जाटों ने आंदोलन टाला, खट्टर सरकार को दुविधा में

चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू)-सरकार के साथ बातचीत के बाद जाटों ने 31 मार्च तक आंदोलन स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक नया पेंच फंसा दिया। समिति ने बीसी-बी कैटेगरी में ही आरक्षण की मांग करके खट्टर सरकार को दुविधा में डाल दिया। अभी तक सरकार बीसी-सी की नयी श्रेणी बनाकर जाटों को आरक्षण देने की तैयारी में थी
हिसार में यशपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई जाटों की महापंचायत के बाद सरकार ने मलिक को वार्ता के लिए चंडीगढ़ बुलाया। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली वार्ता के बाद मलिक ने कहा कि हमें बीसी-बी कैटेगरी में ही आरक्षण चाहिए, 
बीसी-सी में मंजूर नहीं। 
अगर बीसी-बी को लेकर कानूनी अड़चन है तो सेक्शन-9 के तहत आरक्षण दें।
इससे पहले रविवार को हुई ढेसी कमेटी की बैठक में जाट एवं खाप प्रतिनिधियों ने आरक्षण के लिए 3 फार्मूले दिए थे। उनमें से
एक फार्मूला बीसी-सी की अलग श्रेणी बनाकर 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी, जिस पर सरकार मान गयी थी। इसी आधार पर विधेयक का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, लेकिन मंत्रियों व विधायकों में तालमेल नहीं होने के कारण इसे विधानसभा में नहीं रखा जा सका। अब मलिक गुट द्वारा बीसी-बी में ही आरक्षण की मांग करने के बाद नया पेंच फंसता दिख रहा है।

इन 7 बिंदुओं पर चर्चा
  • बीसी-बी श्रेणी में 3 प्रतिशत आरक्षण जोड़कर इसे 14 प्रतिशत किया जाए और जाटों को भी शामिल किया जाए।
  • चालू बजट सत्र में ही आरक्षण विधेयक पास किया जाए
  • जाटों की मांगों को लेकर केंद्र के स्तर पर कमेटी बने
  • मारे गये लोगों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा, नौकरी
  • बिना सबूत किसी के खिलाफ भी पुलिस केस दर्ज न हो
  • गलत तरीके से दर्ज झूठे मामले वापस होने चाहिये
  • पक्षपात करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाईwww.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in Haryana news (Recruitment , vacancy , job , news)

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