HBSE 10th marking and other news

10वीं की मार्किंग आज से
भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं की मूल्यांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है। प्रक्रिया समय पर पूरी हो पाएगी इसे लेकर संशय बना है। असमंजस की स्थिति के लिए शिक्षा बोर्ड की कार्य प्रणाली को जिम्मेदार माना जा रहा है। एक तरफ यह स्पष्ट किया गया है कि मूल्यांकनकर्ता और मुख्य मूल्यांकनकर्ता वही हो सकते हैं जिन्होंने पिछले सत्र में 10वीं में अध्यापन कार्य कराया है। वहीं दूसरी तरफ टीजीटी अध्यापकों को मूल्यांकन के लिए नियुक्त किया गया है जबकि ज्यादातर टीजीटी अध्यापकों ने पिछले सत्र में 10वीं को पढ़ाया ही नहीं। ऐसे में संशय इस बात का भी बना हुआ है कि 10वीं का परीक्षा परिणाम 15 मई से भी लेट हो सकता है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव के नाम सहायक सचिव मदन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अध्यापकों ने बताया कि शिक्षा बोर्ड ने निर्देश दिए हैं कि मूल्यांकनकर्ता और मुख्य मूल्यांकन कर्ता वही हो सकते हैं जिन्होंने 10वीं कक्षा में पिछले सत्र में अध्यापन कार्य किया है। वहीं शिक्षा बोर्ड सचिव ने स्कूलों के लगभग सभी टीजीटी अध्यापकों को 10वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त किया है
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बोर्ड परीक्षाएं संपन्न, प्रदेश भर में नकल के 3800 मामले दर्ज

भिवानी : स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं 12वीं की परीक्षाओं में इस बार नकल के 3800 मामले दर्ज किए गए। जबकि 6 मामले ऐसे पकड़े गए जहां असल परीक्षार्थी की बजाय दूसरा परीक्षा दे रहा था। बोर्ड सचिव पंकज ने बताया कि पिछले साल करीब पांच हजार केस पकड़े गए थे। 13 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा की पवित्रता भंग होने के कारण विभिन्न विषयों के पेपर रद्द किए गए हैं। पुन: परीक्षा बारे स्थान, तिथि समय जल्द घोषित होगा।
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सरपंचों के बच्चे निजी स्कूल में, वे कैसे बढ़वाएंगे सरकारी स्कूलों में संख्या
आज प्रवेश उत्सव, सरपंचों से मांगेंगे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने में सहयोग
राई : शिक्षा विभाग भले ही दावा करे कि इस बार पंचायतों के सहयोग से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ा लेंगे, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। जिन सरपंचों पर वे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का भरोसा कर रहे हैं, उन सरपंचों में से अधिकांश के खुद के परिवार के बच्चे भी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। एेसे में सवाल उठता है कि आखिर शिक्षा विभाग इन सरपंचोंं के सहयोग से कैसे विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाएगा।
शिक्षा विभाग ने एक अप्रैल को प्रवेश उत्सव मनाने का फैसला लिया है। इसमें सभी स्कूलों को प्राचार्य एवं हेडमास्टर अपने-अपने स्कूलों में गांव के नवनियुक्त सरपंचो, पंचों ब्लॉक समिति सदस्यों काे बुला रहे हैं। इनकों बुलाने के पीछे सरकारी स्कूलाें में विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने के लिए इनका सहयोग लेना है। राई विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो अधिकतर सरपंचों को ही सरकारी स्कूल की शिक्षा, सुविधा सुरक्षा पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि गांव के मुखिया के बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। वे भले ही गांव में जाकर प्रदेश सरकार की नई शिक्षा नीति का ढिंढोरा पीटे, लेकिन जब तक वे खुद अपने परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं दिलाएंगे तो गांव के अन्य लोग उनकी बात पर कैसे विश्वास करेंगे।
सरकारी स्कूल में पढ़ाने चाहिए बच्चे
नाहरा गांव निवासी रिटायर्ड प्राचार्य हवासिंह दहिया ने कहा कि सरकार ने इस बार शिक्षित पंचायत बनाई है। सभी सरपंच, पंच ब्लॉक समिति सदस्य शिक्षित हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए अपने घर से इसकी शुरूआत करें। अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजें। सभी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी सरकारी स्कूल में ही अपने बच्चे पढ़ाने के लिए प्रेरित करें। जिससे स्कूल की शिक्षा, सुविधा सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जा सके।
एक अप्रैल को मनेगा प्रवेश उत्सव
"एक अप्रैल को प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। हम सभी सरपंचों से अपील करेंगे कि वे अपने बच्चे भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाएं। जिससे गांव के लोग प्राइवेट स्कूलों की महंगी शिक्षा से बचकर सरकारी शिक्षा के प्रति आकर्षित हो सकें।''
-- सुरेंद्र माेर
खंड शिक्षा अधिकारी राई।
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प्राध्यापकों ने किया बायोमीट्रिक हाजिरी का बहिष्कार
जमकर की नारेबाजी, बायोमीट्रिक का बहिष्कार आगे भी जारी रखने का निर्णय
सोनीपत : प्राध्यापक वर्ग को अनुशासन में बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा उत्तर पुस्तिका जांच में भी लागू बायोमैट्रिक सिस्टम का विरोध हो गया है। 28 मार्च से शुरू हुई उत्तर पुस्तिका जांच के लिए 30 मार्च को शिक्षा विभाग ने बायोमैट्रिक पर हाजिरी अनिवार्य की थी। गुरुवार को प्राध्यापक वर्ग राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल टाउन स्थित मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचे तो जरूर, लेकिन बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं लगाई। दोपहर को इस व्यवस्था को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र पर जमकर नारेबाजी की गई, घोषणा की कि वे आगे भी बायोमैट्रिक हाजिरी का बहिष्कार जारी रखेंगे।
250 लोगों की हाजिरी एक साथ कैसे लगेगी 
वरिष्ठ प्राध्यापक कृष्ण वत्स ने कहा कि मूल्यांकन कार्य के लिए केंद्र में 250 प्राध्यापकों की नियुक्ति हैं। मशीन उतनी है नहीं, ऐसे में प्राध्यापकों की हाजिरी सही प्रकार से कैसे लगेगी। यह स्थिति मूल्यांकन कार्य खत्म करने के बाद शाम पांच बजे के बाद भी रहेगी।
इससे बेवजह का दबाव बनेगा 
प्राध्यापकों के संगठन हसला के प्रधान सतनारायण ने बताया कि विभाग का यह फैसला न्याय संगत नहीं है, क्योंकि इससे प्राध्यापकों पर एक गलत तरीके का दबाव बनेगा। प्राध्यापकों को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक बैठना ही होगा, जबकि प्राध्यापक वर्ग का कार्य महज कॉपी जांचना है। काफी प्राध्यापक दूर से भी आते हैं। अभी प्राध्यापक कॉपी जांचने का कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं, लेकिन विभाग की इस व्यवस्था से उन्हें देर तक रुकना होगा।
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श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर प्रदर्शन
जासं, गुड़गांव:प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में श्रम कानूनों में बदलाव करने के विरोध में वीरवार को सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा मिनी सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रमिकों ने भाग लिया। श्रमिक सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। श्रमिक नेताओं कामरेड रामकुमार, एसएल प्रजापति, कुलदीप जाघू, पवन कुमार आदि ने कहा कि जिसका डर था, वही हुआ। हरियाणा सरकार ने मालिकों के पक्ष में श्रम कानूनों के साथ छेड़छाड़ कर विधानसभा में श्रम कानूनों में बदलाव से संबंधित बिल पारित कराया है, जिसके विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए है। श्रम कानूनों में जो संशोधन पारित किए हैं उससे प्रदेश में उद्योगपतियों मनमानी चलेगी। हरियाणा सरकार ने भी राजस्थान सरकार की तर्ज पर श्रम कानूनों में संशोधन यह सिद्ध कर दिया है कि वर्तमान सरकार को मजदूरों के हितों से कोई लेना देना नहीं है। श्रमिकों को श्रमिक नेता अनिल पवार, सूरज पाण्डेय, एसएन दहिया, वीएस यादव, ्र योगेश भारद्वाज, ओमवीर शर्मा खजान सिह यादव आदि ने भी श्रमिकों को संबोधित करते हुए श्रमिक विरोधी प्रस्ताव को निरस्त करने की माग की है।
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दसवीं व बारहवीं कक्षा की हरियाणा ओपन बोर्ड की परीक्षा आज
जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा शिक्षा ओपन बोर्ड की की दसवीं व बारहवीं कक्षा की परीक्षा शुक्रवार से शुरू होगी। शिक्षा विभाग ने परीक्षा को लेकर शहर में 17 परीक्षा केंद्र बनाये हैं। जिनमें करीब 6 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। दसवीं कक्षा की परीक्षा सुबह के सत्र में 10 बजे से 1 बजे व बारहवीं कक्षा की परीक्षा दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी। परीक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।
इन केंद्रों पर होगी परीक्षा
शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा के लिए 7 परीक्षा केंद्र व बारहवीं कक्षा के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाये हैं। बोर्ड ने परीक्षा में नकल रोकने के लिए जिला उपायुक्त, एसडीएम सिरसा, जिला शिक्षा अधिकारी सहित 14 टीमों का गठन किया है। जो समय-समय पर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। केंद्र में परीक्षार्थी द्वारा नकल करते पकड़े जाने पर तुरंत केस बनाये जाएंगे। हरियाणा ओपन बोर्ड के सिरसा इंचार्ज धर्मवीर ¨सह ने कहा कि परीक्षा को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली है। परीक्षा केंद्र में नकल रोकने के लिए गठित उड़नदस्ते निरीक्षण करेंगे।


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प्रवेश उत्सव के साथ ही स्कूलों में होगा नए सत्र की शुरूआत
जागरण संवददाता, रोहतक : प्रवेश उत्सव के साथ ही नए सत्र का आरंभ होगा। जिले के सभी 429 विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया की शुरूआत की जा चुकी है। नौंवीं और 11वीं में10 अप्रैल तक प्रोवीजन एडमिशन दिए जाएंगे। दसवीं और बारहवीं का रिजल्ट घोषित होते ही रेगुलर एडमिशन हो जाएंगे। फ्रेश एडमिशन भी शुरू कर दिए गए हैं। नए सत्र की शुरूआत के लिए विद्यालयों में प्रवेश उत्सव मनाने के आदेश अफसरों ने कर दिए हैं।
नए सत्र की पढ़ाई को लेकर तैयारी हो चुकी है। शिक्षा के अधिकार और 134ए के तहत प्रवेश लेने के लिए तैयारियां चल रही है। दूसरी ओर, सरकार की तरफ से प्रवेश उत्सव के साथ ही नए सत्र की शुरूआत करने के लिए आदेश मिल चुके हैं। 31 मार्च को जिन कक्षाओं के रिजल्ट संभव थे, उनका वितरण हो गया। नए एडमिशन के अलावा प्रोवीजनल प्रवेश भी हर हाल में 10 अप्रैल तक करने होंगे। इसलिए सीनियर सेकंडरी हो या फिर हाईस्कूल, मिडिल और प्राइमरी पाठशालाओं में भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होते ही हर हाल में 20 अप्रैल तक एमआइएस फीडिंग करा दी जाएगी। इसमें कुल होने वाले प्रवेश, नामांकन कराने से वंचित रहे बच्चों के अलावा अन्य ब्योरा भी शामिल रहेगा। ऐसे में सभी विद्यालयों को निर्धारित अवधि तक पूरा कार्य करना होगा।
-यह है विद्यालयों की स्थिति
सीनियर सेकंडरी स्कूल - 116
हाईस्कूल - 46
मिडिल स्कूल - 36
प्राइमरी स्कूल - 231
-वर्जन
सभी 429 विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। किसी भी बच्चे का इस बीच प्रवेश के लिए नामांकन नहीं हुआ है तो इसकी रिपोर्ट मांग ली गई है। दो सप्ताह के अंदर ऐसे बच्चों की भी रिपोर्ट तैयार कर लेंगे, जिनका स्कूलों में नामांकन ही नहीं हो सका है।
सत्यवती नांदल, डीईओ

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 राजकीय स्कूलों ने जारी किया परीक्षा परिणाम, प्रवेश उत्सव शुरू
जागरण संवाददाता, कैथल :
सभी राजकीय स्कूलों में नॉन बोर्ड की कक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस बार अभिभावकों को निजी स्कूलों की तर्ज पर रिपोर्ट कार्ड दिये गए हैं। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद विद्यार्थियों को तुरंत ही अगली कक्षा में दाखिला दे दिया गया है। विभाग ने यह निर्णय ड्राप आउट को खत्म करने के लिए लिया है ताकि कोई भी विद्यार्थी स्कूल जाने से वंचित न रहे। वहीं अभिभावक और शिक्षक की एक बैठक हुई।
जिला उप शिक्षा अधिकारी शमशेर ¨सह सिरोही ने कहा कि 1 से 8 अप्रैल तक सामान्य दाखिले किये जाएंगे। 8 अप्रैल तक होने वाले दाखिलों की रिपोर्ट विभाग के पास भेजी जाएगी। परीक्षा परिणाम घोषित करने के बाद अगली कक्षा में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सामान्य दाखिले 1 अप्रैल से शुरू किये जाने है। पांचवी पास करने वाले जिन विद्यार्थियों के गांव में माध्यमिक स्कूल नहीं है, उस मामले में प्राथमिक स्कूल प्रभारी 1 अप्रैल को सभी पांचवीं पास बच्चों को विद्यालय में बुलाएंगे। दाखिला फार्म की औपचारिकताएं पूरी कर पड़ोस के ये विद्यालय में लेकर जाएंगे। अध्यापक परिचय करवाकर दाखिला कराएंगे।
ड्रॉप आउट खत्म करने के प्रयास
शमशेर ¨सह सिरोही ने कहा कि शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि ड्राप आउट को खत्म करना है। विभाग का प्रयास है कि आठवीं पास वाले विद्यार्थियों का दाखिला तुरंत नौवीं कक्षा में हो। क्योंकि सबसे अधिक ड्राप आउट नौवीं में होता है, विशेषकर लड़कियां इससे प्रभावित होती है। जब तक दसवीं कक्षा का परिणाम नहीं जाता, तब तक स्कूलों में ग्यारहवीं कक्षा शुरू की जाएगी। ग्यारहवीं कक्षा में विद्यार्थियों का प्रोविजनल दाखिला किया जाएगा। माता-पिता को दाखिला फार्म दिया जाएगा और औपचारिकताएं पूरी कर दाखिला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता वाले बच्चों के दाखिला में अधिक दिक्कत आती है।

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