चंडीगढ़ औद्योगिक एवं पर्यटन विकास निगम (सिटको ) द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए बनाये जा रहे मिड डे मील के स्तर, सुरक्षा व स्वच्छता पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने गम्भीर सवाल खड़े किए हैं व सिटको के विरुद्ध कार्रवाई का भी सुझाव दिया है।
उल्लेखनीय है कि शहर में सरकारी स्कूलों के लगभग 2 लाख बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसके लिए सिटको से संबंधित चंडीगढ़ इस्टीच्यूट आॅफ होटल मेनेजमेंट व अंबेडकर इंस्टीच्यूट आफ मेनेजमेंट की सेवायें ली जा रही हैं। इस संबंध में गत वर्ष संसद में पेश वर्ष 2009 से 2014 तक की अवधि की रिपोर्ट में कहा गया कि चंडीगढ़ में मिड डे मील अस्वच्छ हालत में बनाया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार यह भोजन टूटे व गंदे बरतनों में बनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि सिटको सेक्टर 17 में स्थित होटल शिवालिक व्यू के परिसर में यह भोजन तैयार करता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रशासन के भोजन के निरीक्षण के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों और प्रयोगशालाओं की सेवायें भी नहीं ली हैं। लेखा परीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्धारित निरीक्षणों की संख्या से लगभग 40 प्रतिशत कम निरीक्षक तैनात किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ में 1.51 करोड़ रुपये की लागत से 7 सामूहिक रसोई घर में प्रतिदिन 10,000 से 15,000 बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जा सकता है।-----------------------------------------------
(28.12.2015)मिड डे मील की जिम्मेदारी से मुक्त हुए मुख्य शिक्षक
मिड डे मील पर निगरानी की जिम्मेदारी अब स्कूल मुखियाओं पर नहीं रहेगी। इस जिम्मेदारी से मुख्य शिक्षकों को मुक्त कर दिया गया है। उनकी जगह स्कूल का कोई अन्य शिक्षक तैनात किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद ने सभी स्कूल मुखियाओं को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। पहले स्कूल मुखियाओं को कई महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर मिड डे मील पर नजर रखनी पड़ती थी। मसलन, क्या बनाया जा रहा है, भोजन अच्छा बनाने के लिए क्या- क्या किया गया है, उचित मात्रा में है या नहीं, राशन पूरा है या नहीं।
इन तमाम जिम्मेदारियों के कारण स्कूल मुखिया मिड डे मील में उलझे रहते थे। इस कारण स्कूल मुखिया को ज्यादा समय मिड डे मील पर नजर रखने में गुजर जाता था। इस कारण स्कूल के बाकी कार्य पूरे नहीं हो पाते थे। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा ने सभी स्कूल मुखियाओं को पत्र जारी कर आदेश दिये हैं कि मिड डे मील पर स्कूल हैड नजर नहीं रखेंगे। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में किसी अन्य शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाए।
बीईओ करेंगे जाकर जांच।
बीईओ करेंगे जाकर जांच।
जिस शिक्षक की यह जिम्मेदारी लगाई जाएगी, उसका नाम व पद भी रिकॉर्ड में दर्ज होगा। अक्सर शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को हल्के में ले जाते हैं, लेकिन इस मामले में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी। बकायदा बीईओ मौके पर जाकर पता लगाएंगे कि स्कूल मुखिया ने किसी शिक्षक को जिम्मा सौंपा है। यह भी देखा जाएगा कि वह शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है या नहीं। भविष्य में यदि मिड डे मील से संबंधित कोई शिकायत आती है तो उस शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
आदेश जारी किये गये हैं: डॉ. यज्ञदत्त
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का कहना है कि स्कूल मुखियाओं को स्कूल संबंधित अन्य कई काम करने पड़ते हैं। इसके साथ ही मिड डे मील संबधित कार्य भी, लेकिन अब यह नहीं होगा। अब स्कूल मुखिया यह कार्य नहीं करेंगे। इसके लिए स्कूलों के ही अन्य अध्यापक की डयूटी लगाई जाएगी। स्कूल मुखियाओं को यह लिखित में बताना होगा कि उन्होंने किस शिक्षक को जिम्मेदारी सौंपी है।
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का कहना है कि स्कूल मुखियाओं को स्कूल संबंधित अन्य कई काम करने पड़ते हैं। इसके साथ ही मिड डे मील संबधित कार्य भी, लेकिन अब यह नहीं होगा। अब स्कूल मुखिया यह कार्य नहीं करेंगे। इसके लिए स्कूलों के ही अन्य अध्यापक की डयूटी लगाई जाएगी। स्कूल मुखियाओं को यह लिखित में बताना होगा कि उन्होंने किस शिक्षक को जिम्मेदारी सौंपी है।
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