जेबीटी शिक्षकों ने गले में फंदा डाल लगाई नौकरी की गुहार

करनाल : स्कूलों में ज्वाइनिंग के एक महीने बाद ही लोअर मेरिट के नाम पर नौकरी से हटाए गए जेबीटी शिक्षक रविवार को गले में फंदा डालकर सड़कों पर उतर आए। महिला शिक्षक अपने बच्चों के साथ रोष प्रदर्शन में शामिल हुई। शिक्षकों ने ज्वाइनिंग दो या फांसी दो के नारे लगाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया। 
उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें नौकरी नहीं दे सकती, फांसी दे दे। सरकार की गलत नीतियों के कारण 1259 परिवारों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। तीन महीनों से शिक्षक सीएम सिटी में जिला सचिवालय के सामने आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद भी उन्हें स्कूलों में नौकरी के लिए नहीं भेजा गया। मुकेश डिडवानिया और राकेश जांगड़ा ने कहा कि 1259 शिक्षकों का नौकरी पर पूरा हक है। कानून का उल्लंघन कर उन्हें नौकरी से निकाला गया। यह सरासर अन्याय है। सरकार शिक्षकों को अप्रिय कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही है। 2011 में पात्रता परीक्षा पास और विज्ञापन तिथि तक हर प्रकार की योग्यता पूरी करने वालों को नौकरी से निकाला गया है। जबकि सरकार ने 2013 पात्रता पास आवेदक जोकि विज्ञापन तिथि के बाद के थे, उन्हें नौकरी दे दी गई। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। इस अवसर पर सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश सिंहमार, कृष्ण शर्मा, सुशील, सोनू, श्रवण, पंकज रानी, कुलदीप, जगत, राजेंद्र, संजय पांचाल, सुरेंद्र, संदीप, संजय, महेंदर पाल, महावीर, सुरेश, सुशील, वीर सिंह,नरेंद्र व तेजवीर मौजूद रहे।

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