केयू ने पाठ्यक्रम के साथ शिक्षण प्रणाली में किया बदलाव
कुरुक्षेत्र: विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ परिणाम भी परखा जाएगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पहली बार शिक्षकों को जहां सीखने-सिखाने की प्रक्रिया बताई जाएगी, वहीं विद्यार्थियों को मिली शिक्षा को शिक्षण संबंधी परिणाम (लर्निंग आउटकम) के रूप में भी परखा जाएगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रदेश में ऐसा पहला विश्वविद्यालय है जो अगस्त-सितंबर 2020 के इस सत्र में लोओसीएफ-लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षा (ओबीई) पाठ्यक्रम को लागू करने जा रहा है। अब केयू शिक्षक विद्यार्थियों को सिखाने के साथ ही अपना एक लक्ष्य निर्धारित करेगा, जिसकी जवाबदेही शिक्षक ही नहीं, बल्कि विभागाध्यक्ष और संबंधित डीन की भी होगी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति प्रो. नीता खन्ना ने बताया कि इस प्रणाली को विश्वविद्यालय में लागू करने से विद्यार्थियों को परीक्षा संबंधित सभी समस्याएं दूर होंगी व परिणामों में पारदर्शिता आएगी। छात्र समझ सकेंगे कि वे क्या उम्मीद करते हैं, और शिक्षक यह समझ सकेंगे कि उन्हें पूरे पाठ्यक्रम में क्या पढ़ाने व बदलाव करने की आवश्यकता है। शिक्षक पारदर्शी तरीके से पढ़ाकर छात्र की इच्छा के अनुसार कक्षाओं के पाठ्यक्रम को तैयार कर सकेंगे। शिक्षक उन परिणामों का विश्लेषण करेंगे जो एक छात्र ने पूरा किया है और जिस क्षेत्र में छात्रों ने प्रतिभा दिखाई है उन क्षेत्रों में उन्हें और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे। एक संस्थान में छात्र की भागीदारी भी ओबीई का एक महत्वपूर्ण घटक है।
उन्होंने बताया कि लोओसीएफ- लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षा (ओबीई) प्रोग्राम के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं- पहला, प्रोग्राम आउटकम, दूसरा, प्रोग्राम स्पेसिफिक आउटकम व तीसरा, कोर्स आउटकम। इन सभी को एक पैमाने के मद्देनजर नापते हुए विद्यार्थियों की योग्यता एवं निपुणता का पता लगाया जाएगा। इसके लिए एक मैट्रिक्स प्रणाली को अपनाया जाएगा। यह प्रणाली विद्यार्थियों को 21वीं सदी की शिक्षा एवं पढ़ाई की पद्धति से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। प्रो. नीता खन्ना ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रणाली में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है जो ािक राष्ट्रीय मान्यता और प्रत्यायन परिषद, अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता एजेंसियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
लोओसीएफ-लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षा (ओबीई) एक शैक्षिक सिद्धांत है जो लक्ष्यों (परिणामों) के आसपास एक शैक्षिक प्रणाली के प्रत्येक भाग को आधार बनाता है। प्रत्येक छात्र को अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद लक्ष्य को प्राप्त करना होता है। विश्वविद्यालय के सामने 49 विभाग व संस्थान के लिए बड़े पैमाने पर एक ही बार में सिलेबस को बदलना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोविड -19 लॉकडाउन पीरियड के दौरान विभिन्न स्टेकहोल्डर्स विद्यार्थियों, शिक्षकों, एल्युमिनाई और एंप्लॉयर्स से विचार-विमर्श करके इस पाठ्यक्रम को लागू करने की योजना बनाई। सभी संकाय इस सत्र से नई शिक्षा प्रणाली शुरू करने के लिए तैयार हैं।
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