेदक को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए आवेदकों से लिखवाए गए प्रार्थनापत्रों को भी दिया। इसमें एक दर्जन से अधिक प्रार्थनापत्र बोर्ड ने आवेदकों को भेजे। इसमें सामने आया कि कुछ आवेदकों ने जो प्रार्थना पत्र लिखे हैं, वह उन्हें लिखने ही नहीं आ रहे यानि अंग्रेजी पीजीटी के आवेदन करने वाले शिक्षक अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र सही ढंग से ही नहीं लिख सके। इसमें आवेदकों को वाक्य ही नहीं बनाने आ रहे और साथ ही कई स्पेलिंग भी गलत थी। अंग्रेजी के पीजीटी शिक्षकों ने हंिदूी में प्रार्थना पत्र लिखे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में प्रदेश में पहला रैंक हासिल करने वाली एक महिला उम्मीदवार को प्रार्थना पत्र में सेक्रेटरी की स्पेलिंग तक लिखनी नहीं आ रही।पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्ताें को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।
भर्ती - साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता
पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्ता को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्तां को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।
मासिक व वार्षिक परीक्षाओं में नकल
शिक्षा विभाग ने बेहतर शिक्षा देने के लिए प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर हर माह व वार्षिक परीक्षा लेने का निर्णय लिया, लेकिन इस परीक्षाओं में भी शिक्षकों की आपसी सेटिंग की वजह से स्कूलों का परीक्षा परिणाम अच्छा दिखाने के लिए बहुत से स्कूलों में खुल्लम-खुला नकल चलती है, ऐसे में मासिक व वार्षिक परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
नीति ठीक नहीं
सरकार द्वारा की गई अधिकतर शिक्षकों की भर्तियों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड कमजोर था, लेकिन उन्हें साक्षात्कार में ज्यादा अंक देकर शिक्षक बना दिया गया और जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा था, उन्हें कम नंबर देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 1यही नहीं हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड की विज्ञापन संख्या 1/2012 की अंग्रेजी पीजीटी में ऐसे शिक्षकों की भर्ती की गई है, जिन्हें अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र तक लिखना नहीं आता। आरटीआइ से मिली एक सूचना से सामने आया कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में साक्षात्कार के समय कागजात कम पाए जाने पर भर्ती बोर्ड ने साक्षात्कार में शामिल होने के लिए तथा एक सप्ताह बाद कागजात ज्यादा कराने बारे बोर्ड जो प्रार्थना पत्र आवेदकों से लिखवाए गए थे, वह भी उन्हें लिखने नहीं आया। यहां तक कि अंग्रेजी में सेक्रेटरी की स्पेलिंग भी आवेदक सही नहीं लिख सके।1हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा 2012 में की गई अंग्रेजी पीजीटी भर्ती के मामले में सूचना के अधिकार के तहत पंचकूला निवासी नरेंद्र ने सूचना मांगी थी। सूचना के तहत चौंकाने वाले मामले सामने आए। सूचना के तहत बोर्ड ने आवेदक को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए आवेदकों से लिखवाए गए प्रार्थनापत्रों को भी दिया। इसमें एक दर्जन से अधिक प्रार्थनापत्र बोर्ड ने आवेदकों को भेजे। इसमें सामने आया कि कुछ आवेदकों ने जो प्रार्थना पत्र लिखे हैं, वह उन्हें लिखने ही नहीं आ रहे यानि अंग्रेजी पीजीटी के आवेदन करने वाले शिक्षक अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र सही ढंग से ही नहीं लिख सके। इसमें आवेदकों को वाक्य ही नहीं बनाने आ रहे और साथ ही कई स्पेलिंग भी गलत थी। अंग्रेजी के पीजीटी शिक्षकों ने हंिदूी में प्रार्थना पत्र लिखे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में प्रदेश में पहला रैंक हासिल करने वाली एक महिला उम्मीदवार को प्रार्थना पत्र में सेक्रेटरी की स्पेलिंग तक लिखनी नहीं आ रही।पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्ताें को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।
भर्ती - साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता
पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्ता को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्तां को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।
मासिक व वार्षिक परीक्षाओं में नकल
शिक्षा विभाग ने बेहतर शिक्षा देने के लिए प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर हर माह व वार्षिक परीक्षा लेने का निर्णय लिया, लेकिन इस परीक्षाओं में भी शिक्षकों की आपसी सेटिंग की वजह से स्कूलों का परीक्षा परिणाम अच्छा दिखाने के लिए बहुत से स्कूलों में खुल्लम-खुला नकल चलती है, ऐसे में मासिक व वार्षिक परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
नीति ठीक नहीं
सरकारी स्कूलों में पद खाली रहने तथा रेशनेलाइजेशन नहीं होने के कारण कई सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या न होने के बाद भी शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो गई है और ऐसे शिक्षकों को उन स्कूलों में नहीं भेजा जा रहा है, जहां सालों से पद खाली पड़े हैं, ऐसे शिक्षकों को अस्थायी तौर पर आंतरिक व्यवस्था करके उन स्कूलों में भेजा जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा, जिस कारण पढ़ाई प्रभावित हो ही रही है। आरटीई की धारा 16 है, जो सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को सीधा प्रभावित कर रही है। इस धारा के तहत हर बच्चे को मौलिक शिक्षा दी जानी है। इसमें कहीं भी फेल या पास का जिक्र नहीं होने के कारण बच्चे को अगली कक्षा में दाखिले से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में यदि बच्चे ने मौलिक शिक्षा का सही ग्रेड प्राप्त भी न किया हो तो उसे अगली कक्षा में दाखिला देना मजबूरी भी बन जाता है। साथ ही शिक्षकों की कमी, शिक्षा में बार-बार हो रहे प्रयोग, पांचवीं, आठवीं कक्षा का बोर्ड नहीं होना भी गिरते स्तर के लिए जिम्मेदार है।1-रामकुमार गर्ग, प्रदेश महासचिव, हरियाणा गवर्नमेंट स्कूल ¨प्रसिपल एसोसिएशन
Official notification for experience marks and syllabus
http://www.hssc.gov.in/writereaddata/PublicNotices/300_1_1_hssc0003.PDF
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[ Question papers, syllabus and answer key HTET HSSC PRT TGT PGT
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Total marks-200 (160 marks written exam + 16 marks experience + 24 marks interview). There will be 80 questions in exam , each question carry 2 marks.
Sr. No. | Notice | Against Advertisement No. | Category No. | Download |
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1 | Examination Notice TGT Physical Education and TGT English (Mewat Cadre) | 3/2015 and 9/2015 | 2 & 2 | (116 KB) |
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