साढौरा : विद्यार्थियों की परीक्षाएं सिर पर हैं लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक वर्ग इन दिनों एमआइएस डाटा ऑनलाइन करने में व्यस्त हैं। जिससे न केवल बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है बल्कि इस सेमेस्टर भी परीक्षा परिणाम खराब आने की संभावनाएं बढ़ गई है। स्कूल में कक्षाएं खाली पड़ी है क्योंकि डाटा ऑनलाइन करवाने में अध्यापकों को पूरा दिन कंप्यूटर के समक्ष ही बैठना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग ने डाटा ऑनलाइन करने का फरमान तो जारी कर दिया है, लेकिन स्कूलों में सुविधाओं के अभाव के चलते डाटा ऑनलाइन करने में दिक्कत आ रही है। कई स्कूलों में कंप्यूटर की दिक्कत है तो कहीं बिजली एवं नेट वर्क की। स्कूल मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम यानी एमआइएस ऑनलाइन करवाने के लिए स्कूल मुखिया ने इसके लिए कक्षा इंचार्ज की ड्यूटी लगानी पड़ रही है। कक्षा इंचार्ज को अपनी कक्षा के बच्चे का ही डाटा एकत्रित करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे के स्कूल में न आने की परिस्थिति में कक्षा इंचार्ज बच्चे के घर जाकर ही उसे ढूंढने में जुटा है। जिसके कारण से अध्यापक अपनी कक्षा पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। नतीजतन पढ़ाई बाधित हो रही है।
मार्च महीने में होने वाली परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों एवं अध्यापकों द्वारा तैयारी कराने के लिए अब यही मास बाकी रह गया है। अनेक अध्यापकों ने बताया कि अनेक विषयों का पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है। जिसके कारण से विद्यार्थियों एवं अध्यापकों की ¨चताएं अब बढ़ी हुई है। ऊपर से विभाग ने इसी माह में डाटा ऑनलाइन करने का दबाव बनाया हुआ है। अध्यापक नेता हरपाल बैंस, नरेन्द्रजीत सिंह लाडी एवं देवी चंद सैनी ने बताया कि 25 दिसंबर के बाद से ही स्कूलों में अध्यापन कार्य ढंग से नहीं हो पा रहा है। पहले छुट्टियां थी, फिर पंचायत चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लग गई। अब विभाग द्वारा लगातार डाटा भेजने के आदेश आ रहे है। बच्चों का ज्यादातर डाटा पूरा नहीं मिल रहा है। किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो किसी का बैंक खाता नहीं खुला है। स्कूलों में सिस्टम से नेट नहीं चल पा रहा है इस कारण से अध्यापक वर्ग को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शिक्षक नेता चमन लाल सैनी एवं सुशील सैनी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहतर परीक्षा परिणाम लाने के लिए हाय तौबा मचाएं हुए है मगर दूसरी तरफ अध्यापकों से अतिरिक्त कार्य लेकर उनको पढ़ाने का समय नहीं दे रही है। सरकार एवं विभाग को चाहिए कि शिक्षकों से केवल इन दिनों अध्यापन कार्य ही लिया जाए।www.facebook.com/teacherharyana
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