पंचकूला. हरियाणा में रैगिंग यानी कालेजों में दाखिला लेने वाले जूनियर्स को तंग करने या शर्मिदगी का अहसास कराने वाला मजाक जल्द कानून के दायरे में आ सकता है।
इसका ड्राफ्ट मोटे तौर पर तैयार हो चुका है। अभी यह सरकार के पास विचाराधीन है। संभव है कि राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में प्रस्तावित कानून को अमल में लाने पर फैसला ले या इसमें कुछ फेरबदल करे। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद में इस मसौदे को मूर्त रूप देने के लिए विधानसभा से पारित कराया जाएगा।
यह कानून लागू होने पर रैगिंग का खमियाजा रैगिंग करने वाले विद्यार्थियों के साथ संबंधित संस्थान प्रबंधन को भी भुगतना पड़ेगा। इससे पहले हिमाचल प्रदेश सहित देश में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल व पश्चिम बंगाल में रैगिंग पर कानूनी शिकंजा लागू है। अभी तक हरियाणा में रैगिंग के मामले में शिकायत की पुष्टि होने पर आरोपियों पर पुलिस केस दर्ज कराया जाता है। पुलिस आरोपी विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे डाल देती और इसका सीधा प्रभाव उन विद्यार्थियों के करियर पर पड़ता है।
हरियाणा में तीन सौ से ज्यादा कॉलेज
हरियाणा में करीब दो सौ प्रोफेशनल और सौ से ज्यादा जनरल कॉलेज हैं। आधा दर्जन मेडिकल कालेज भी हैं। कालेजों में जूनियर्स के साथ रैगिंग करना फैशन बनता जा रहा है। इसका प्रभाव कई विद्यार्थियों के दिल और दिमाग पर तो पड़ता ही, शर्मिदगी का अहसास कर कुछ आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेते हैं। इन्हीं हालात को देखते हुए उच्चतर शिक्षा विभाग की आयुक्तधीरा खंडेलवाल ने एंटी रैगिंग एक्ट लागू करने का ड्राफ्ट तैयार कर अप्रूवल के लिए सरकार को भेजा है।
हिमाचल में यह कानून
रैगिंग अदालत की अनुमति से कौग्नीजेबल, नॉन बेलेबल और कंपाउंडेबल आफेंस है। शिकायत मिलने पर संस्थान प्रमुख 24 घंटे के भीतर जांच कराता है और पुष्टि होने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। इसमें एक साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
इसका ड्राफ्ट मोटे तौर पर तैयार हो चुका है। अभी यह सरकार के पास विचाराधीन है। संभव है कि राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में प्रस्तावित कानून को अमल में लाने पर फैसला ले या इसमें कुछ फेरबदल करे। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद में इस मसौदे को मूर्त रूप देने के लिए विधानसभा से पारित कराया जाएगा।
यह कानून लागू होने पर रैगिंग का खमियाजा रैगिंग करने वाले विद्यार्थियों के साथ संबंधित संस्थान प्रबंधन को भी भुगतना पड़ेगा। इससे पहले हिमाचल प्रदेश सहित देश में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल व पश्चिम बंगाल में रैगिंग पर कानूनी शिकंजा लागू है। अभी तक हरियाणा में रैगिंग के मामले में शिकायत की पुष्टि होने पर आरोपियों पर पुलिस केस दर्ज कराया जाता है। पुलिस आरोपी विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे डाल देती और इसका सीधा प्रभाव उन विद्यार्थियों के करियर पर पड़ता है।
हरियाणा में तीन सौ से ज्यादा कॉलेज
हरियाणा में करीब दो सौ प्रोफेशनल और सौ से ज्यादा जनरल कॉलेज हैं। आधा दर्जन मेडिकल कालेज भी हैं। कालेजों में जूनियर्स के साथ रैगिंग करना फैशन बनता जा रहा है। इसका प्रभाव कई विद्यार्थियों के दिल और दिमाग पर तो पड़ता ही, शर्मिदगी का अहसास कर कुछ आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेते हैं। इन्हीं हालात को देखते हुए उच्चतर शिक्षा विभाग की आयुक्तधीरा खंडेलवाल ने एंटी रैगिंग एक्ट लागू करने का ड्राफ्ट तैयार कर अप्रूवल के लिए सरकार को भेजा है।
हिमाचल में यह कानून
रैगिंग अदालत की अनुमति से कौग्नीजेबल, नॉन बेलेबल और कंपाउंडेबल आफेंस है। शिकायत मिलने पर संस्थान प्रमुख 24 घंटे के भीतर जांच कराता है और पुष्टि होने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। इसमें एक साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।