अंबाला शहर: सूरज पैलेस में बुधवार को रोटरी क्लब के द्वारा नेशन बिल्डर अवार्ड से करीब 398 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, लेकिन इस सम्मान समारोह में ही खेल हो गया। नेशनल बिल्डर अवार्ड के लिए जिन एडेड और प्राइवेट स्कूल के 133 शिक्षकों को सम्मानित किया गया उन्हें सम्मानित करने की जानकारी खुद स्कूलों के ¨प्रसिपल के पास भी नहीं थी।
ऐसे में बिना ¨प्रसिपल की अनुमति और उनकी लिस्ट के बिना उनके स्कूल के शिक्षक कैसे सम्मानित हो गए? यह बड़ा सवाल है। हद तो यह हो गई कि कुछ ऐसे शिक्षकों को भी सम्मान दे दिया गया, जिनका 10वीं और 12वीं का रिजल्ट बोर्ड के रिजल्ट से कम था। यानी नेगेटिव रिजल्ट लाने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित करा दिया गया। इतना ही नहीं, इस सम्मान समारोह में खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सम्मानित होने वाले शिक्षकों की सूची ही बदल दी गई। इसमें होनहार शिक्षकों के नाम को काटकर उनकी जगह पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अपने खासमखास शिक्षकों के नाम जुड़वा दिए। गत वर्ष भी ऐसा ही किया गया था। इसी जांच का जिम्मा डीसी प्रभजोत सिंह ने डीईओ उमा शर्मा को दिया था और डीईओ ने डीईईओ धर्मबीर कादियान को लेकिन वहां से रिपोर्ट दब गई और मामला रफा-दफा कर दिया गया था।
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