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वेबसाइट लांच, आरक्षण चाहने वाली जातियां ऑनलाइन दे सकेंगी डाटा
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
राज्य में जाटों सहित 6 जातियों के आरक्षण पर सरकार ने फिर से कवायद शुरू कर दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग अब इन जातियों के आंकड़े जुटाने में जुट चुका है। इसके लिए आयोग ने बाकायदा एक वेबसाइट लांच की है। इस पर संबंधित जातियां, संगठन या व्यक्ति विशेष अपने जाति से जुड़े आंकड़े ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। आंकड़े आयोग मुख्यालय में दस्ती तौर पर भी जमा हो सकेंगे। दरअसल, मार्च-2016 में खट्टर सरकार ने विधानसभा में कानून बनाकर जाट, जट सिख, त्यागी, रोड़, बिश्नोई व मूला जाट या मुस्लिम जाट को पिछड़ा वर्ग की नई ‘सी’ कैटेगरी में शामिल कर आरक्षण का फैसला लिया था। मुरारी लाल गुप्ता ने आरक्षण को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, हाईकोर्ट ने जाटों सहित इन छह जातियों के आरक्षण पर रोक लगा दी। यह रोक अभी तक जारी है। इस बीच हाईकोर्ट ने आयोग को आंकड़े जुटाने को कहा है।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्ड) एसएन अग्रवाल ने जातिगत आंकड़े जुटाने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है। यानी एक तरह से प्रदेश में इन जातियों की संख्या का नये सिरे से सर्वे होगा। इससे पूर्व के सर्वे और इन जातियों के आंकड़ों को ही आधार बनाते हुए आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। आयोग ने आंकड़े जुटाने के लिए वेबसाइट http://hbcc.nic.in लांच की है। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग सहित कोई भी विभाग, व्यक्ति विशेष संस्था या संगठन 30 नवंबर तक आंकड़े भेज सकता है। जातियों से जुड़े आंकड़े आने के बाद 30 दिसंबर तक उन पर आपत्तियां दर्ज होंगी और सुझाव लिए जाएंगे।
आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसएन अग्रवाल का कहना है कि इस संदर्भ में 31 मार्च, 2018 तक आयोग को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है।
2016 में बना कानून
हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम-2016 (2016 का हरियाणा अधिनियम संख्या-9) पारित किया था। इसके तहत पिछड़े वर्ग के रूप में किसी भी श्रेणी को शामिल करने या निकालने के लिए आग्रहों की जांच करने तथा किसी पिछड़ी श्रेणी के अतिसमावेश या कम समावेश की शिकायतें सुनने तथा परामर्श देने के लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था।
31 की जा चुकी जान
आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश में फरवरी-2016 में बड़ा आंदोलन हुआ था। हिंसा में 31 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था। इस वर्ष भी फरवरी-मार्च में जाट आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन हो चुका है।
http://hbcc.nic.in/
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