RTI Act 2005

'RTI ACT-2005'
📍Section 8(j) के अनुसार ऐसी सूचना नहीं  दी जा सकती जिससे किसी की निजता का अतिक्रमण होता है बशर्ते की सूचना के साथ व्यापक जनहित न जुड़ा हो।
   माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जो aspects सेवा नियमों के अधीन आते हैं वे भी पर्सनल इंफॉर्मेशन के दायरे में आते हैं।
📍 यह भी बताना उचित है माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार निजता अर्थात Privacy अब मौलिक अधिकार है।
  📍RTI Act के section -11 के अनुसार 'Third Party' पार्टी से संबंधित सूचना उसकी सहमति के बिना नहीं दी जा सकती बशर्ते कि मांगी गई सूचना से व्यापक जनहित न जुड़ा हुआ हो।
📍RTI Act के अनुसार सूचना मांगने वाले को छोड़कर सभी 'Third party' की परिधि में आते हैं।
📍Section 11(1) के अनुसार प्रार्थी के द्वारा थर्ड पार्टी से संबंधित सूचना मांगी गई है तो राज्य जन सूचना अधिकारी या केंद्रीय जन सूचना अधिकारी 5 दिन के अंदर अंदर थर्ड पार्टी को नोटिस देंगे कि आप से संबंधित जो सूचना मांगी गई है उसे डिस्क्लोज किया जाए या नहीं।
📍 राज्य जन सूचना अधिकारी या केंद्रीय जन सूचना अधिकारी से नोटिस प्राप्त करने के बाद थर्ड पार्टी दवारा 10 दिन के अंदर अंदर अपनी लिखित सहमति या असहमति कारण सहित देनी होगी।
📍 थर्ड पार्टी से संबंधित मांगी गई सूचना के बारे में थर्ड पार्टी से प्राप्त सहमति या असहमति पर निर्णय लेते हुए 40 दिन के अंदर मांगी गई सूचना या सूचना न देने का निर्णय राज्य जन सूचना अधिकारी अथवा केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ने लेना होता है और लिए गए निर्णय की नोटिस थर्ड पार्टी को देना होगा।
📍 यदि राज्य जन सूचना अधिकारी अथवा केंद्रीय जन सूचना अधिकारी थर्ड पार्टी के विरोध के बावजूद भी उससे संबंधित सूचना को डिस्क्लोज अथवा देने का निर्णय लेते हैं तो थर्ड पार्टी को सैक्शन 19  के अनुसार इस के विरोध में प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील करने का अधिकार है।
📍 यदि प्रथम अपीलीय अधिकारी भी थर्ड पार्टी के विरोध के बाद भी उससे संबंधित सूचना को डिस्क्लोज करने का फैसला लेते हैं तो उस फैसले का नोटिस थर्ड पार्टी को प्रार्थी द्वारा मांगी गई सूचना देने से पहले देना होगा और थर्ड पार्टी को राज्य जन सूचना आयोग में प्रथम अपीलीय अधिकारी के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है।
📍 यदि राज्य सूचना आयोग भी थर्ड पार्टी से संबंधित सूचना को डिस्क्लोज करने का आदेश देते हैं, थर्ड पार्टी को माननीय हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार है।
 रमेश मलिक प्रधान हरियाणा मास्टर वर्ग 

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