प्रदेश में अध्यापकों को पदोन्नति के लिए अब राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) में बैठने की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसके लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सोमवार को अपने निवास पर मुलाकात करने पहुंचे हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को यह जानकारी दी। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक, महासचिव विकास शर्मा, कोषाध्यक्ष आर्य संजय, उप प्रधान राज सिंह मलिक और सतपाल सिंह ने शिक्षा मंत्री से पदोन्नति में पात्रता परीक्षा को गलत ठहराते हुए इसे खत्म करने की मांग की थी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अध्यापकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पदोन्नति के लिए पात्रता परीक्षा की शर्त को हटा दिया गया है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के इस फैसले की सराहना की है। एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा निदेशक समीर पाल सरों से मुलाकात कर सेवा नियमों में किए जा रहे संशोधनों पर एतराज जताया है। अध्यक्ष रमेश मलिक ने निदेशक से कहा कि मिडिल स्कूल के हेड मास्टरों को द्वितीय श्रेणी अधिकारी का दर्जा प्रदान किया जाए और प्रिंसिपल के लिए हाई स्कूल की बजाय मिडिल स्कूल हेड मास्टर की योग्यता रखी जाए। प्रतिनिधिमंडल ने लंबित एसीबी के करीब साढ़े सात सौ केसों के निस्तारण की मांग की है। इन मसलों पर दोबारा बातचीत के लिए 20 मई के बाद बैठक होगी। प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के महासचिव विकास शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी शामिल रहे, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक सतबीर सिंह तथा प्राथमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अश्विनी भी मौजूद रहे।
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