मुकेश खुराना ’ फतेहाबाद 1सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। स्कूलों में कितने विद्यार्थियों के लिए भोजन तैयार हुआ, इस पर मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने नजर रखने के लिए आटोमेटिक मोनिटरिंग सिस्टम बना रखा है। ताकि गड़बड़ी होने से रोका जा सके। स्कूलों को प्रतिदिन व महीने के आखिरी में रिपोर्ट देनी होती है। लेकिन इस सिस्टम को लेकर प्रदेश भर के स्कूल गंभीर नहीं हैं।
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सरकार ने घोषणा की थी की मिड डे मील कार्य पंचायतों के जिम्मे होगा। लेकिन अभी तक घोषणा सिरे नहीं चढ़ी है और न ही कोई खाका तैयार किया गया है कि किस तरह से पंचायतें इसे संभालेंगी। अधिकारियों का कहना है कि निदेशालय से इस संबंध में अभी तक कोई निर्देश नहीं आए हैं।
ऐसे देनी होती है रिपोर्ट
स्कूल में बनने वाले मिड डे मिल पर नजर रखने के लिए निदेशालय ने नंबर जारी कर रखा है। जिस पर स्कूल के शिक्षकों के नंबर रजिस्टर्ड हैं। स्कूल में कितने विद्यार्थियों के लिए दोपहर का भोजन तैयार हुआ है इसकी जानकारी मैसेज के जरिए देनी होती है।मिड डे मील का कार्य पंचायतों को देने से शिक्षकों का बोझ खत्म होगा। सरकार इस संबंध में घोषणा भी कर चुकी है लेकिन अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए ताकि शिक्षक मिड डे मील का कार्य छोड़कर विद्यार्थियों को पढ़ा सकें।
फतेहाबादस्कूलों को सख्त निर्देश दे रखे हैं कि वह मैसेज के जरिए प्रतिदिन रिपोर्ट दें, अगर कोई नहीं दे रहा है तो उन्हें दोबारा निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा पंचायतों को मिड डे मील का कार्य देने संबंधित अभी तक कोई निर्देश नहीं आए हैं। जैसे ही निर्देश आएंगे स्कूलों में लागू कर दिए जाएंगे। संगीता बिश्नोई, मौलिक शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद
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MID day meal recipe
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