चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सिफारिश पर निशुल्क विधिक सेवाएं प्राप्त करने के लिए वार्षिक आय की अधिकतम सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है।
हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव न्यायमूर्ति विक्रम अग्रवाल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी पात्र व्यक्ति अधिवत्ता फीस, न्यायालय फीस, गवाहों के खर्च, पेपर बुक तैयार करने, निर्णयों, आदेशों एवं साक्ष्यों की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने के रूप में निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए कोई भी व्यक्ति हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण, पंचकूला के सदस्य सचिव या उच्च न्यायालय विधिक सेवाएं समिति, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के सचिव को आवेदन कर सकता है। इसी प्रकार, जिलों में निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-सह-सचिव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के समक्ष आवेदन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उपमंडलों में निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए उपमंडल विधिक सेवाएं कमेटी के अध्यक्ष या वरिष्ठतम सिविल जज को आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के सिविल, आपराधिक, राजस्व और प्रशासनिक मामलों में निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है।