करनाल, 4 मई स्मार्ट शहरों की पंक्ति में शामिल होने के लिए जद्दोजहद कर रहे करनाल के प्रयास इस बार रंग लाये हैं। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जनवरी 2017 में देश के 500 शहरों में करवाए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत 2 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में करनाल को उत्तर भारत का सबसे साफ-सुथरा शहर घोषित किया गया है, जबकि 10 लाख और इससे ज्यादा की आबादी में नयी दिल्ली सबसे स्वच्छ आंका गया है।
बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने करनाल नगर निगम की मेयर रेनू बाला गुप्ता व आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया को इस उपलब्धि के लिए पुरस्कार देकर सम्मानित किया। समारोह में शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के सचिव राजीव गोबा तथा स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय निदेशक प्रवीन प्रकाश भी उपस्थित थे।
पुरस्कार में महात्मा गांधी की प्रतिमा व शील्ड प्रदान की गई। करनाल को देश के 434 शहरों के सर्वेक्षण में 65वां रैंक तथा 2000 नम्बरों में से 1348.2 नम्बर मिले हैं, जबकि हरियाणा के ही फरीदाबाद को 88वां रैंक व 1277 नम्बर मिले। गुरुग्राम को 112वां रैंक व 1214 नम्बर मिले हैं। फरीदाबाद को शहरों में सबसे ज्यादा सुधार वाले शहर का अवाॅर्ड भी मिला है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में जब हरियाणा में सरकार बनी थी, उस समय पूरे देश में करनाल का स्वच्छता में रैंक 123 था, जो सुधर कर अब 65 हो गया है। सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा गुजरात, इसके बाद मध्य प्रदेश और फिर तेलंगाना व तमिलनाडु स्वच्छ प्रदेश पाए गए हैं। सर्वेक्षण में उत्तर भारत में हरियाणा, पंजाब व हिमाचल में केवल हरियाणा स्वच्छ प्रदेश पाया गया।
मेयर का शहरवासियों से आह्वान आगे भी बनाए रखें सहयोग
मेयर रेनुबाला गुप्ता ने उत्तर भारत के करीब 70 शहरों में करनाल को सबसे स्वच्छ शहर पाए जाने की उपलब्धि पर शहरवासियों को बधाई देते हुए भविष्य में भी सहयोग बनाये रखने व करनाल को देश भर में प्रथम स्थान पर लाने के लिए मुहिम छेड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि करनाल को मिली इस उपलब्धि के पीछे जो कारण रहे, उनमें नाइट स्वीपिंग को सबसे अधिक सराहा गया। इसी प्रकार शहर के सभी वार्डों में डोर टु डाेर कूड़ा उठाने के लिए टिप्पर गाडियां लगाई गई हैं। पोर्टेबल मोबाइल टॉयलेट व ई-टॉयलेट के लिए भी नगर निगम के प्रयासों को सराहा गया है।