पर्यवेक्षक के कक्ष में 2 या इससे अधिक पर्ची मिलते ही अनुशासनात्मक कार्रवाई


इस बार शैक्षिक (नियमित व स्वयंपाठी) एवं मुक्त विद्यालय की परीक्षाएं एक ही बार में
ड्यूटि में कौताही बरतने पर सर्विस रूल-8 के तहत कार्यवाही
पर्यवेक्षक के कक्ष में 2 या इससे अधिक पर्ची मिलते ही अनुशासनात्मक कार्रवाई
संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील केंद्रों पर माईक्रो-आब्र्जवर
एक कमरे में 32 परीक्षार्थी की जगह 24 परीक्षार्थी
नियमित परीक्षार्थियों की 3 घण्टे की परीक्षा
शिक्षकों, अभिभावकों, पंचायतों एवं जिला व पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग
परीक्षार्थियों के लिए विद्यालयी यूनिफार्म के साथ विद्यालयी पहचान-पत्र भी अनिवार्य
विद्यार्थियों की प्रतिदित तलाशी
एडमिट कार्ड पर रंगीन फोटो सत्यापित करवाना जरूरी
सभी उडऩदस्तों में एक महिला सदस्य नियुक्त
मोबाईल फोन प्रमुख केंद्र अधीक्षक के पास जमा होगा
परीक्षा ड्यूटि में अधिकारी/कर्मचारी की शत-प्रतिशत हाजि़री अनिवार्य
पुलिस का पुख्ता प्रबंध
भिवानी स्थित बोर्ड मुख्यालय कंट्रोल रूम का वाटसएप नं. -- 8571867627

भिवानी, 03 मार्च, 2017 :  प्रदेश में 07 मार्च, 2017 से आरम्भ होने वाली हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक, स्वयंपाठी व मुक्त विद्यालय) मार्च-2017 परीक्षाओं में 07 लाख 51 हजार 766 परीक्षार्थी प्रदेशभर में 1618 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देगें। परीक्षाओं की पवित्रता व विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए बोर्ड द्वारा व्यापक पैमाने पर कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिनमें 327 प्रभावी उडऩदस्तों का गठन विशेष रूप से शामिल हैं। सभी उडऩदस्तों में एक महिला सदस्य की नियुक्ति की गई है।
यह जानकारी देते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह ने आज यहाँ बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के. दास, आई.ए.एस. इन परीक्षाओं के बाधा-रहित संचालन के लिए बहुत गंभीर हैं तथा कल ही उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के ज़रिये इस बाबत सख्त निर्देश दिए हैं। वीडियो कांफ्रेसिंग में श्री पी.के. दास ने कहा है कि परीक्षाओं की साख बनाए रखने के लिए पूर्ण सख्ती की जाएगी। परीक्षा ड्यूटि पर तैनात अमले में से किसी अधिकारी/कर्मचारी/शिक्षक द्वारा ड्यूटि में कौताही बरतने पर सर्विस रूल-8 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने आगे बताया कि नकल रोकने के लिए एक कमरे में 24 परीक्षार्थी बिठाने का निर्णय लिया गया है, पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में 32 परीक्षार्थी बैठते थे। बोर्ड अध्यक्ष द्वारा शिक्षकों से विशेष अपील की गई है कि वे परीक्षा ड्यूटि में अपनी शत-प्रतिशत हाजि़री दर्ज करें और परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाएं।
विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि इन परीक्षाओं में 07 लाख 51 हजार 766 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। सैकेण्डरी (शैक्षिक/स्वयंपाठी) के 388205 परीक्षार्थी एवं सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक/स्वयंपाठी) के 250447 परीक्षार्थी तथा मुक्त विद्यालय के सैकेण्डरी (नये/स्वयंपाठी) के 55654 परीक्षार्थी एवं मुक्त विद्यालय के सीनियर सैकेण्डरी (नये/स्वयंपाठी) के 57460 परीक्षार्थी प्रविष्ठ हो रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि सैकेण्डरी (शैक्षिक) के 318842 परीक्षार्थी, जिनमें से 143676 छात्राएं व 175166 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं तथा सैकेण्डरी (स्वयंपाठी) के 69363 परीक्षार्थी, जिनमें से 25468 छात्राएं व 43895 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं तथा सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक) के 212281 परीक्षार्थी, जिनमें से 92655 छात्राएं व 119626 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं तथा सीनियर सैकेण्डरी (स्वयंपाठी) के 38166 परीक्षार्थी, जिनमें से 9626 छात्राएं व 28540 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं।
मुक्त विद्यालय के परीक्षार्थियों की संख्या बारे जानकारी देते हुए बोर्ड सचिव श्री अनिल नागर, एच.सी.एस. ने बताया कि सैकेण्डरी (नये) के 34761 परीक्षार्थी, जिनमें से 7699 छात्राएं व 27062 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं तथा सैकेण्डरी (स्वयंपाठी) के 20893 परीक्षार्थी, जिनमें से 4953 छात्राएं व 15940 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीनियर सैकेण्डरी (नये) के 42853 परीक्षार्थी, जिनमें से 10716 छात्राएं व 32137 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं तथा सीनियर सैकेण्डरी (स्वयंपाठी) के 14607 परीक्षार्थी, जिनमें से 2870 छात्राएं व 11737 छात्र प्रविष्ठ हो रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाओं के सुव्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाओं में 22652 सुपरवाईजर एवं 1618 केंद्र अधीक्षक नियुक्त किए गए हैं। प्रदेशभर में 1618 परीक्षा केंद्रों में से शैक्षिक परीक्षा में 1436 तथा मुक्त विद्यालय की परीक्षा में 180 तथा शैक्षिक एवं मुक्त विद्यालय के संयुक्त 02 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
श्री नागर ने आगे बताया कि इन परीक्षाओं में नकल व अन्य अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 327 फलाईंग स्कवैड परीक्षा केन्द्रों का लगातार निरीक्षण करेंगे। इनमें बोर्ड अध्यक्ष-01, बोर्ड सचिव-01, बोर्ड अध्यक्ष के विशेष उडऩदस्ते-21, बोर्ड सचिव के विशेष उडऩदस्ते-21, जिला प्रश्र पत्र उडऩदस्ते-21, उप-मण्डल प्रश्र पन्न उडऩदस्ते-38, रैपिड एक्शन फोर्स के उडऩदस्ते-10, एस.टी.एफ. के उडऩदस्ते-20, संग्रहण केंद्र के उडऩदस्ते-21, नियंत्रण कक्ष उडऩदस्ते-05 गठित किए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी., गुरूग्राम-01, जिला उपायुक्तों के उडऩदस्ते-21, उप-मण्डल अधिकारी (ना०) के उडऩदस्ते-60, जिला शिक्षा अधिकारी के उडऩदस्ते-21, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के उडऩदस्ते-21, खण्ड शिक्षा अधिकारी के 44 उडऩदस्ते भी गठित किए गए हैं, जोकि परीक्षा केंद्रों पर पैंनी निगाहें बनाए रखेंगे।
सचिव ने आगे बताया कि संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील केंद्रों पर शिक्षा बोर्ड द्वारा माईक्रो-आब्र्जवर लगाए जाएंगे। प्रत्येक उडऩदस्ते को 3 घण्टे की परीक्षा के दौरान किसी भी एक केंद्र पर ऑपनिंग तथा एक केंद्र पर क्लोजिंग करवाना अनिवार्य है। इस संदर्भ में निर्देश शिक्षा बोर्ड द्वारा दिए जाएंगे।
श्री नागर ने बताया कि बाह्य हस्तक्षेप की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा धारा-144 लागू किए जाने की व्यवस्था की गई है। धारा-144 की अवहेलना करने वालों के खिलाफ धारा-188 के अधीन कार्रवाई की जाएगी। नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों के भवनों के निकट केवल परीक्षा अवधि के दौरान फोटोस्टेट के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि इन परीक्षाओं के दौरान केंद्रों की मॉनिटरिंग करने के लिए प्रदेश में 05 कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जोकि रोहतक, गुडग़ांव, फतेहाबाद, कुरूक्षेन्न तथा बोर्ड मुख्यालय भिवानी में स्थापित किए गए हैं। इन कंट्रोल रूम पर बोर्ड के नियुक्त अधिकारी अपने कंट्रोल रूम के अन्र्तगत आने वाले परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाओं के संचालन की मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने बताया कि भिवानी स्थित बोर्ड मुख्यालय कंट्रोल रूम का वाटसएप नं. 8571867627 है।
बोर्ड अध्यक्ष व सचिव ने प्रदेश के शिक्षकों, अभिभावकों, पंचायतों एवं अन्य सभी वर्गों से पुरज़ोर अपील की है कि इन परीक्षाओं के नकल-रहित संचालन में बोर्ड को अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी अपनी पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन करके परीक्षाओं में बैठे और अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए नकल की बैसाखियों का सहारा न लें।

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