एक क्लिक पर मिलेगा शिक्षकों का पूरा डाटा
सभी रैगुलर साथी टीचिंग /नोन टीचिंग, MIS पर अपनी प्रोफाइल अपडेट करने के लिए 400 केबी से कम साईज में अपनी व अपने साईन की तथा अपने ड्राइविंग लाइसेंस की Scanned फोटो अपने फोन में डाल लें
10TH 12TH + कोई भी डिप्लोमा ,BA B.ED. MA M.PHIL AND PHD ETC डिग्री सर्टिफिकेट की फोटो 100 केबी से कम साईज में साथ रखें ।अपने आश्रित सदस्यों के आधार नंबर, नाम की आधार वाली स्पेलिंग व फोन नंबर साथ रखें ।
अपना जीपीएफ व युनिक पे कोड नोट करके रखें ।
अपने ज्वाइनिंग आर्डर नंबर ,एडवोटाईज नंबर व डेट ,किस अथारिटी ने भर्ती की ये विवरण भी साथ रखो।
अपने ज्वाइनिंग आर्डर नंबर ,एडवोटाईज नंबर व डेट ,किस अथारिटी ने भर्ती की ये विवरण भी साथ रखो।
कहां कहां सर्विस की,विवरण लिख लें ।बेसिक पे,बैंड पे,HRA आदि, ट्रांसफर नंबर व कारण नोट कर लें ।
आपको अपनी प्रोफाइल अपडेट करने हेतु इनकी जरूरत पडे़गी।
आपको अपनी प्रोफाइल अपडेट करने हेतु इनकी जरूरत पडे़गी।
All Teachers,Lecturers, HM, Principal, Clerks
All are hereby directed to update their Teacher Profile and service record in MIS data. Teachers can collect their User ID and password from their concerned DDO.
1. Name of site- hryedumis.gov.in
1. Name of site- hryedumis.gov.in
2. All Mark sheets of 10th,12th, Graduation,Post Graduation , professional degrees are to be scanned and then to be uploaded.
3. The forms named Annexure P1 and P2 and guidelines can also be collected from concerned DDO
4. It is the personal responsibility of each employee to upload his/her data in MIS.
5. If any teacher will not upload his/her correct data in MIS upto 01-02-2016, strict disciplinary action will be initiated.
नोट~पूर्णतः चैक करके ही अप्रूवल हेतु सैंड करनी है।नहीं तो बाद में एडिड नहीं होगी।
मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम पर डाटा अपलोड करते ही मिलेगा हर शिक्षक को यूनिक आइडी नंबर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगातार गिरते जा रहे शिक्षा के स्तर और परीक्षा परिणाम को सुधारने के लिए अब शिक्षा विभाग ने नया कदम उठाया है। हालांकि यह नया कदम परीक्षा परिणाम सुधारने में कितना कारगर साबित होगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा, लेकिन इतना तय है कि यदि यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो शिक्षा विभाग का हर काम पेपर से पेपर लैस हो जाएगा। प्रदेश में अंबाला और पंचकूला जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के शिक्षक को हर डाटा आनलाइन किया जाएगा। इस डाटा को मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।
एमआइएस के जरिये शिक्षक को व्यक्तिगत व प्रोफेशनल हर तरह का डाटा इसी सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध रहेगा। यह भी कहा जा सकता है कि एक तरह से हर शिक्षक की सर्विस बुक आनलाइन कर दी जाएगी। इससे शिक्षकों के सामने आने वाली सर्विस बुक से संबंधित सभी दिक्कतें दूर हो जाएंगी।
See also - MIS data online portal Haryana , Important Dates Letter and instuctions
दरअसल प्रदेश में इस समय किसी भी स्कूल के शिक्षक व अधिकारी का डाटा आनलाइन नहीं है। यह सब कागजों में सिमटा हुआ है। अकसर सर्विस बुक न मिलना या गुम होना आम सी शिकायतें शिक्षा विभाग के पास पहुंचती हैं। इतना ही नहीं किस स्कूल में कितने शिक्षक व स्टाफ कार्यरत हैं और कौन सा कर्मचारी कहां सेवाएं दे रहा है यह तक डाटा शिक्षा विभाग के पास मौजूद नहीं रहता। इसी कारण शिक्षकों सहित अन्य स्टाफ की मनमर्जी चलती है, लेकिन अब ऐसी कोई भी दिक्कत सामने नहीं आएगी। शिक्षा विभाग ने एमआईएस पोर्टल पर अपने सारे स्टाफ का डाटा डालने के आदेश जारी कर दिए हैं। शुरुआत में अंबाला और पंचकूला जिले में यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यहां पर शिक्षकों को अपना हर डाटा इस पोर्टल पर अपलोड करना है। इसके लिए उन्हें दो दिनों का समय दिया गया है। स्टाफ जैसे ही अपना रिकार्ड बनाएगा उसका यूनिट आइडी व पासवर्ड जारी होगा ताकि कोई दूसरा व्यक्ति इस डाटा के साथ छेड़छाड़ न कर सके।
क्या-क्या होगा एमआइएस पर अपलोड
शिक्षा का नाम, उसके माता-पिता का नाम, उसका पता, आधार कार्ड व पासपोर्ट नंबर, पैन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, कितना वेतन ले रहा है, कितने साल से सेवाएं दे रहा है। वर्तमान में पो¨स्टग कहां है, कहां से ट्रांसफर हुई है, किसी क्रोनिकल बीमारी से पीड़ित तो नहीं है, परिवार के कितने सदस्य हैं, कौन-कौन उस पर डिपेंड हैं, हायर क्वालिफिकेशन, हाई व सीनियर सेकेंडरी शिक्षा कहां से ली, ज्वा¨नग कब हुई, कौन सी एजेंसी के जरिये हुई, विज्ञापन नंबर क्या था इस तरह की हर जानकारी स्टाफ को एमआइएस पर अपलोड करनी होगी। साथ ही उसकी हर कक्षा की डीएमसी भी स्कैन करके इसी पर डाली जाएगी।
यह होगा फायदा
इससे सारा कार्य पेपर लैस हो जाएगा। रिकार्ड गुम होने का डर नहीं रहेगा। रिटायरमेंट बेनीफिट, पेंशन संबंधी कार्य, एसीपी, इंक्रीमेंट, हायर क्वालीफिशन सुविधा, विदेशी जाने की अनुमति, ट्रांसफर याचिका आदि की सभी सुविधाएं इसी से मिलेंगी। इसके बाद बायोमैट्रिक मशीन से लगने वाली हाजिरी को भी शिक्षक के साथ रिकार्ड के साथ इंटीग्रेट कर दिया जाएगा। साथ ही मंथली टेस्ट मोनि¨ट्रग सिस्टम को भी इसी के साथ जोड़ा जाएगा। ऐसे करने से स्कूल में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी का पूरा रिकार्ड एक ही जगह आ जाएगा। इससे उन्हें दिए जाने वाले बेनीफिट को आसानी से दिया जा सकता है। इससे क्लेरिकल वर्क नहीं रहेगा। अभी शिक्षक को पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों का रिकार्ड भी मैनटेन करना पड़ता है। इसी कारण वह अपनी पढ़ाने की ड्यूटी सही तरीके से पूरा नहीं कर पाते।
हमने एमआइएस पर डाटा अपलोड करने का काम शुरू कर दिया है। अभी एमआइएस से केवल पंचकूला व अंबाला जिले में कार्यरत शिक्षकों व अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। यह पायलेट प्रोजेक्ट यहां कामयाब रहा तो इसे प्रदेशभर के स्कूलों में शुरू कर दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने मंथली बैठक के दौरान भी पूरे स्टाफ को अपना डाटा अपलोड करने के निर्देश दे दिए हैं।
बीईओ, अंबाला शहर।
दरअसल प्रदेश में इस समय किसी भी स्कूल के शिक्षक व अधिकारी का डाटा आनलाइन नहीं है। यह सब कागजों में सिमटा हुआ है। अकसर सर्विस बुक न मिलना या गुम होना आम सी शिकायतें शिक्षा विभाग के पास पहुंचती हैं। इतना ही नहीं किस स्कूल में कितने शिक्षक व स्टाफ कार्यरत हैं और कौन सा कर्मचारी कहां सेवाएं दे रहा है यह तक डाटा शिक्षा विभाग के पास मौजूद नहीं रहता। इसी कारण शिक्षकों सहित अन्य स्टाफ की मनमर्जी चलती है, लेकिन अब ऐसी कोई भी दिक्कत सामने नहीं आएगी। शिक्षा विभाग ने एमआईएस पोर्टल पर अपने सारे स्टाफ का डाटा डालने के आदेश जारी कर दिए हैं। शुरुआत में अंबाला और पंचकूला जिले में यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यहां पर शिक्षकों को अपना हर डाटा इस पोर्टल पर अपलोड करना है। इसके लिए उन्हें दो दिनों का समय दिया गया है। स्टाफ जैसे ही अपना रिकार्ड बनाएगा उसका यूनिट आइडी व पासवर्ड जारी होगा ताकि कोई दूसरा व्यक्ति इस डाटा के साथ छेड़छाड़ न कर सके।
क्या-क्या होगा एमआइएस पर अपलोड
शिक्षा का नाम, उसके माता-पिता का नाम, उसका पता, आधार कार्ड व पासपोर्ट नंबर, पैन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, कितना वेतन ले रहा है, कितने साल से सेवाएं दे रहा है। वर्तमान में पो¨स्टग कहां है, कहां से ट्रांसफर हुई है, किसी क्रोनिकल बीमारी से पीड़ित तो नहीं है, परिवार के कितने सदस्य हैं, कौन-कौन उस पर डिपेंड हैं, हायर क्वालिफिकेशन, हाई व सीनियर सेकेंडरी शिक्षा कहां से ली, ज्वा¨नग कब हुई, कौन सी एजेंसी के जरिये हुई, विज्ञापन नंबर क्या था इस तरह की हर जानकारी स्टाफ को एमआइएस पर अपलोड करनी होगी। साथ ही उसकी हर कक्षा की डीएमसी भी स्कैन करके इसी पर डाली जाएगी।
यह होगा फायदा
इससे सारा कार्य पेपर लैस हो जाएगा। रिकार्ड गुम होने का डर नहीं रहेगा। रिटायरमेंट बेनीफिट, पेंशन संबंधी कार्य, एसीपी, इंक्रीमेंट, हायर क्वालीफिशन सुविधा, विदेशी जाने की अनुमति, ट्रांसफर याचिका आदि की सभी सुविधाएं इसी से मिलेंगी। इसके बाद बायोमैट्रिक मशीन से लगने वाली हाजिरी को भी शिक्षक के साथ रिकार्ड के साथ इंटीग्रेट कर दिया जाएगा। साथ ही मंथली टेस्ट मोनि¨ट्रग सिस्टम को भी इसी के साथ जोड़ा जाएगा। ऐसे करने से स्कूल में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी का पूरा रिकार्ड एक ही जगह आ जाएगा। इससे उन्हें दिए जाने वाले बेनीफिट को आसानी से दिया जा सकता है। इससे क्लेरिकल वर्क नहीं रहेगा। अभी शिक्षक को पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों का रिकार्ड भी मैनटेन करना पड़ता है। इसी कारण वह अपनी पढ़ाने की ड्यूटी सही तरीके से पूरा नहीं कर पाते।
हमने एमआइएस पर डाटा अपलोड करने का काम शुरू कर दिया है। अभी एमआइएस से केवल पंचकूला व अंबाला जिले में कार्यरत शिक्षकों व अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। यह पायलेट प्रोजेक्ट यहां कामयाब रहा तो इसे प्रदेशभर के स्कूलों में शुरू कर दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने मंथली बैठक के दौरान भी पूरे स्टाफ को अपना डाटा अपलोड करने के निर्देश दे दिए हैं।
बीईओ, अंबाला शहर।
सरकारी टीचर्स का सारा डाटा ऑनलाइन
चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों समेत अफसरों का कुछ भी छिपा नहीं रहेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी के पर्सनल प्रोफाइल तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। यह डाटा विभाग के पास ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इस प्रोफाइल में शिक्षकों और गैर शिक्षकों के परिवार के बारे में भी जानकारी उपलब्ध रहेगी। टीचर का पुराना रिकार्ड उपलब्ध रहेगा। उन्हें मिले अवाडरें की भी जानकारी रहेगी। यह काम ऊपर से नीचे किया जाएगा यानी सबसे पहले जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के पर्सनल प्रोफाइल तैयार होंगे, उसके बाद उनसे मातहत कर्मचारियों और अफसरों की प्रोफाइल तैयार होगी।
हरियाणा का स्कूल शिक्षा विभाग सबकुछ ऑनलाइन करने जा रहा है। टीचर्स का तबादला भी ऑनलाइन होगा। टीचर्स की छुट्टी भी आनलाइन मिलेगी। इनाम विजेता टीचर्स को 58 साल की उम्र पूरी करने के बाद सर्विस में रखा जाता है तो उनकी एक्सटेंशन भी आनलाइन की जाएगी। विदेश जाने की अनुमति, अर्जित अवकाश और मेडिकल अवकाश भी आनलाइन मिलेगा। आकस्मिक अवकाश तो मोबाइल पर ही मिल जाएगा। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। इसलिए विभाग ने फैसला किया है कि सभी टीचर्स और गैर शिक्षकों का पूरा डाटा आनलाइन उपलब्ध होना चाहिए। एक क्लिक करते ही टीचर की पूरी जन्म पत्री खुल जाए, इसलिए पर्सनल प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय करीब 94000 स्थाई कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत हैं। यह पर्सनल प्रोफाइल सभी रेगुलर टीचर्स, नॉन टीचर्स की तैयार हो रही है।
"स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अफसरों, मुलाजिमों की पर्सनल प्रोफाइल तैयार कराई जा रही है। चूंकि सभी सेवाएं आनलाइन होने जा रही हैं इसलिए यह प्रोफाइल जरूरी है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। टीचर्स और नॉन टीचर्स की हाजिरी बायोमीट्रिक से लगाना जरूरी कर रखा है।" --
हरियाणा का स्कूल शिक्षा विभाग सबकुछ ऑनलाइन करने जा रहा है। टीचर्स का तबादला भी ऑनलाइन होगा। टीचर्स की छुट्टी भी आनलाइन मिलेगी। इनाम विजेता टीचर्स को 58 साल की उम्र पूरी करने के बाद सर्विस में रखा जाता है तो उनकी एक्सटेंशन भी आनलाइन की जाएगी। विदेश जाने की अनुमति, अर्जित अवकाश और मेडिकल अवकाश भी आनलाइन मिलेगा। आकस्मिक अवकाश तो मोबाइल पर ही मिल जाएगा। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। इसलिए विभाग ने फैसला किया है कि सभी टीचर्स और गैर शिक्षकों का पूरा डाटा आनलाइन उपलब्ध होना चाहिए। एक क्लिक करते ही टीचर की पूरी जन्म पत्री खुल जाए, इसलिए पर्सनल प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय करीब 94000 स्थाई कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत हैं। यह पर्सनल प्रोफाइल सभी रेगुलर टीचर्स, नॉन टीचर्स की तैयार हो रही है।
"स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी अफसरों, मुलाजिमों की पर्सनल प्रोफाइल तैयार कराई जा रही है। चूंकि सभी सेवाएं आनलाइन होने जा रही हैं इसलिए यह प्रोफाइल जरूरी है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। टीचर्स और नॉन टीचर्स की हाजिरी बायोमीट्रिक से लगाना जरूरी कर रखा है।" --
केशनी आनंद अरोड़ा, एसीएस, स्कूल शिक्षा विभाग
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सूरजकुंड मेला 1 फरवरी से
एक फरवरी से शुरू हो रहे 30 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में देश के हस्तशिल्पों, हथकरघा और सांस्कृतिक धरोहर की समृद्धि के साथ-साथ विविधता को भी दर्शाया जाएगा। 15 फरवरी तक चलने वाले इस उत्सव में लाखों की संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है।
पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि आगंतुकों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया करने के लिहाज से एजेंसियों के सहयोग से कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। मेले के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पहले ही शुरू की जा चुकी है।
इसके तहत कारपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी (सीएसआर) रिसर्च फाउंडेशन(नई दिल्ली) की ओर से सूरजकुंड मेला ग्राउंड में चार महिला शौचालय खंडों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जा रही हैं। इन मशीनों का संचालन सीएसआरआरएफ की महिला वालेंटियर करेंगी।
इनका रख-रखाव, वितरण और आपूर्ति भी फाउंडेशन की ओर से की जाएगी और मेले में पहुंचने वालों को निशुल्क वितरण किया जाएगा, लेकिन कंपनियों को ब्रांड प्रमोशन की अनुमति नहीं होगी।
प्रधान सचिव ने बताया कि मेला परिवेश को साफ-सुथरा रखने के लिए सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में ‘स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा’ अभियान को भी पूर्णत: ध्यान में रखा जाएगा।
इस लिहाज से मेले में जनसुविधाएं भी होंगी। मेले में पहुंचने वालों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए विभाग और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
मेले में होंगी यह सुविधाएं
पांच मोबाइल टॉयलेट वैन की सुविधा दी गई हैं, जबकि ई-टायलेट समेत एक दर्जन से भी अधिक शौचालय होंगे।
सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर वक्त सफाई कर्मचारी मेला परिसर में मौजूद रहेंगे।
पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि आगंतुकों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया करने के लिहाज से एजेंसियों के सहयोग से कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। मेले के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पहले ही शुरू की जा चुकी है।
इसके तहत कारपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी (सीएसआर) रिसर्च फाउंडेशन(नई दिल्ली) की ओर से सूरजकुंड मेला ग्राउंड में चार महिला शौचालय खंडों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जा रही हैं। इन मशीनों का संचालन सीएसआरआरएफ की महिला वालेंटियर करेंगी।
इनका रख-रखाव, वितरण और आपूर्ति भी फाउंडेशन की ओर से की जाएगी और मेले में पहुंचने वालों को निशुल्क वितरण किया जाएगा, लेकिन कंपनियों को ब्रांड प्रमोशन की अनुमति नहीं होगी।
प्रधान सचिव ने बताया कि मेला परिवेश को साफ-सुथरा रखने के लिए सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में ‘स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा’ अभियान को भी पूर्णत: ध्यान में रखा जाएगा।
इस लिहाज से मेले में जनसुविधाएं भी होंगी। मेले में पहुंचने वालों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए विभाग और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
मेले में होंगी यह सुविधाएं
पांच मोबाइल टॉयलेट वैन की सुविधा दी गई हैं, जबकि ई-टायलेट समेत एक दर्जन से भी अधिक शौचालय होंगे।
सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर वक्त सफाई कर्मचारी मेला परिसर में मौजूद रहेंगे।
दो वाटर एटीएम स्थापित किये गए हैं, ताकि मेले में पहुंचने वालों को आसानी से मिनरल वॉटर उपलब्ध हो सके।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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