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अतिरिक्त अंकों के नाम पर होती धांधली

अश्विनी शर्मा, करनाल पांच अंक के बजाय पांच प्रतिशत की वेटेज देकर कॉलेजों में कट ऑफ लिस्ट तो ऊंचाई पर पहुंच जाती है, लेकिन इस फेर में दाखिले की जायज योग्यता रखने वाले लिस्ट से कट हो जाते हैं। कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नियमानुसार शैक्षणिक अंकों के साथ विशिष्ट उपलब्धि रखने वाले विद्यार्थियों को वेटेज प्रदान की जाती है। नियमों के दायरे में आने वाले एक प्रमाणपत्र पर छात्र को पांच अंक की वेटेज देने का प्रावधान है, जबकि एक छात्र अधिकतम दो प्रमाणपत्र पर अधिकतम दस अंक की वेटेज ले सकता है। खेल यहीं शुरू होता है। कॉलेज अपनी कट ऑफ लिस्ट को दूसरे कॉलेज से ज्यादा हाइप देने के फेर में पांच अंक की वेटेज देने के बजाय एक प्रमाणपत्र पर पांच प्रतिशत की वेटेज देते हैं। इसका मतलब यह रहता है कि उसे कुल 25 अंक वेटेज दी जा रही है, जबकि दो प्रमाणपत्र पर एक छात्र को दस प्रतिशत की वेटेज मिलने से उसके शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र के अंकों के साथ 50 अंकों का इजाफा हो जाता है। इस खेल में उन विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ता है, जिनके पास वेटेज लेने के लिए एक भी प्रमाणपत्र नहीं होता। मसलन किसी छात्र के पास एक भी प्रमाणपत्र नहीं है और उसके 12वीं कक्षा में अंक 61 प्रतिशत हैं। जबकि एक छात्र के अंक 52 प्रतिशत हैं और उसके पास वेटेज लेने के दो प्रमाणपत्र हैं। ऐसे में 52 प्रतिशत अंक वाले छात्र के कुल अंक वेटेज के प्रतिशत जुड़ने से 62 प्रतिशत तक पहुंच जाते हैं और मेरिट में वह 61 प्रतिशत अंक रखने वाले छात्र को पछाड़ा जाते हैं। जबकि नियम अनुसार 52 प्रतिशत अंक वाले छात्र को दस अंक की वेटेज मिले तो उसके दो प्रतिशत अंक में ही इजाफा हो सकता है। हालांकि सभी कॉलेज हर साल नियम अनुसार ही वेटेज देने का दावा करते हैं, लेकिन पांच अंक के बजाय पांच प्रतिशत वेटेज देने का कारनामा हर साल कई कॉलेज कर जाते हैं। ताकि उनकी कट ऑफ लिस्ट दूसरे कॉलेजों के मुकाबले हाई रहे। इस बार भी यही देखना होगा कि कॉलेज पांच अंक की वेटेज देते हैं या पांच प्रतिशत की। डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वाईपी शर्मा ने कहा कि कुवि के नियमानुसार ही कट ऑफ लिस्ट तैयार की जाएगी और नियम अनुसार ही विद्यार्थियों को वेटेज प्रदान की जाएगी। वेटेज देने के मामले में पूरी पादर्शिता बरती जाएगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक बृजेश सहानी के अनुसार वेटेज पांच अंक की ही दी जानी चाहिए। इसी नियम से केयू में वेटेज दी जाती है।

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