वार्ता के बुलावे के बाद जाट संगठन अभी आंदोलन नहीं करने को राजी

वार्ता के बुलावे के बाद जाट संगठन अभी आंदोलन नहीं करने को राजी
जागरण संवाददाता, हिसार। जाट संगठनों ने आरक्षण की मांग को लेकर 18 मार्च से दोबारा आंदोलन शुरू नहीं करेंगे। हरियाणा सरकार की ओर से जाट संगठनाें को वार्ता के लिए बुलाए जाने के बाद जाट संगठनों ने अभी आंदोलन नहीं शुरू करने का निर्णय किया। शुक्रवार को हरियाणा भवन में मुख्य सचिव एवं डीजीपी की यशपाल मलिक के नेतृत्व वाले अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ बातचीत होगी।
उधर, रोहतक में आरक्षण बिल पर स्थिति स्पष्ट न होने से नाराज युवाओं ने सांकेतिक धरना शुरू करने का एेलान कर दिया है। बिल का मसौदा देखने के बाद ही वे आगे कोई फैसला करेंगे। जाट संगठनों द्वारा दिया गया अल्टीमेटम की अवधि बृहस्पतिवार रात में खत्म हो गई।
हिसार के जाट धर्मशाला में हुई बैठक में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक भी मौजूद थे। बताया जाता है कि बैठक के दौरान सीटीएम सरजीत सिंह नैन ने यशपाल मलिक से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उन्हें हरियाणा सरकार ने 18 मार्च को बातचीत के लिए चंडीगढ़ बुलाया है। बताया जाता है कि अन्य जाट संगठनों को भी इसी तरह का संदेश दिया गया है।
रोहतक में आंदोलन पर अड़े जाट युवा सांकेतिक धरना देने पर हुए राजी
यशपाल मलिक की अध्यक्षता में बैठक में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा चल रही थी कि सीटीएम सरजीत सिंह नैन सरकार का आमंत्रण लेकर पहुंचे। इसके बाद वहां मौजूद प्रतिनिधियों में इस पर चर्चा हुई। बैठक में सहमति बनी कि शुक्रवार को बातचीत में शामिल हुआ जाए।हिसार में बैठक करते जाअ संगठन के सदस्य।
बैठक में बताया गया कि शुक्रवार को डीजीपी और मुख्य सचिव के साथ बैठक में होगी। इसमें सभी मांगों पर बातचीत होगी । वार्ता चंडीगढ़ में दिन में साढ़े 12 बजे होगी। मलिक ने कहा कि यदि बातचीत सिरे नहीं चढ़ती है तो आंदोलन के लिए वह तैयार हैं।
ओबीसी में चाहिए आरक्षण
मलिक ने कहा कि सरकार को हमने पहले ही बिल को जल्दबाजी में नहीं लाने के लिए कहा था। बिल को टेक्नीकल कमेटी व अन्य अधिकारियों को दिखाया जाएगा, ताकि आरक्षण देने के बाद उस पर कोई अड़चन पैदा न हो। मलिक ने कहा कि हमें एसबीसी में नहीं बल्कि ओबीसी में आरक्षण चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरकार से बातचीत के बाद सभी पदाधिकारी 19 और 20 मार्च को जिला स्तर पर फैसले से लोगों को अवगत करवाएंगे। उसके बाद 21 मार्च को दिल्ली में बैठक होगी, उसमें आगे की रणनीति पर बातचीत होगी। इस बैठक में हरियाणा के पदाधिकारियों के अलावा उत्तर प्रदेश व दिल्ली के लोग भी भाग लेंगे।
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रोहतक में बैठक करते जाट संगठनों के प्रतिनिधि।
रोहतक में जाट भवन और टिटौली गांव में जाट संगठनों व खापों की बैठक हुई। सरकार से वार्ता के निमंत्रण दिए जाने के बीच वहां ऊहापोह की स्थिति रही। इसमें आंदोलन को लेकर स्पष्ट राय नहीं बन पाई और कोेई फैसला नहीं हाे पाया था। गांव टिटौली में हो रही पंचायत में 21 गांवों के लोग मौजूद थे। लोगों में विधानसभा में जाट आरक्षण बिल अब तक पेश नहीं होने पर नाराजगी थी।
रोहतक मेें तैनात सुरक्षा बलों व पुलिस के जवान।
रोहतक में आंदोलन दोबारा शुरू करने पर अड़ गए युवा
रोहतक के जाट भवन में हुई पंचायत में युवा आरक्षण बिल पर स्थिति स्पष्ट न होने पर आक्रोशित हो गए। उन्होंने शुक्रवार से आंदोलन का एेलान कर दिया, लेकिन बाद में खाप और युवा जाट एकता मंच के प्रतिनिधियों के समझाने पर वे सांकेतिक धरना पर तैयार हुए।
लंबी मंत्रणा के बाद प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि शुक्रवार को वह आरक्षण बिल का मसौदा देखने के लिए चंडीगढ़ जाएंगे इसके बाद ही अग्रिम रणनीति की घोषणा करेंगे। तब तक जाट भवन पर सांकेतिक धरना जारी रहेगा। युवा जाट एकता मंच की बैठक दोपहर तीन बजे होनी थी। इससे पहले ही 21 गांव के दर्जनों लोग टिटौली गांव स्थित कुंडू पंचायत भवन में जमा हो गए। यहां दोपहर तक बैठक चलती रही और लोग सरकार के विधानसभा बिल पेश करने का इंतजार करते रहे।
84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत के नेतृत्व में हुई बैठक में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए हर गांव के पांच सदस्यों की कमेटी बनाने पर भी चर्चा हुई। इसके बाद दोपहर तीन बजते ही काफी संख्या में अधिकतर युवा शामिल थे। वह जाट भवन की ओर चले गए। जाट भवन में कई खापों के प्रधान और युवा जाट एकता मंच के आह्वान पर बैठक हुई।
अर्द्ध सैनिक जवानों के 3000 जवान हरियाणा पहुंचे
दूसरी ओर, रोहतक व हिसार सहित पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। रोहतक सहित विभिन्न शहरों में प्रशासन ने धारा 144 के तहत निशेधाज्ञा लागू कर दी है। सुरक्षा बलों को चौकस कर दिया गया है और शहर में पुलिस व सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। शहर में फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों के 3000 जवानों को हरियाणा भेजा है। इसके अलावा दिल्ली को जल की आपूर्ति करने वाली मुनक नहर की सुरक्षा के लिए 300 जवानों को तैनात किया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान यहां पहुंच गए हैं। सभी संवेदनशील जगहोंए राजमार्गों पर कुछ स्थानों पर और मुनक नहर के लिए अर्द्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है।www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)

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