अब हर दिन छह घंटे जरूर पढ़ाएंगे
गुड़गांव : अब कॉलेजों में प्राध्यापक किसी बहाने से कक्षा में पढ़ाने के बजाय दूसरे कामों में मशगूल नहीं रह पाएंगे। उच्चतर शिक्षा विभागकी तरफ से हर प्राध्यापक के लिए प्रतिदिन कम से कम छह कक्षाएं लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम परीक्षाओं से पहले सही तरीके से पूरा होने और रिजल्ट में सुधार होने की उम्मीद है।उच्चतर शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार, अब एक प्राध्यापक को एक दिन में छह घंटे यानि छह कक्षाएं और एक हफ्ते में कम से कम 36 कक्षाएं लेनी होंगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्राध्यापकों की कक्षाएं लेने की दर को प्रतिदिन रजिस्टर में दर्ज किया जाए ताकि सभी प्राध्यापकों के बारे में जरूरत पड़ने पर विभाग जानकारी ले सके। अगर किसी प्राध्यापक के रिकॉर्ड में गड़बड़ी मिलती है तो उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है। अभी तक कॉलेजों में अधिकतर प्राध्यापक लापरवाही दिखाते हुए कभी दो तो कभी तीन लेक्चर ही देते हैं।
एक प्राध्यापक ने पूरे सेमेस्टर में कितनी कक्षाएं ली, इसका रिकॉर्ड सेमेस्टर के आखिरी में बनकर तैयार होता है। इस रिकॉर्ड को अबतक प्राध्यापक खुद ही मेनटेन करते थे और आमतौर पर कम कक्षाएं लेने के बावजूद उसे ज्यादा दिखाकर गड़बड़ी करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, हर महीने प्राध्यापकों की पूरी रिपोर्ट की जांच की जाएगी।
विभाग की तरफ से विद्यार्थियों से भी पूछा जाएगा कि प्राध्यापक कक्षाओं में पहुंच रहे हैं या नहीं। इतना ही नहीं इस रिकॉर्ड की जांच पहले महीना पूरा होने पर कॉलेज स्तर पर की जाएगी व फिर इस रिकॉर्ड को वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा, जिसके बाद विभाग इसकी जांच करेगा।
रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रामकिशन ने कहा कि अब नए नियम के आ जाने के बाद प्राध्यापक सतर्क हो जाएंगे और इससे विद्यार्थियों को भी फायदा होगा कि उनका पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सकेगा। ऐसे में इस नए नियम के आ जाने से अब परिणामों पर भी असर पड़ेगा।
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