चंडीगढ़ : हरियाणा के करीब एक हजार शिक्षकों की पदोन्नति में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) ने रोड़ा अटका दिया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा बार-बार ताकीद किए जाने के बावजूद ये अधिकारी ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और भाषा अध्यापकों (सीएंडवी) की वार्षिक रिपोर्ट (एसीआर) नहीं दे रहे जिससे इनकी पदोन्नति लटक गई है। निदेशालय ने सभी डीईईओ से लेटलतीफी पर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कोई पात्र अध्यापक इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करता है तो संबंधित डीईईओ की जवाबदेही होगी।जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की हीला हवाली के कारण फिलहाल प्रदेश भर में 994 शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई है। शिक्षा निदेशालय ने विगत दस फरवरी को सभी डीईईओ को पत्र जारी कर टीजीटी और सीएंडवी अध्यापकों को पोस्ट टेंड ग्रेजुएट (पीजीटी) पद पर पदोन्नत करने के लिए वार्षिक रिपोर्ट मांगी थी। निर्देशों के मुताबिक अगर कोई शिक्षक पदोन्नति नहीं चाहता, तो उससे लिखित में लिया जाए ताकि भविष्य में कोई कानूनी लफड़ा न हो। ज्यादातर जिलों में मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण आठ मार्च को रिमाइंडर भेजा गया। इसके बावजूद अधिकतर डीईईओ ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई तो 25 मार्च को फिर से पत्र जारी कर दो दिन में पात्र अध्यापकों की एसीआर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। निदेशालय की सख्ती के बावजूद ज्यादातर डीईईओ की तंद्रा नहीं टूटी जिसका खामियाजा पदोन्नति से वंचित शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है।
डीईईओ की लापरवाही से लटकी 994 शिक्षकों की पदोन्नति
चंडीगढ़ : हरियाणा के करीब एक हजार शिक्षकों की पदोन्नति में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) ने रोड़ा अटका दिया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा बार-बार ताकीद किए जाने के बावजूद ये अधिकारी ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और भाषा अध्यापकों (सीएंडवी) की वार्षिक रिपोर्ट (एसीआर) नहीं दे रहे जिससे इनकी पदोन्नति लटक गई है। निदेशालय ने सभी डीईईओ से लेटलतीफी पर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कोई पात्र अध्यापक इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करता है तो संबंधित डीईईओ की जवाबदेही होगी।जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की हीला हवाली के कारण फिलहाल प्रदेश भर में 994 शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई है। शिक्षा निदेशालय ने विगत दस फरवरी को सभी डीईईओ को पत्र जारी कर टीजीटी और सीएंडवी अध्यापकों को पोस्ट टेंड ग्रेजुएट (पीजीटी) पद पर पदोन्नत करने के लिए वार्षिक रिपोर्ट मांगी थी। निर्देशों के मुताबिक अगर कोई शिक्षक पदोन्नति नहीं चाहता, तो उससे लिखित में लिया जाए ताकि भविष्य में कोई कानूनी लफड़ा न हो। ज्यादातर जिलों में मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण आठ मार्च को रिमाइंडर भेजा गया। इसके बावजूद अधिकतर डीईईओ ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई तो 25 मार्च को फिर से पत्र जारी कर दो दिन में पात्र अध्यापकों की एसीआर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। निदेशालय की सख्ती के बावजूद ज्यादातर डीईईओ की तंद्रा नहीं टूटी जिसका खामियाजा पदोन्नति से वंचित शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है।