तबादले में नहीं चलेगी राजनीतिक दखलअंदाजी
अनिल बेताब, फरीदाबाद एक ही सरकारी स्कूल में कई वर्षों से जमे शिक्षकों की अब राजनीतिक आकाओं की मेहरबानी सेमनमर्जी नहीं चलेगी। राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक का एक जोन से दूसरे जोन में तबादला किया जा सकेगा।
सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले के लिए नई तबादला नीति लागू करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों को अलग-अलग जोन में बांट दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए नई नीति के तहत हर पांच वर्ष बाद अब शिक्षक का एक जोन से दूसरे जोन में तबादला किया जाएगा। गांव के सरकारी के स्कूल के शिक्षक का शहर तथा शहर में सेवा दे रहे शिक्षक को गांव के स्कूल में तबादला किया जाएगा। राज्य के शिक्षा निदेशालय की ओर से हर जिले के सरकारी स्कूलों को अलग-अलग जोन में बांट दिया गया है। जोन बांटने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही राज्य के शिक्षकों में विरोध भी शुरू होने लगा है।
निदेशालय ने जो जोन बांटे हैं, उनमें कई खामियां सामने आई हैं। जैसे एक गांव के कई स्कूलों को अलग-अलग जोन में रखा गया है। निदेशालय की ओर से जारी सूची के मुताबिक फरीदाबाद के गांव जसाना की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को जोन तीन में रखा गया है, तो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जसान को जोन सात में। जबकि दोनों स्कूल जसाना गांव के एक ही परिसर में हैं। इसी तरह नचौली गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को जोन एक में रखा गया है। इस गांव में पंचायत है।हालांकि जोन एक में नगर निगम क्षेत्र के स्कूल रखे गए हैं। राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष चतर ¨सह कहते हैं कि बहुत से शिक्षक बेहतर कार्य करते हैं। ऐसे शिक्षकों का तबादला नीति में ध्यान किया जाना चाहिए। सुधार के लिए अच्छी पहल है, लेकिन पारदर्शिता बहुत जरूरी है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए नई नीति के तहत हर पांच वर्ष बाद अब शिक्षक का एक जोन से दूसरे जोन में तबादला किया जाएगा। गांव के सरकारी के स्कूल के शिक्षक का शहर तथा शहर में सेवा दे रहे शिक्षक को गांव के स्कूल में तबादला किया जाएगा। राज्य के शिक्षा निदेशालय की ओर से हर जिले के सरकारी स्कूलों को अलग-अलग जोन में बांट दिया गया है। जोन बांटने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही राज्य के शिक्षकों में विरोध भी शुरू होने लगा है।
निदेशालय ने जो जोन बांटे हैं, उनमें कई खामियां सामने आई हैं। जैसे एक गांव के कई स्कूलों को अलग-अलग जोन में रखा गया है। निदेशालय की ओर से जारी सूची के मुताबिक फरीदाबाद के गांव जसाना की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को जोन तीन में रखा गया है, तो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जसान को जोन सात में। जबकि दोनों स्कूल जसाना गांव के एक ही परिसर में हैं। इसी तरह नचौली गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला को जोन एक में रखा गया है। इस गांव में पंचायत है।हालांकि जोन एक में नगर निगम क्षेत्र के स्कूल रखे गए हैं। राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष चतर ¨सह कहते हैं कि बहुत से शिक्षक बेहतर कार्य करते हैं। ऐसे शिक्षकों का तबादला नीति में ध्यान किया जाना चाहिए। सुधार के लिए अच्छी पहल है, लेकिन पारदर्शिता बहुत जरूरी है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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