हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की बैठक जवाहर पार्क में हुई। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान सतबीर गोयत ने की। मंच का संचालन जिला सचिव बूटा सिंह ने किया। राज्य संगठन सचिव बलबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने पर तुली हुई है।
शिक्षा विभाग हर रोज नए-नए प्रयोग करके शिक्षा की गुणवत्ता को लगातार खत्म कर रहा है। पिछला वर्ष केवल स्थानांतरण के नाम पर बर्बाद कर दिया गया, लेकिन फिर भी स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी। राज्य सचिव कंवरजीत सिंह व विजेंद्र मोर ने कहा कि हिन्दी में 2013 व पंजाबी में 2014 तक लगे अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने पदोन्नत करके ज्वाइन करवा दिया है, जबकि 1998 तक के सैकड़ों योग्य अध्यापकों को पदोन्नति से वंचित कर दिया गया है।
नीलम रानी मामले का सामान्यकरण करते हुए कहा कि इसे जेबीटी के साथ टीजीटी व पीजीटी पर भी लागू किया जाना चाहिए। वर्ष 2000 में लगे जेबीटी अध्यापकों को पदोन्नति सहित सभी लाभ दिए जाए। रामपाल शर्मा व पल¨वद्र पन्नू ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के समान काम समान वेतन के नियम को अनुबंधित अध्यापकों पर भी लागू करते हुए इन अध्यापकों को जल्द नियमित किया जाए।
सातवें वेतन आयोग के अनुसार भत्ताें में वृद्धि की जाए। राज्य के लेखा परीक्षक जयप्रकाश शास्त्री व कृष्ण कौशिक ने कहा कि विषय की शर्त हटाते हुए लेफ्ट आउट सहित सभी वर्गों के अध्यापकों की पदोन्नति जल्द से जल्द की जाए। एडिड स्कूलों के अध्यापकों के साथ उनके भवनों और छात्रों का भी अधिग्रहण किया जाए। हीरा सिंह व बलजीत शर्मा ने कहा कि वैकल्पिक विषयों के स्थान पर एनएसक्यूएफ विषयों को लागू न किया जाए।