नौ जिलों में से सिर्फ कैथल में सिरे चढ़ा चुनाव, 8 जगह टालना पड़ा


नौ जिलों में से सिर्फ कैथल में सिरे चढ़ा चुनाव, 8 जगह टालना पड़ा

कैथल, पानीपत. (हरियाणा) जिला परिषद के चेयरमैन-वाइस चेयरमैन के चुनाव में रविवार उम्मीद से ज्यादा ड्रामा हुआ। कैथल में रूठने-मनाने के दो घंटे चले दौर के बाद भाजपा दोनों कुर्सियों पर अपने समर्थक बैठाने में कामयाब रही। यहां पार्टी के कुछ अपने तो दगा दे गए, अलबत्ता इनेलो के तीन पार्षदों के समर्थन से चुनाव सिरे चढ़ गया।
इधर, सिरसा में कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर फिलहाल इनेलो को कुर्सी पर काबिज नहीं होने दिया। यहां इनेलो के पास बहुमत था लेकिन कोरम (दो तिहाई) पूरा नहीं हुआ।
फतेहाबाद : बराला के गृह जिले में 18 में से 11 पार्षद भाजपा विरोधी
जिला परिषद की बैठक में तो एक भी पार्षद नहीं पहुंचा लेकिन 11 पार्षद आशीर्वाद पैलेस मेें बैठकर भाजपा का चेयरमैन न बने, इसे लेकर रणनीति बनाते रहे। भाजपा विरोधी मोर्चे में जिला पार्षदों की संख्या 9 से बढ़कर 11 हो गई। भाजपा के करीबी माने जा रहे पार्षद राजेश कस्वां व उनकी पत्नी सुनीता कस्वां भी मोर्चे में शामिल हो गए।
अम्बाला, यमुनानगर, पंचकूला में एक भी पार्षद नहीं पहुंचा, बैठक स्थगित
अम्बाला में बहुमत के लिए भाजपा और इनेलो सिर धड़ की बाजी लगा रहे हैं, इसी वजह से बैठक में एक भी पार्षद नहीं पहुंचा। एडीसी मोनिका मलिक एक घंटा इंतजार करती रहीं। यमुनानगर में भी कोई पार्षद नहीं पहुंचा। यहां भाजपा और बसपा में टक्कर है। बैठक से ऐन पहले चर्चा रही किa इनेलो बसपा का साथ दे सकती है।
झज्जर : कोरम पूरा न होनेेे से टले चुनाव
19 पार्षदों वाले झज्जर जिला परिषद के चुनाव कोरम के लिए जरूरी 13 पार्षदों के न आने से नहीं हो सके। दो महिला पार्षदों समेत पांच ही पहुंचे। 19 में से 11 पार्षद भाजपा समर्थित हैं। अब इनमें ही चेयरमैन की कुर्सी के लिए खेमेबाजी बनी हुई है। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने एक दिन पहले बैठक कर सभी पार्षदों को खेमेबाजी से दूर हटकर एक नाम के लिए राजी कर लिया। हालांकि चुनाव वाले दिन ये पार्षद फिर बिखर गए।
भाजपा शनिवार से ही 21 में 15 पार्षदों को अपने पास रखकर ‘मेहमान नवाजी’ कर रही थी। रविवार को जिला परिषद भवन में बैठक शुरू हुई तो उसके साथ 13 पार्षद दिखे। सीएम हाउस की तरफ से बंद लिफाफे में चेयरमैन के लिए सुखविंद्र कौर और वाइस चेयरमैन के लिए मुनीष कठवाड़ का नाम निकला। इस पर भाजपा की पार्षद नीलम के पति सुरेंद्र ने विरोध शुरू कर दिया और उठकर चले गए। एकबारगी यहां जाट-गैर जाट पर पेंच फंस गया। इसी बीच इनेलो के तीन पार्षदों ने जाट प्रत्याशी सुखविंद्र का समर्थन किया तो सर्वसम्मति से चुनाव हो गया।
हिसार : दुष्यंत और विधायक तो पहुंचे, पार्षद नहीं
जिप चेयरमैनी में पूरी दिलचस्पी दिखा रहे इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला और विधायक रणबीर सिंह गंगवा तो बैठक स्थल पर पहुंच गए, लेकिन कोई पार्षद न पहुंचने की वजह से बैठक स्थगित कर दी गई। यहां पहले ही तय था भाजपा को चेयरमैनी से दूर रखने के लिए विपक्षी बहिष्कार करेंगे।
रेवाड़ी : राव और नरबीर धड़ों में बंटी भाजपा
बैठक में एक भी जिला पार्षद नहीं पहुंचा। चेयरमैन पद को लेकर यहां कांग्रेस- इनेलो पूरी तरह से खामोश हैं। सीधी लड़ाई भाजपा के दो खेमों के बीच में हैं। पार्षदों का एक धड़ा केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत तो दूसरा पीडब्लयूडी राव नरबीर सिंह व भाजपा के कुछ पदाधिकारियों के हिसाब से चल रहा है। इस बैठक में कम से कम 12 पार्षदों का होना बहुत जरूरी था।

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