नयी दिल्ली, 25 अक्तूबर (एजेंसियां) : शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत पहली से 8वीं कक्षा तक बच्चों को फेल न करने की नीति में बदलाव करने पर सहमति बन गई है। केंद्र ने कानून में संशोधन कर यह अधिकार राज्यों को देने का फैसला किया है। नई व्यवस्था 2018 से ही लागू होगी। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (कैब) की मंगलवार को हुई बैठक में तय किया गया कि राज्यों को कक्षा 5 एवं 8 में परीक्षा आयोजित करने का अधिकार दिया जाएगा।
दिन भर चली कैब बैठक के बाद शाम को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि 5वीं एवं 8वीं की परीक्षाओं के लिए राज्यों को अधिकार दिया जायेगा। लेकिन सभी राज्यों के लिए यह बाध्यता नहीं होगी। यदि कोई परीक्षा आयोजित नहीं करना चाहे तो उसे इसकी छूट होगी। इस प्रावधान के लागू होने के बाद कक्षा 5 में पहली बार छात्र को परीक्षा का सामना करना पड़ेगा। बैठक में 10वीं की बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। जावड़ेकर ने कहा कि सभी राज्यों में 10वीं में बोर्ड पहले से परीक्षा अनिवार्य है। सिर्फ सीबीएसई में यह वैकल्पिक है। यह सिर्फ केंद्र का विषय है तथा आने वाले दिनों में निर्णय लेकर केंद्र घोषणा करेगा।
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