नौ जिलों में जिप चेयरमैन का चुनाव आज
हरियाणा के नौ जिलों में जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव रविवार 6 मार्च को कराए जाएंगे। इन पदों का चुनाव पहली बार ईवीएम के जरिए कराने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया है।
आयोग ने पहले इन चुनावों की तिथि 24 फरवरी तय की थी, लेकिन प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन से उपजे हालात के मद्देनजर चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। बीते रविवार को आयोग ने नई अधिसूचना जारी कर
आयोग ने पहले इन चुनावों की तिथि 24 फरवरी तय की थी, लेकिन प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन से उपजे हालात के मद्देनजर चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। बीते रविवार को आयोग ने नई अधिसूचना जारी कर
नौ जिलों- अंबाला, कैथल, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, रेवाड़ी, पंचकूला, सिरसा व यमुनानगर में चुनाव कराने का फैसला लिया।
फिलहाल ब्लाक समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का चुनाव रविवार को नहीं कराया जा रहा। यह चुनाव 8 व 9 मार्च को होंगे।
प्रदेश के बदले हालात के बीच जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसकी जीत-हार सत्तारूढ़ भाजपा को अपनी छवि परखने का मौका देगी। वहीं विपक्षी दल इनेलो और कांग्रेस भी जिला परिषदों के इन पदों पर काबिज होकर जनता के बीच अपनी पैठ का आंकलन करेंगे।
खास बात यह भी है कि जिस दल को भी जिला परिषद का अध्यक्ष पद हासिल होगा, उसे ही संबंधित जिले में ग्रामीण सियासत का प्रमुख भी माना जाता रहा है। मगर आरक्षण आंदोलन से बदल चुके हालात के बीच इस चुनाव में राजनीतिक दलों के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।
भाजपा के लिए यह चुनाव करो या मरो की स्थिति वाले हैं, क्योंकि आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश भर में भड़की हिंसा, लूटपाट की घटनाओं ने जनता के बीच भाजपा की साख को धक्का लगाया है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नतीजे आने पर जिस तरह भाजपा ने अधिकांश सीटों पर पार्टी समर्थित उम्मीदवारों की जीत का दावा किया था, उसकी वास्तविकता जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में दिखाई देगी। माना जा रहा है कि अगर भाजपा इन चुनावों में जिला परिषद अध्यक्ष पदों पर काबिज नहीं हो सकी तो प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों में देरी भी हो सकती है।
चुनाव की तैयारियां पूरी:
इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सभी नौ जिलों में जिला प्रशासन ने चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
प्रदेश के बदले हालात के बीच जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसकी जीत-हार सत्तारूढ़ भाजपा को अपनी छवि परखने का मौका देगी। वहीं विपक्षी दल इनेलो और कांग्रेस भी जिला परिषदों के इन पदों पर काबिज होकर जनता के बीच अपनी पैठ का आंकलन करेंगे।
खास बात यह भी है कि जिस दल को भी जिला परिषद का अध्यक्ष पद हासिल होगा, उसे ही संबंधित जिले में ग्रामीण सियासत का प्रमुख भी माना जाता रहा है। मगर आरक्षण आंदोलन से बदल चुके हालात के बीच इस चुनाव में राजनीतिक दलों के समीकरण गड़बड़ा सकते हैं।
भाजपा के लिए यह चुनाव करो या मरो की स्थिति वाले हैं, क्योंकि आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदेश भर में भड़की हिंसा, लूटपाट की घटनाओं ने जनता के बीच भाजपा की साख को धक्का लगाया है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नतीजे आने पर जिस तरह भाजपा ने अधिकांश सीटों पर पार्टी समर्थित उम्मीदवारों की जीत का दावा किया था, उसकी वास्तविकता जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में दिखाई देगी। माना जा रहा है कि अगर भाजपा इन चुनावों में जिला परिषद अध्यक्ष पदों पर काबिज नहीं हो सकी तो प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों में देरी भी हो सकती है।
चुनाव की तैयारियां पूरी:
इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सभी नौ जिलों में जिला प्रशासन ने चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
फतेहाबाद में 18 जिला परिषद वार्ड
अंबाला के 15
कैथल के 21
हिसार के 30
रेवाड़ी के 18
झज्जर के 19
सिरसा के 24
यमुनानगर के 18
पंचकूला के 10
जिला परिषद वार्डों के पार्षद रविवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे।
अंबाला के 15
कैथल के 21
हिसार के 30
रेवाड़ी के 18
झज्जर के 19
सिरसा के 24
यमुनानगर के 18
पंचकूला के 10
जिला परिषद वार्डों के पार्षद रविवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे।
बाढड़ा में पंचायत समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान आज
बाढड़ा पंचायत समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए रविवार को बीडीपीओ आफिस में मतदान होगा। यह चुनाव भी पहले 24 फरवरी को ही निर्धारित था, लेकिन आरक्षण आंदोलन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। रविवार को 26 नवनिर्वाचित सदस्य पंचायत समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के भाग्य का फैसला करेंगे।
बाढड़ा पंचायत समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए रविवार को बीडीपीओ आफिस में मतदान होगा। यह चुनाव भी पहले 24 फरवरी को ही निर्धारित था, लेकिन आरक्षण आंदोलन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। रविवार को 26 नवनिर्वाचित सदस्य पंचायत समिति अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के भाग्य का फैसला करेंगे।
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