80 बीएड कॉलेजों की मान्यता खतरे में
नहीं होंगी राजकीय कॉलेजों में बीएड की परीक्षाएं कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : राज्य सरकार के फरमान के बाद बीएड की परीक्षाएं कुवि के लिए सिरदर्द बन गई हैं। राज्य सरकार ने कुवि प्रशासन को निर्देश देकर साफ कह दिया है कि किसी भी राजकीय कॉलेज में बीएड की परीक्षा केंद्र न बनाएं। जबकि कुवि प्रशासन जुलाई के प्रथम सप्ताह में बीएड की परीक्षा कराना चाहता है। ऐसे में अगले बीस दिनों में ही कुवि को राजकीय कॉलेजों के विकल्प की तलाश करनी होगी। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए कमेटी गठित की गई है जो इसके लिए जल्द ही निर्णय कर लेगी। इस समय कुवि से संबधित बीएड कॉलेजों की संख्या लगभग 180 है। जिनमें हजारों की संख्या में बीएड के छात्र शिक्षा मास्टर बनने की तैयारियों में जुटे हैं। इनके लिए कम से कम 100 से अधिक परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता होती है। इसके लिए अभी तक कुवि प्रशासन राजकीय और सहायता प्राप्त कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाती है। इस समय कुवि से संबधित लगभग 73 राजकीय कॉलेजों में राज्य सरकार की ओर से बीएड का केंद्र बनाने के लिए साफ मना कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए यह तर्क दिया है कि जुलाई में सभी कॉलेजों में अगले सेमेस्टर की एडमिशन और कक्षाएं शुरू हो जाती हैं और अगर इसके बावजूद बीएड की परीक्षाओं के लिए केंद्रों का निमार्ण इन कॉलेजों में कर दिया जाता है तो अगले सेमेस्टर की कक्षाओं पर बूरा असर पड़ता है। कुवि से संबंधित राजकीय कालेज 73 हैं जिनमें केंद्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने मना किया है। अब कुवि को इन सभी कालेजों में बनने वाले केंद्रों को बीएड कॉलेजों में ही बनाने होंगे। जो पहले से ही विवादों के घेरे में रहे है। दूसरा कुवि प्रशासन के पास इसके लिए समय भी कम बचा है। अगले बीस दिनों में ही कुवि को ऐसे कालेजों की तलाश भी करनी है जिनमें सभी सुविधाएं हो और जिसको परीक्षा केंद्र बनाया जा सके।
नहीं होंगी राजकीय कॉलेजों में बीएड की परीक्षाएं कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : राज्य सरकार के फरमान के बाद बीएड की परीक्षाएं कुवि के लिए सिरदर्द बन गई हैं। राज्य सरकार ने कुवि प्रशासन को निर्देश देकर साफ कह दिया है कि किसी भी राजकीय कॉलेज में बीएड की परीक्षा केंद्र न बनाएं। जबकि कुवि प्रशासन जुलाई के प्रथम सप्ताह में बीएड की परीक्षा कराना चाहता है। ऐसे में अगले बीस दिनों में ही कुवि को राजकीय कॉलेजों के विकल्प की तलाश करनी होगी। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए कमेटी गठित की गई है जो इसके लिए जल्द ही निर्णय कर लेगी। इस समय कुवि से संबधित बीएड कॉलेजों की संख्या लगभग 180 है। जिनमें हजारों की संख्या में बीएड के छात्र शिक्षा मास्टर बनने की तैयारियों में जुटे हैं। इनके लिए कम से कम 100 से अधिक परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता होती है। इसके लिए अभी तक कुवि प्रशासन राजकीय और सहायता प्राप्त कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाती है। इस समय कुवि से संबधित लगभग 73 राजकीय कॉलेजों में राज्य सरकार की ओर से बीएड का केंद्र बनाने के लिए साफ मना कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए यह तर्क दिया है कि जुलाई में सभी कॉलेजों में अगले सेमेस्टर की एडमिशन और कक्षाएं शुरू हो जाती हैं और अगर इसके बावजूद बीएड की परीक्षाओं के लिए केंद्रों का निमार्ण इन कॉलेजों में कर दिया जाता है तो अगले सेमेस्टर की कक्षाओं पर बूरा असर पड़ता है। कुवि से संबंधित राजकीय कालेज 73 हैं जिनमें केंद्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने मना किया है। अब कुवि को इन सभी कालेजों में बनने वाले केंद्रों को बीएड कॉलेजों में ही बनाने होंगे। जो पहले से ही विवादों के घेरे में रहे है। दूसरा कुवि प्रशासन के पास इसके लिए समय भी कम बचा है। अगले बीस दिनों में ही कुवि को ऐसे कालेजों की तलाश भी करनी है जिनमें सभी सुविधाएं हो और जिसको परीक्षा केंद्र बनाया जा सके।