चंडीगढ़, (ट्रिन्यू): पंजाब विश्वविद्यालय ने आज फिर साफ किया कि पीएचडी की नई गाइडलाइन के मुताबिक नेट/जेआरएफ या इसके समकक्ष किसी अन्य छात्रवृत्ति धारक को कोई भी विभाग एमफिल/पीएचडी में एनरोलमेंट के लिये इनकार नहीं कर सकता। कुलपति प्रो. एके ग्रोवर और डीयूआई प्रो. मीनाक्षी मल्होत्रा ने कल सभी चेयरपर्सन्स की एक बैठक में साफ कर दिया था कि एससी/एसटी कैंडीडेट को दाखिले के लिये ना नहीं कही जा सकती। उन्होंने साफ किया कि एससी छात्रों को पूरा प्रतिनिधित्व देने के लिये यह निर्णय लिया गया है। कुलपति ने कहा कि अगर किसी विभाग में कोई एससी छात्र मेरिट में नहीं भी आता है तो स्कॉलरशिप धारकों को स्पेशल स्लॉट दिया जाये। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास 8 रिसर्च स्कॉलर पहले से हैं और नौवां एससी या स्कॉलरशिप होल्डर है तो उसे इसके लिये परमिशन दे दी जायेगी। एमफिल करने वालों को पीएचडी के एंट्रेस से छूट रहेगी मगर उन्हें इंटरव्यू देना पड़ेगा। एमफिल की वेटेज 10 फीसदी मिलेगी वहीं अगर कोई जेआरएफ या अन्य स्कॉलरशिप धारक है तो उसे इंटरेक्शन के दौरान किसी कट आफ प्वाइंट से अंकों के आधार पर बाहर नहीं किया जा सकता। एकेडमिक रिकार्ड के लिये कुल अंक का निर्धारण और इंटरेक्शन को एडमिशन के लिये मेरिट लिस्ट तैयार करने में ही किया जा सकता है। डीयूआई ने साफ किया कि 26 सितंबर को सर्कुलर जारी होने से पहले दाखिले प्रभावित नहीं होंगे जबकि खाली पड़ी सीटों पर नई गाइडलाइन से दाखिले होंगे।
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