दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से एक्सग्रेशिया


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दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से एक्सग्रेशिया
2006 से 2015 के बीच मरे करीब दो हजार कर्मचारियों के परिजनों को मिलेगा लाभ
प्रदेश सरकार अब 2006 से 2015 के बीच दिवंगत हुए कर्मचारियों के परिजनों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक एक्सग्रेशिया के वित्तीय लाभ प्रदान करेगी। सरकार की इस योजना से करीब दो हजार परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।
इन कर्मचारियों के परिजनों को अभी तक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एक्सग्रेशिया पे-वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही थी। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की मुख्यमंत्री के साथ हुई दो बार की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित कर्मचारियों के परिजनों को तुरंत प्रभाव से लाभान्वित करने के आदेश जारी किए हैं।
हरियाणा में कर्मचारियों के मरने की स्थिति में 2006 से पहले उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान था, लेकिन सरकार ने यह नीति बंद कर दी थी। इस नीति के बंद होने के बाद कर्मचारी की विधवा पत्नी को 58 साल की आयु तक वह वेतन मासिक रूप से देने का प्रावधान किया गया, जो संबंधित कर्मचारी का आखिरी वेतन था।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार पहले 26 मार्च और फिर 11 अगस्त की बैठकों में मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि मौजूदा कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों को सावतें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जा चुका है, लेकिन दिवंगत हुए कर्मचारियों के परिजनों के लिए अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके बाद अब राज्य सरकार ने यह आदेश जारी कर दिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों, जिनकी मृत्यु पहली अगस्त 2006 से 31 दिसंबर 2015 के बीच हुई है, उनके परिवारों की एक्स-ग्रेसिया पे/वित्तीय सहायता संशोधित की गई है। ऐसे परिवारों को अब सातवें वेतन आयोग (सीपीसी) के अनुसार एक्स-ग्रेसिया पे/वित्तीय सहायता मिलेगी।

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