जेबीटी 9455 चयनित जेबीटी को नियुक्ति पर रोक जारी
जासं, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 9455 चयनित जेबीटी टीचर की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने से इन्कार करते हुए सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी। सरकार की तरफ से असिस्टेंट एडवोकेट जनरल केशव गुप्ता ने कोर्ट के आदेश पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया एडिशनल एफिडेविट बेंच को सौंपा। एफिडेविट में हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड के भंग किए जाने व रिकॉर्ड हैंडओवर करने के बारे में विस्तृत ब्योरा दिया गया।Jbt court case update 17.02.2016
असिस्टेंट एडवोकेट जनरल केशव गुप्ता ने कहा कि भर्ती में सब कुछ तय प्रक्रियाओं के तहत ही कार्य किए गए हैं
और किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं हुई है। बोर्ड द्वारा रिजल्ट अपलोड करते समय अकेडमिक के एमए के 2 अंकों की इंटरव्यू के अंकों में तकनीकी गलती से हुई ड्रेगिंग को बेवजह याचिकाकर्ताओं द्वारा गड़बड़ी बताया जा है
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9455 जेबीटी भर्ती मामले में हलफनामा दाखिल
ब्यूरो / अमर उजाला, चंडीगढ़-हरियाणा में 9455 जेबीटी भर्ती के लिए तैयार मेरिट से जुड़े अतिरिक्त अंकों में गड़बड़ी का आरोप लगाती याचिका की सुनवाई के दौरान बुधवार को डायरेक्टर मौलिक शिक्षा एमएल कौशिक ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया।
ब्यूरो / अमर उजाला, चंडीगढ़-हरियाणा में 9455 जेबीटी भर्ती के लिए तैयार मेरिट से जुड़े अतिरिक्त अंकों में गड़बड़ी का आरोप लगाती याचिका की सुनवाई के दौरान बुधवार को डायरेक्टर मौलिक शिक्षा एमएल कौशिक ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया।
इसके जरिये उन्होंने कहा है कि परिणाम का रिकार्ड हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एचएसएससी) को सौंप दिया गया था। यह दस्तावेज तत्कालीन शिक्षक भर्ती बोर्ड के रिकार्ड कीपर की ओर से सौंपा गया बताया जा रहा है।
इसी बीच एचएसएससी की ओर से कहा गया कि शिक्षक भर्ती बोर्ड के गोपनीय क्लर्क मनोज को बोर्ड भंग होने के बाद एचएसएससी में ही नियुक्ति दे दी गई थी। रिकार्ड उसी के पास रहा। इस दौरान एचएसएससी की ओर से रिकार्ड लेने की प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं पड़ी।
बहरहाल जस्टिस ऋतु बाहरी की एकल बेंच ने डायरेक्टर मौलिक शिक्षा का शपथ पत्र रिकार्ड पर लेते हुए सुनवाई 23 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर एक क्लर्क ने कंप्यूटरों के बारे में कोई जानकारी न होने की बात कही थी। उसने कहा था कि उसके पास परिणाम का दस्तावेजी रिकार्ड था, लेकिन कंप्यूटर्स का उसे नहीं पता और न ही उसके पास कोई कंप्यूटर लाया गया। उसने ऐसे किसी कंप्यूटर की शिनाख्त नहीं की, जिसमें असल परिणाम हो।
अब हाईकोर्ट ने सरकार से फिर शपथ पत्र मांगा है कि कंप्यूटर्स में परिणाम कब तैयार हुआ, यह कंप्यूटर कहां रखे गए और किस-किस की कस्टडी में कब-कब रहे।
इससे पहले हाईकोर्ट में कहा गया था कि परिणाम का गोपनीय रिकार्ड त्रिलोक चंद के पास रहा, लेकिन पिछली सुनवाई पर मनोज नामक क्लर्क को पेश किया गया और मनोज ने उपरोक्त खुलासा हाईकोर्ट में किया था।
इसी बीच एचएसएससी की ओर से कहा गया कि शिक्षक भर्ती बोर्ड के गोपनीय क्लर्क मनोज को बोर्ड भंग होने के बाद एचएसएससी में ही नियुक्ति दे दी गई थी। रिकार्ड उसी के पास रहा। इस दौरान एचएसएससी की ओर से रिकार्ड लेने की प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं पड़ी।
बहरहाल जस्टिस ऋतु बाहरी की एकल बेंच ने डायरेक्टर मौलिक शिक्षा का शपथ पत्र रिकार्ड पर लेते हुए सुनवाई 23 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई पर एक क्लर्क ने कंप्यूटरों के बारे में कोई जानकारी न होने की बात कही थी। उसने कहा था कि उसके पास परिणाम का दस्तावेजी रिकार्ड था, लेकिन कंप्यूटर्स का उसे नहीं पता और न ही उसके पास कोई कंप्यूटर लाया गया। उसने ऐसे किसी कंप्यूटर की शिनाख्त नहीं की, जिसमें असल परिणाम हो।
अब हाईकोर्ट ने सरकार से फिर शपथ पत्र मांगा है कि कंप्यूटर्स में परिणाम कब तैयार हुआ, यह कंप्यूटर कहां रखे गए और किस-किस की कस्टडी में कब-कब रहे।
इससे पहले हाईकोर्ट में कहा गया था कि परिणाम का गोपनीय रिकार्ड त्रिलोक चंद के पास रहा, लेकिन पिछली सुनवाई पर मनोज नामक क्लर्क को पेश किया गया और मनोज ने उपरोक्त खुलासा हाईकोर्ट में किया था।
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