हरियाणा के विश्वविद्यालयों में होगी पंचायती राज विषय की पढ़ाई
चंडीगढ़। हरियाणा के बदले पंचायती राज कानून को मिले व्यापक जनसमर्थन से उत्साहित सरकार अब पंचायती राज व्यवस्था की पढ़ाई कराएगी। राज्य सरकार तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स (डिप्लोमा) आरंभ करेगी। पहले चरण में विश्वविद्यालयों में पंचायती राज व्यवस्था विषय की पढ़ाई होगी।
प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने यहां पंचायती राज व्यवस्था की पढ़ाई आरंभ करने की योजना का खुलासा किया है। धनखड़ के अनुसार हरियाणा में पहली बार 56 प्रतिशत पंचायत प्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए हैं। महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
मनोहर सरकार का नया प्रयोग, तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स
मनोहर सरकार का नया प्रयोग, तीन माह का सर्टिफिकेट कोर्स
ENGLISH elective subject clarification - Kurukshetra university
उन्हाेंने कहा कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों से 10-10 प्रतिशत अधिक उम्मीदवार चुनकर आए हैैं। नई और यूथ लीडरशिप उभरकर सामने आई। यह पहला मौका है, जब चुनाव ने गांवों को आपस में जोड़ा और भाईचारे की मिसाल कायम की है।
उन्हाेंने कहा कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों से 10-10 प्रतिशत अधिक उम्मीदवार चुनकर आए हैैं। नई और यूथ लीडरशिप उभरकर सामने आई। यह पहला मौका है, जब चुनाव ने गांवों को आपस में जोड़ा और भाईचारे की मिसाल कायम की है।
धनखड़ के मुताबिक, यह भी पहली बार हुआ कि 333 बेटियां सरपंच का चुनाव जीती हैं। सर्वसम्मति और सामाजिक बदलाव का इतना बड़ा उदाहरण हरियाणा और देश तो क्या दुनिया में नहीं है। पंचायतें अब अंगूठा टेक नहीं बल्कि हाईटेक और अंगुली से चलने वाली होंगी।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज व्यवस्था के बारे में हर किसी को जानकारी देने के उद्देश्य से तीन माह का डिप्लोमा कोर्स आरंभ किया जा रहा है। यह डिप्लोमा करने के लिए वही शैक्षणिक योग्यता रहेगी, जो पंचायत चुनाव लडऩे के लिए लागू की गई है। पंचायत विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर पाठ्यक्रम तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
पंचायत मंत्री ने बताया कि हरियाणा के पंचायती राज कानून में हुए बदलावों की देश भर में सराहना हुई है। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों ने यहां के कानून का अध्ययन करने के लिए जानकारी मांगी है। नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने से जुड़े सवाल पर धनखड़ ने कहा कि सरकार को पहले उनके मान की चिंता है और वह हम बढ़ा चुके हैं।
हर गांव की होगी अलग वेबसाइट
पंचायत मंत्री ने बताया कि हरियाणा के पंचायती राज कानून में हुए बदलावों की देश भर में सराहना हुई है। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों ने यहां के कानून का अध्ययन करने के लिए जानकारी मांगी है। नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने से जुड़े सवाल पर धनखड़ ने कहा कि सरकार को पहले उनके मान की चिंता है और वह हम बढ़ा चुके हैं।
हर गांव की होगी अलग वेबसाइट
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