खट्टर सरकार ने एचसीएस के 7 पद मनोनयन से भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये सातों पद ए-टू यानी तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के हैं। विभिन्न विभागों में कार्यरत वे सभी तृतीय श्रेणी कर्मचारी सीधे एचसीएस बनने के लिए आवेदन कर सकेंगे जिन्हें कम से कम 8 वर्ष का अनुभव है और उनकी उम्र 50 वर्ष से कम है।
पूर्व की हुड्डा सरकार में भी तृतीय व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों को सीधे एचसीएस नियुक्त किया जाता रहा है। मौजूदा खट्टर सरकार भी सीधे एचसीएस अधिकारी मनोनीत करने के नियमों में बदलाव कर चुकी है। हरियाणा लोकसेवा आयोग की भर्ती के जरिये सीधे एचसीएस बनने वाले अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी भी रहती है कि सरकार द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों को एचसीएस मनोनीत करती है।
सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों एचसीएस अधिकारियों के एक गुट द्वारा बैठक करके इस बारे आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। सीएमओ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन आपत्तियों को अनदेखा करते हुए सरकार ने विभागों में कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को सीधे एचसीएस मनोनीत करने का फैसला लिया है। इन कर्मचारियों के पास अनुभव होने की वजह से सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश में यह भी पहला मौका है जब एचसीएस की भर्ती प्रक्रिया से पहले मनोनीत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से इस बारे में सभी विभागों के मुखियाओं को पत्र लिखा गया है। सभी विभागों से तृतीय श्रेणी के एक-एक कर्मचारी का नाम भेजा जाना है। इसके बाद इनकी छंटनी होगी।
कर्मचारी पर न हो विजिलेंस जांच लंबित
एचसीएस मनोनीत के लिए तय शर्तों के अनुसार संबंधित कर्मचारी के खिलाफ किसी तरह की विजिलेंस जांच लंबित नहीं होनी चाहिए। विजिलेंस से एनओसी लेना भी अनिवार्य है। संबंधित कर्मचारी की सभी एसीआर अच्छी होनी चाहिए। पहले चरण में सरकार ने पहली नवंबर, 2016 को आधार बनाते हुए सात पदों के लिए आवेदन व सिफारिशें मांगी हैं। मुख्य सचिव द्वारा सभी विभागाध्यक्षों, विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि वह अपने तहत काम करने वाले उन्हीं कर्मचारियों को एचसीएस बाने के लिए सिफारिश करें जिसकी कम से कम आठ साल की नियमित सरकारी नौकरी हो, आयु 50 वर्ष से अधिक न हो।
पूर्व की हुड्डा सरकार में भी तृतीय व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों को सीधे एचसीएस नियुक्त किया जाता रहा है। मौजूदा खट्टर सरकार भी सीधे एचसीएस अधिकारी मनोनीत करने के नियमों में बदलाव कर चुकी है। हरियाणा लोकसेवा आयोग की भर्ती के जरिये सीधे एचसीएस बनने वाले अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी भी रहती है कि सरकार द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों को एचसीएस मनोनीत करती है।
सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों एचसीएस अधिकारियों के एक गुट द्वारा बैठक करके इस बारे आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। सीएमओ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन आपत्तियों को अनदेखा करते हुए सरकार ने विभागों में कार्यरत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को सीधे एचसीएस मनोनीत करने का फैसला लिया है। इन कर्मचारियों के पास अनुभव होने की वजह से सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश में यह भी पहला मौका है जब एचसीएस की भर्ती प्रक्रिया से पहले मनोनीत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
मुख्य सचिव डीएस ढेसी की ओर से इस बारे में सभी विभागों के मुखियाओं को पत्र लिखा गया है। सभी विभागों से तृतीय श्रेणी के एक-एक कर्मचारी का नाम भेजा जाना है। इसके बाद इनकी छंटनी होगी।
कर्मचारी पर न हो विजिलेंस जांच लंबित
एचसीएस मनोनीत के लिए तय शर्तों के अनुसार संबंधित कर्मचारी के खिलाफ किसी तरह की विजिलेंस जांच लंबित नहीं होनी चाहिए। विजिलेंस से एनओसी लेना भी अनिवार्य है। संबंधित कर्मचारी की सभी एसीआर अच्छी होनी चाहिए। पहले चरण में सरकार ने पहली नवंबर, 2016 को आधार बनाते हुए सात पदों के लिए आवेदन व सिफारिशें मांगी हैं। मुख्य सचिव द्वारा सभी विभागाध्यक्षों, विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि वह अपने तहत काम करने वाले उन्हीं कर्मचारियों को एचसीएस बाने के लिए सिफारिश करें जिसकी कम से कम आठ साल की नियमित सरकारी नौकरी हो, आयु 50 वर्ष से अधिक न हो।