रोहतक : हरियाणा बोर्ड के खराब परीक्षा परिणाम को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से नौवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक सेमेस्टर प्रणाली को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा करने से जहां अधिकांश शिक्षक व अभिभावक खुश हैं वहीं कुछ शिक्षक इसका विरोध भी कर रहे है। हालांकि विरोध करने वाले शिक्षक खुलकर सामने नहीं आ रहे, लेकिन दबी जुबां में इसका विरोध भी हो रहा है।
सरकार के अनुसार ऐसा करने से परीक्षा परिणाम में सुधार आएगा और बच्चों का बौद्धिक विकास भी होगा। इसको लेकर शिक्षकों ने अपनी राय रखी।
सेमेस्टर प्रणालली बंद करने का निर्णय सही है और इसका 20 से लेकर 40 फीसद तक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस निर्णय से उन शिक्षकों को परेशानी हो रही है जो कभी परीक्षा में ड्यटी तो कभी मार्किंग में ड्यूटी लगवाकर ऐश करते थे, लेकिन सेमेस्टर सिस्टम बंद होने से बच्चों पर शिक्षक अधिक ध्यान दे पाएंगे और पढ़ाई भी अच्छी होगी। दूसरा जो बच्चे रट्टा मारकर पास होते थे उन्हें भी अच्छी तरह से पढ़ाई करनी होगी और हर चीज को समझना होगा। यह निर्णय पहले ही ले लिया जाना चाहिए था।
-राजेश सिवाना, जिला प्रधान, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
प्रदेश सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली बंद करके बच्चों व शिक्षकों का काफी समय बचा लिया है। सेमेस्टर प्रणाली होने के कारण साल में दो माह बच्चों के परीक्षा व मार्किंग के कारण खराब होते थे, लेकिन सेमेस्टर प्रणाली बंद करके सरकार ने एक तो बोर्ड का भार कम किया है और बच्चों को भी बेहतर शिक्षा ग्रहण करने का मौका दिया है। अब बच्चों को पहले ही अपेक्षा दो माह अतिरिक्त मिलेंगे और वह पूरे पाठ्यक्रम को अच्छी प्रकार से समझ पाएंगे और परीक्षा में भी अच्छे नंबर हासिल कर पाएंगे।
सरकार के अनुसार ऐसा करने से परीक्षा परिणाम में सुधार आएगा और बच्चों का बौद्धिक विकास भी होगा। इसको लेकर शिक्षकों ने अपनी राय रखी।
सेमेस्टर प्रणालली बंद करने का निर्णय सही है और इसका 20 से लेकर 40 फीसद तक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस निर्णय से उन शिक्षकों को परेशानी हो रही है जो कभी परीक्षा में ड्यटी तो कभी मार्किंग में ड्यूटी लगवाकर ऐश करते थे, लेकिन सेमेस्टर सिस्टम बंद होने से बच्चों पर शिक्षक अधिक ध्यान दे पाएंगे और पढ़ाई भी अच्छी होगी। दूसरा जो बच्चे रट्टा मारकर पास होते थे उन्हें भी अच्छी तरह से पढ़ाई करनी होगी और हर चीज को समझना होगा। यह निर्णय पहले ही ले लिया जाना चाहिए था।
-राजेश सिवाना, जिला प्रधान, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ
प्रदेश सरकार ने सेमेस्टर प्रणाली बंद करके बच्चों व शिक्षकों का काफी समय बचा लिया है। सेमेस्टर प्रणाली होने के कारण साल में दो माह बच्चों के परीक्षा व मार्किंग के कारण खराब होते थे, लेकिन सेमेस्टर प्रणाली बंद करके सरकार ने एक तो बोर्ड का भार कम किया है और बच्चों को भी बेहतर शिक्षा ग्रहण करने का मौका दिया है। अब बच्चों को पहले ही अपेक्षा दो माह अतिरिक्त मिलेंगे और वह पूरे पाठ्यक्रम को अच्छी प्रकार से समझ पाएंगे और परीक्षा में भी अच्छे नंबर हासिल कर पाएंगे।
-बलजीत सहारण, जिला प्रधान, हसला
सेमेस्टर सिस्टम बंद होने का बच्चों पर असर तो पड़ेगा ही क्योंकि इस योजना के कारण बच्चे साल में दो बार पाठ्यक्रम को पढ़ते थे और पहले परीक्षा देने के बाद उस पाठ्यक्रम को भूल जाते थे, लेकिन अब बच्चों को पूरा पाठ्यक्रम अपने टिप्स पर याद करना होगा। सेमेस्टर प्रणाली में रट्टा फिकेशन को बढ़ावा मिल रहा था, लेकिन अब बच्चों को अपने बौद्धिक ज्ञान को बढ़ाना होगा। इससे बच्चों की मानसिक स्थिति का विकास होगा और वह बेहतर परिणाम लेकर आएंगे।
-राजेंद्र, प्रदेशाध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
सरकार द्वारा सेमेस्टर सिस्टम बंद करने से बच्चों को दो माह का समय और मिलेगा। सेमेस्टर सिस्टम के कारण साल के बीच में परीक्षा करवाना और फिर मार्किंग करने का झंझट रहता था, जिसमें दो माह खराब होते थे। इससे बच्चों की पढ़ाई का तो नुकसान होता ही था, साथ में शिक्षकों का वर्क लोड भी बढ़ गया था। सेमेस्टर प्रणाली बंद होने से अब शिक्षक भी अपना पूरा समय बच्चों को दे पाएंगे और अच्छी प्रकार के पढ़ाई करवाकर बेहतर परिणाम देने में सफल होंगे। इससे निश्चित तौर पर परीक्षा परिणाम में सुधार आने ही उम्मीद है।
-राजेंद्र, प्रदेशाध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
सरकार द्वारा सेमेस्टर सिस्टम बंद करने से बच्चों को दो माह का समय और मिलेगा। सेमेस्टर सिस्टम के कारण साल के बीच में परीक्षा करवाना और फिर मार्किंग करने का झंझट रहता था, जिसमें दो माह खराब होते थे। इससे बच्चों की पढ़ाई का तो नुकसान होता ही था, साथ में शिक्षकों का वर्क लोड भी बढ़ गया था। सेमेस्टर प्रणाली बंद होने से अब शिक्षक भी अपना पूरा समय बच्चों को दे पाएंगे और अच्छी प्रकार के पढ़ाई करवाकर बेहतर परिणाम देने में सफल होंगे। इससे निश्चित तौर पर परीक्षा परिणाम में सुधार आने ही उम्मीद है।
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