नितिन प्रधान ’ नई दिल्ली- सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के मसले पर सरकार सहमत हो गई है। सरकार का मानना है कि सभी विभागों में खासतौर पर निचले कैडर में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों के लिए तय सीमा तक आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे। राजनीतिक रूप से भी सरकार का यह कदम अहम माना जा रहा है क्योंकि यह खासतौर पर बसपा जैसी पार्टियों के मुद्दे को भी खत्म कर देगा।
सरकार के कार्मिक विभाग ने प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर एम. नागराज बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमल में लाने के लिए बनाई एक रिपोर्ट में इस पर सहमति जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को समान अवसर और उनके समेकित विकास के लिए जरूरी है कि उनके लिए प्रमोशन में आरक्षण की सुविधा जारी रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के कई कैडर में एससी और एसटी वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी संविधान में उनके लिए तय सीमा से भी कम है। इसलिए वक्त की जरूरत है कि जब तक आरक्षण तय सीमा तक न पहुंच जाए, उन्हें यह लाभ मिलता रहे।
समिति के समक्ष दी प्रस्तुति
मंगलवार को कार्मिक विभाग ने इस मसले के लिए बनी मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति के समक्ष एक प्रजेंटेशन दिया। इस समिति में गृह मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, विधि एवं न्याय मंत्री, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री, आदिवासी कार्य मंत्रलय और कार्मिक विभाग के राज्य मंत्री शामिल हैं।