जाट आंदोलन

जाट आंदोलन

चंडीगढ़ : हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के काबू नहीं आ रहे जाट आंदोलन को संभालने के लिए नया पैंतरा फेंका गया है। पंचायत प्रतिनिधियों के दायित्व ग्रहण के तुरंत बाद राज्य सरकार ने जिला परिषद व ब्लाक समिति के चेयरमैन के चुनाव का ऐलान कर दिया। राज्य में जब जाट आंदोलन भड़का था, तब सरकार ने अचानक ही पंचायत चुनाव का ऐलान कर दिया था और अब फिर जाट आंदोलन चरम पर है तो उसे नियंत्रित करने की मंशा से चेयरमैन के चुनाव घोषित कर दिए हैं। 1 प्रदेश में जिला परिषद व ब्लाक समिति के चेयरमैन तथा वाइस चेयरमैन के जिला एक साथ 24 फरवरी को होंगे। राज्य में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है। हर जिले में डीसी अलग-अलग तारीखों में अपनी सुविधा के अनुसार जिला परिषद व ब्लाक समिति के चेयरमैन के चुनाव कराते हैं। इस चुनाव में चूंकि जोड़तोड़ हावी रहती है और पार्टियों की गुटबाजी से यह चुनाव अलग नहीं माना जाता। भाजपा सूत्रों के अनुसार सरकार ने एकाएक चेयरमैन के चुनाव घोषित कर जाट आंदोलन कर रहे नेताओं व इसके लिए माहौल बना रहे रणनीतिकारों का ध्यान बांटने की कोशिश की है।
भाजपा की कोशिश है कि वह सभी 21 जिलों में अपने चेयरमैन बनाए। उसे डेढ़ दर्जन जिलों में अपने अनुकूल माहौल भी नजर आ रहा है, लेकिन सबसे अधिक दिक्कत ब्लाक समिति के चुनाव में आने वाली है। एक जिले में तीन से लेकर छह तक ब्लाक समिति हैं। जिप के चेयरमैन के बाद ब्लाक समिति के इतने अधिक चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का चुनाव कराना जिला उपायुक्त के लिए असंभव तो नहीं बल्कि मुश्किल जरूर है। भाजपा सूत्रों की मानें तो इस तरह का इशारा सरकार को हाईकमान से मिला है, ताकि जाट आंदोलन के रणनीतिकार अपनी पसंद के चेयरमैन बनाने की कोशिशों में जुट जाएं। भाजपा को यह भी लग रहा कि जिस प्रकार पंचायत चुनाव के एलान के बाद जाट नेताओं ने राज्य में जाट आंदोलन चुनाव निपट जाने के बाद करने का एलान किया था, ठीक वैसा एलान चेयरमैन के चुनाव के संबंध में किया
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4 comments:


  1. चमत्कारी व्यक्तित्व वाले महान जाट नायक, किसान मसीहा, भारतीय किसान यूनियन के आजीवन अध्यक्ष रहे चौ महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के हित में जो आन्दोलन चलाये, उन्होंने सरकार को बुरी तरह हिला कर रख दिया था .
    http://jatnayak.com/baba-mahendra-singh-tikait/

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  2. चौ. चरण सिंह किसानों के मसीहा थे. उनके दिल में किसानों के प्रति बहुत प्रेम था. जब वह देश के सर्वोच्च पद पर पंहुचे और वह प्रधानमंत्री बने तो उनहोंने किसानो के हितों के लिए कई योजनाओं का शुभारम्भ किया.
    http://jatnayak.com/chaudhary-charan-singh/

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  3. महाराजा सूरजमल भारत के सबसे धनी राजा थे. उनके काल के राजपूत राजाओं में वह अकेले राजा थे जिन्होंने 80 से अधिक युद्ध लडे और हरेक युद्ध में शानदार सफलता हासिल की. उन्होंने मुग़ल सत्ता को सदा चुनौती दी और उसको मात दी.
    http://jatnayak.com/maharaja-surajmal/

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  4. चौ. छोटूराम ने किसानों, विशेषकर जाटों के हित में जो आन्दोलन चलाया, उससे वह न केवल सत्ता के उच्च शिखर तक पहंचे, बल्कि उन्होंने देश के गरीब किसान और मजदूर की किस्मत ही बदल डाली. इसीलिए उनको दीनबंधु और रहबर-ए-आज़म की उपाधि दी गयी.
    http://jatnayak.com/sir-chhoturam/

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