चंडीगढ़ : नौ हजार से अधिक रेगुलर जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों की नियुक्ति के बावजूद स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक अब एक सप्ताह में नौकरी से बाहर होंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने इन्हें हटाने की तैयारी कर ली है। करीब आधा दर्जन जिलों में सरप्लस गेस्ट टीचरों की सूची तैयार हो चुकी, जबकि अन्य जिलों से भी सरप्लस अतिथि अध्यापकों का ब्योरा तलब किया गया है।प्रदेश में फिलहाल 6048 गेस्ट टीचर सेवाएं दे रहे हैं। पहले चरण में इनमें से करीब एक हजार की नौकरी जाना तय है। हाई कोर्ट के 5 अगस्त 2015 को दिए फैसले के मुताबिक रेगुलर जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होते ही गेस्ट टीचर्स की सेवाएं खुद खत्म हो जानी थी। मगर शिक्षा विभाग द्वारा करीब नौ हजार जेबीटी शिक्षक नियुक्त किए जाने के तीन महीने बाद भी गेस्ट टीचरों को हटाया नहीं गया है।
फतेहाबाद, यमुनानगर, पलवल, महेंद्रगढ़ में ही करीब एक हजार नवनियुक्त जेबीटी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हाजिरी लगाने के बाद खाली बैठते हैं, जबकि इतने ही अतिथि अध्यापकों की सेवाएं बरकरार हैं। हाई कोर्ट ने बुधवार को ही मुकेश रंगा व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, मौलिक शिक्षा विभाग की निदेशक गरिमा मित्तल व डीईईओ फतेहाबाद को अवमानना नोटिस जारी किए थे। इसके बाद शिक्षा निदेशालय ने आनन-फानन में डीईईओ को सरप्लस गेस्ट टीचरों का रिकार्ड तैयार करने को कहा है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि 12,732 रिक्त पदों की एवज में ही इन गेस्ट टीचरों को रखा गया था। स्थायी नियुक्तियों के बाद अब पूरे प्रदेश से आंकड़ा जुटाया जा रहा है कि कहां कितने अतिथि शिक्षक सरप्लस हैं।
शिक्षा विभाग जुटा रहा सरप्लस अतिथि अध्यापकों का ब्योरा
करीब छह जिलों में सरप्लस अतिथि शिक्षकों की सूची तैयार
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