नियम 134ए के तहत बच्चों को स्कूल बस की सुविधा देना अनिवार्य
निजी स्कूल अब नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को बस सुविधा मुहैया कराने में आनाकानी नहीं कर पाएंगे। इसके साथ-साथ निजी स्कूल नियम 134ए के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों पर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लेने व अन्य शैक्षणिक सामग्री भी नहीं थोप सकेंगे।
इस बारे में मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को इन आदेशों को लागू करवाने के आदेश दिए हैं। यदि इन आदेशों के बावजूद कोई निजी स्कूल विद्यार्थियों को यह सुविधाएं मुहैया नहीं करवाते तो शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी करवाई करेगा।
'>>मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ को दिए आदेश
'>>अधिकांश निजी स्कूल नहीं दे रहे ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा
हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए नियम 134ए के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों के संबंध में कई महत्वपूर्ण हिदायतें जारी की हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिला से लेकर स्कूल में मिलने वाली सुविधाओं से इन छात्रों को वंचित रखे जाने की शिकायत दी थी।
गरीब बच्चों को दाखिला देने से लेकर उन्हें स्कूल में प्रताड़ित किए जाने संबंधी शिकायतें मिलने पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने संज्ञान लेते हुए निजी स्कूलों के संबंध में सभी डीईओ व डीईईओ को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। उपरोक्त निर्देशों के साथ-साथ निजी स्कूल संबंधित दुकानों से स्कूल ड्रेस लेने के लिए भी बाध्य नहीं कर सकेंगे।
यदि फिर भी निजी स्कूल नहीं मानते तो ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। इसी के साथ-साथ क्लास रूम में ऐसे बच्चों को अन्य बच्चों के बीच खड़ा कर फीस जमा कराने के नाम पर प्रताड़ित किए जाने पर भी निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि संगठन हर साल नियम 134ए के तहत हजारों बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने का काम करता है।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने की थी शिकायत
*प्रदेश के 7560 निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं 45 हजार गरीब परिवारों के बच्चे*
प्रदेश भर के 7560 निजी स्कूलों में करीब 45 हजार गरीब बच्चे नियम 134ए के तहत कक्षा दूसरी से 12वीं तक पढ़ाई कर रहे हैं। इन बच्चों को निजी स्कूल दाखिला तो दे देते हैं, मगर इन्हें ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नहीं देते, ऐसे में अभिभावक बच्चों का दाखिला कराने से ही पीछे हट जाते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी बच्चे का घर से 10 किलोमीटर दूरी पर यदि किसी निजी स्कूल में दाखिला हो जाता है और निजी स्कूल बस सुविधा मुहैया करवाने से मना कर देते हैं तो ऐसे में अभिभावक नियम 134 के तहत दाखिला दिलवाने से पीछे हट जाते थे।
What is the process of admission due to lackdown??
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