संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर मांगों को लेकर शनिवार को महेंद्रगढ़ में प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया गया। उनकी प्रमुख मांग शिक्षकों की समस्याओं को लेकर शिक्षामंत्री से मिलने का समय लेना था। आखिर शिक्षा मंत्री से बात होने और समय निर्धारित होने के बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म कर दिया।
राज्य प्रधान मास्टर वजीर ¨सह, राज्य महासचिव सीएम भारती एवं उपप्रधान गजे ¨सह के नेतृत्व में प्रदेशभर से आए शिक्षक हुड्डा पार्क महेंद्रगढ़ में एकत्रित हुए। यहां से अपनी मांगों के बारे में लोगों को अवगत कराने एवं शिक्षामंत्री के प्रति रोष व्यक्त करने के लिए सैंकड़ों की संख्या में आए अध्यापक हाथ में मांगों की पट्टियां लेकर प्रदर्शन करते हुए आइटीआइ रोड, त्रिवेण चौक, सब्जी मंडी, अंबेडकर चौक होते हुए लोक निर्माण विश्रामगृह में पहुंचे।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार को ढाई वर्ष से अधिक का समय हो गया, लेकिन अध्यापक संघ द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद शिक्षामंत्री मिलने का समय नहीं दे रहे। इससे शिक्षकों में रोष पनप रहा है। रोष प्रदर्शन के माध्यम से अध्यापकों ने 50 हजार से अधिक रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने, विभाग की सभी श्रेणियों में जेबीटी से लेकर संयुक्त निदेशक तक के रिक्त पदों पर पदोन्नति करना, मुख्य शिक्षक के 3198, मौलिक मुख्याध्यापक के 2363, उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापकों के 865 एवं प्रधानाचार्यो के 773 पद लंबे समय से रिक्त हैं। इन पदों को पदोन्नति से भरने की मांग की गई।
शिक्षक नेताओं ने नव चयनित जेबीटी अध्यापकों को शीघ्र विद्यालय आवंटित करने, समान काम समान वेतन लागू करने, विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, सुख सहायकों, सफाई कर्मियों, कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के पद स्वीकृत करके नियमित भर्ती करने, पुस्तकें उपलब्ध कराने, एससी-बीसी और बीपीएल के छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने, नर्सरी शिक्षकों के पद सृजित करने, छात्र-अध्यापक अनुपात 20:1, मौलिक स्कूलों में 30:1, सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 35:1 का अनुपात लागू करने, 2012 के सेवा नियमों में संसोधन करने, स्थानांतरण नीति में वांछित संसोधन करने, सभी श्रेणियों की स्थानांतरण प्रक्रिया 30 जून तक पूर्ण करने की मांग प्रदर्शन के माध्यम से की।
शिक्षक नेताओं ने नव चयनित जेबीटी अध्यापकों को शीघ्र विद्यालय आवंटित करने, समान काम समान वेतन लागू करने, विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, सुख सहायकों, सफाई कर्मियों, कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के पद स्वीकृत करके नियमित भर्ती करने, पुस्तकें उपलब्ध कराने, एससी-बीसी और बीपीएल के छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने, नर्सरी शिक्षकों के पद सृजित करने, छात्र-अध्यापक अनुपात 20:1, मौलिक स्कूलों में 30:1, सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 35:1 का अनुपात लागू करने, 2012 के सेवा नियमों में संसोधन करने, स्थानांतरण नीति में वांछित संसोधन करने, सभी श्रेणियों की स्थानांतरण प्रक्रिया 30 जून तक पूर्ण करने की मांग प्रदर्शन के माध्यम से की।
*पुलिस रही सतर्क*
विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुबह ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। शिक्षामंत्री के किसी आवश्यक बैठक में व्यस्त होने के कारण बात नहीं हो पाने पर अध्यापक भड़क गए। लोकनिर्माण विश्रामगृह के वातानुकूलित कमरे में बैठे नायब तहसीलदार को अध्यापक बाहर खींच कर ले आए। उन्होंने कहा कि वे घंटों से बाहर धूप में पसीने से तरबतर हो रहे हैं। पीने को पानी नहीं, अधिकारी वातानुकूलित कमरों में बैठकर उन्हें जवाब भी नहीं दे रहे। शिक्षामंत्री से बात होने एवं उनके द्वारा 16 मई को 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को चंडीगढ़ में मिलने का समय देने पर ही अध्यापक संघ के नेता एवं अध्यापक शांत हुए।
विरोध प्रदर्शन में संघ के कोषाध्यक्ष महताब मलिक, सचिव बलबीर ¨सह, मास्टर जगरोशन, मुकेश यादव, धर्मेन्द्र ढांडा, बलजीत ¨सह, महिपाल ¨सह, सतबीर शर्मा, सुशीला देवी, जगतार ¨सह, सपना यादव, कंवरजीत ¨सह, छज्जुराम, सुरेन्द्र सैनी, कलीराम, यादराम शर्मा सहित सैंकड़ों अध्यापकों ने भाग लिया।