सीधा ट्रेजरी से लिंक होगी बायोमेट्रिक मशीन
जागरण संवाददाता,सोनीपत: जिले के स्कूलों में हाजिरी को सख्ती से लागू करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन को सीधे ट्रेजरी से ¨लक किया जाएगा। 15 जनवरी के बाद इसको लिंक कर दिया जाएगा। बायोमेट्रिक मशीन के ट्रेजरी से ¨लक होने के बाद इसी के आधार पर वेतन बनाया जाएगा। इसमें जो शिक्षक समय पर नहीं आएंगे या बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाएंगे तो स्वत: ही उनका वेतन कट कर दिया जाएगा।
जिले के सभी स्कूलों में 1 दिसंबर से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां पर बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं शुरू हो सकी है। इन स्कूलों मे मुख्य अध्यापक कुछ न कुछ बहाना बना कर इस बायोमेट्रिक हाजिरी से बच रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए ही शिक्षा विभाग ने बायोमेट्रिक मशीन को ट्रेजरी से ¨लक करने का निर्णय लिया है, ताकि सभी इस स्कूल इस नियम का पालन करें।
समस्याओं का नहीं हुआ समाधान
बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू होने के साथ ही शिक्षक समय के पाबंद तो हो गए है, लेकिन इससे प्राचार्य और तकनीकी स्टाफ की मुश्किलें बढ़ गई है। सुबह जब सभी शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी लगाते हैं तो सर्वर डाउन हो जाता है। इससे आधे से ज्यादा शिक्षक हाजिरी लगाने से वंचित रह जाते हैं। कई बार सुबह के समय बिजली भी गुल हो जाती है। इस कारण हाजिरी नहीं लग पाती है। जिन शिक्षकों की हाजिरी नहीं लग पाती है उन सभी शिक्षकों द्वारा मेल की जाती है। जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में जनरेटर या इनर्वटर की व्यवस्था नहीं है। जिन कुछ स्कूलों में जनरेटर हैं वह भी ठप पड़े हैं। यह जनरेटर निजी कंपनी द्वारा लगाए गए थे। अब विभाग का इसके साथ करार खत्म हो गया है। इस कारण इनको कुछ समय बाद हटाए जाने की भी चर्चा है। बायोमेट्रिक हाजिरी के ट्रेजरी से ¨लक होने से शिक्षकों की ¨चता बढ़ गई है। इस व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो समय पर हाजिरी कैसे संभव होगी।
अब भी कुछ स्कूल ऐसे हैं जो बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने में आनाकानी कर रहे हैं। बायोमेट्रिक मशीन के ट्रेजरी ¨लक होने के बाद ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
-परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी।
जागरण संवाददाता,सोनीपत: जिले के स्कूलों में हाजिरी को सख्ती से लागू करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन को सीधे ट्रेजरी से ¨लक किया जाएगा। 15 जनवरी के बाद इसको लिंक कर दिया जाएगा। बायोमेट्रिक मशीन के ट्रेजरी से ¨लक होने के बाद इसी के आधार पर वेतन बनाया जाएगा। इसमें जो शिक्षक समय पर नहीं आएंगे या बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाएंगे तो स्वत: ही उनका वेतन कट कर दिया जाएगा।
जिले के सभी स्कूलों में 1 दिसंबर से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां पर बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं शुरू हो सकी है। इन स्कूलों मे मुख्य अध्यापक कुछ न कुछ बहाना बना कर इस बायोमेट्रिक हाजिरी से बच रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए ही शिक्षा विभाग ने बायोमेट्रिक मशीन को ट्रेजरी से ¨लक करने का निर्णय लिया है, ताकि सभी इस स्कूल इस नियम का पालन करें।
समस्याओं का नहीं हुआ समाधान
बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू होने के साथ ही शिक्षक समय के पाबंद तो हो गए है, लेकिन इससे प्राचार्य और तकनीकी स्टाफ की मुश्किलें बढ़ गई है। सुबह जब सभी शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी लगाते हैं तो सर्वर डाउन हो जाता है। इससे आधे से ज्यादा शिक्षक हाजिरी लगाने से वंचित रह जाते हैं। कई बार सुबह के समय बिजली भी गुल हो जाती है। इस कारण हाजिरी नहीं लग पाती है। जिन शिक्षकों की हाजिरी नहीं लग पाती है उन सभी शिक्षकों द्वारा मेल की जाती है। जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में जनरेटर या इनर्वटर की व्यवस्था नहीं है। जिन कुछ स्कूलों में जनरेटर हैं वह भी ठप पड़े हैं। यह जनरेटर निजी कंपनी द्वारा लगाए गए थे। अब विभाग का इसके साथ करार खत्म हो गया है। इस कारण इनको कुछ समय बाद हटाए जाने की भी चर्चा है। बायोमेट्रिक हाजिरी के ट्रेजरी से ¨लक होने से शिक्षकों की ¨चता बढ़ गई है। इस व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो समय पर हाजिरी कैसे संभव होगी।
अब भी कुछ स्कूल ऐसे हैं जो बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने में आनाकानी कर रहे हैं। बायोमेट्रिक मशीन के ट्रेजरी ¨लक होने के बाद ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
-परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी।
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