दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू: हरियाणा के सरकारी विभागों में ग्रुप सी व डी की भर्तियां अब पुरानी प्रक्रिया के तहत की जाएंगी। इस मामले में हरियाणा सरकार करीब 6 माह पहले लिए गए फैसले से पीछे हट गई है। जिला स्तर पर भर्तियों के मामले में हरियाणा के मंत्री समूह में सहमति बनने के बावजूद यह निर्णय धरातल पर लागू नहीं हो सका है। जिसके पीछे मुख्य कारण विपक्षी राजनीतिक दलों का विरोध तथा अफसरशाही के तर्क माने जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार अब फिर से पुराने नियमों के तहत ग्रुप सी व डी के दायरे में कर्मचारियों की अस्थाई भर्ती करने की तैयारी में है। हरियाणा में ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों को भर्तियों का विवाद लंबे समय से चल रहा है। सरकार ने बीती 23 जून को मंत्री समूह की अनौपचारिक बैठक में ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों की भर्ती की वर्षों पुरानी प्रक्रिया को समाप्त कर जिला स्तर पर भर्तियां करने का फैसला लिया था। इस विवाद के बीच हरियाणा सरकार द्वारा जिला स्तर पर शुरू की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया भी अधर में लटक गई है। सूत्रों की मानें तो हरियाणा में जिला स्तर पर होने वाली भर्तियों के माध्यम से पार्टी के नेता एवं जनप्रतिनिधि अपने करीबियों को अस्थाई तौर पर सरकारी विभागों में समायोजित करना चाहते थे। क्योंकि कर्मचारी चयन आयोग तथा हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। विभिन्न विभागों में इस समय करीब एक लाख पद खाली हैं, जिन पर सरकार अनुबंध के आधार पर भर्तियां कर रही है।
सरकार की इस योजना पर विपक्षी राजनीतिक दलों ने जहां हंगामा कर दिया है वहीं अफसरशाही ने अपने तर्क देकर इस पर ब्रेक लगा दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस व इनेलो जहां इस मामले में सरकार पर चहेतों की बैकडोर एंट्री करने का आरोप लगा रहे हैं वहीं अफसरशाही का तर्क है कि जिला स्तर पर भर्ती करने से कई जिलों में पद खाली रहने तो कहीं अभ्यार्थी कम रहने की आशंका है। क्योंकि इससे एक जिले में रहने वाले व्यक्ति को दूसरे जिले में साक्षात्कार का अवसर नहीं मिलेगा। ऐसे में विवाद बढ़ सकता है और कई विभागों में जिला स्तर पर पद खाली रह सकते हैं। राज्य स्तर पर पर चलने वाले साक्षात्कार अभियान के दौरान ऐसी कोई संभावना नहीं होगी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने अफसरशाही के तर्कों को देखते हुए ग्रुप सी व डी में जिला स्तरीय भर्तियों की योजना को टाल दिया है। अब सरकारी विभागों में फिर से राज्य स्तर पर भर्तियां किए जाने की योजना चल रही है।
2 लाख पद खाली
हरियाणा के सभी विभागों में इस समय ग्रुप सी व डी के तहत करीब दो लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि हरियाणा में जनसंख्या वृद्धि के अनुसार सरकारी विभागों में पद बढ़ने की बजाय घटते रहे हैं। वर्तमान में ग्रुप सी व डी के तहत विभिन्न विभागों में करीब 75 हजार कर्मचारी अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हैं। जिनमें मुख्य रूप से करीब 15 हजार अध्यापक, 12 हजार बिजली कर्मचारी, 12 हजार स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी तैनात हैं। कर्मचारी संगठन नियमित भर्तियों के साथ-साथ पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित व नियमित भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं।
- सरकार अनुबंध के आधार पर भर्तियों की बजाय नियमित भर्तियां करे। सरकारी विभागों में भर्तियों का मामला लंबे समय से लटका हुआ है। सरकार को चाहिए कि पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को भी पक्का करे।” -सुभाष लांबा, कर्मचारी नेता
- ”सरकार ने ग्रुप सी व डी के माध्यम से 50 हजार कर्मचारियों की भर्ती का फैसला लिया है। भर्तियों का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। यह भर्तियों अनुबंध के आधार पर होंगी। भर्ती किस प्रक्रिया के माध्यम से होगी इस पर मंथन चल रहा है।”अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री
- ”सरकार जिला स्तर पर भर्तियों के माध्यम से अपने चहेतों को लाभ पहुंचाते हुए बैक डोर एंट्री करना चाहती है। एक तरफ हरियाणा एक, हरियाणवी एक का नारा दिया जा है वहीं राज्य को जिलों में बांट दिया गया है। कांग्रेस इस नीति को बर्दाश्त नहीं करेगी।”-अशोक तंवर, प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस
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