प्राध्यापकों का 4 अगस्त से जंतर-मंतर पर अनशन करने का ऐलान

प्राध्यापकों का 4 अगस्त से जंतर-मंतर पर अनशन करने का ऐलान ** लघु सचिवालय पर हसला का अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी रहा जारी हिसार : पदनाम अन्य मांगों को लेकर अनशन पर बैठे प्राध्यापक न्याय मिलने पर जंतर मंतर पर कूच करेंगे। सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू कर चुके हसला का लघु सचिवालय पर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। 4 अगस्त से प्राध्यापकों ने जंतर-मंतर पर अनशन करने का ऐलान किया। प्राध्यापकों ने मांगों के प्रति प्रशासनिक अनदेखी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर वादाखिलाफी तानाशाहीपूर्ण रवैये आराेप लगाते हुए हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) का लघु सचिवालय पर क्रमिक अनशन मंगलवार को भी जारी रहा। हसला जिलाध्यक्ष भगवानदत ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी दूसरे संगठनों का हवाला देकर प्राध्यापक वर्ग पर नौवीं और दसवीं कक्षा को पढ़ाने के निर्णय को जबरदस्ती थोप रही है। उच्चाधिकारियों की तरफ से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुए। प्राध्यापकों की नियुक्तियां 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए हुई थी। उन्होंने विभाग द्वारा वार्षिक निष्पादन रिपोर्ट एपीएआर में प्राध्यापक शब्द को खत्म करते हुए इसकी जगह पीजीटी शब्द को शामिल करने पर रोष जताया।

Phd attestation will on line

पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में ऑनलाइन होगा सत्यापन यूजीसी अपनी साइट पर नेट अभ्यर्थियों का डेटा अपलोड करेगा पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालीफाई अभ्यर्थियों का विवरण और उनके सर्टिफिकेट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसकी मदद से हर विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश के दौरान इनका ऑनलाइन सत्यापन करने में मदद मिल सकेगी। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को इस बारे में निर्देश भी जारी किए हैं। यूजीसी साल में दो बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा लेता है। नेट पास करने वाले अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए अलग से कोई प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं पड़ती, मगर पीएचडी काउंसिलिंग के दौरान ऐसे नेट पास अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट के सत्यापन की परेशानी आती थी। विश्वविद्यालयों की ओर से लंबे समय से ऑनलाइन सत्यापन की मांग उठाई जा रही थी। अब तक जितने भी अभ्यर्थियों ने नेट की परीक्षा पास की है, उनके सर्टिफिकेट की डिटेल यूजीसी वेबसाइट पर डालेगी। इससे नेट पास अभ्यर्थियों का ऑनलाइन सत्यापन आसानी से हो सकेगा। यह होंगे फायदे विश्वविद्यालयोंके सामने सबसे बड़ी दिक्कत नेट सर्टिफिकेट के सत्यापन की आती थी। यूजीसी को अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए भेजने होते थे। यूजीसी से सत्यापित होकर आने में काफी समय लग जाता था। वहीं पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से फर्जी एडमिशन लेने की शिकायतें भी रही थी। अब विश्वविद्यालयों को सत्यापन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

जेबीटी की सूची जारी करने और टीजीटी के पदों के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग के साथ धरने पर बैठे पात्र अध्यापक बुधवार को मुंडन कराएंगे

पंचकूला। जेबीटी की सूची जारी करने और टीजीटी के पदों के लिए विज्ञापन जारी करने की मांग के साथ धरने पर बैठे पात्र अध्यापक बुधवार को मुंडन कराएंगे। उन्होंने मंगलवार को भी जोरदार प्रदर्शन किया और आखिरकार शिक्षक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन डा. खजान सिंह को प्रदर्शनकारियों के बीच आना पड़ा। अध्यापक इस बात पर अड़े रहे कि चेयरमैन उनके बीच आकर सूची जारी करने का एक तय समय बताएं, लेकिन चेयरमैन सूची जारी होने का तय समय नहीं बता सके। हालांकि, उन्होंने जल्द से जल्द सूची जारी करने का आश्वासन जरूर दिया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आमरण अनशन पर 41 पात्र अध्यापक बैठे हैं। अनशन की जगह पर चारों तरफ घास व जंगल है। यहां मच्छर और कीटों की भरमार है। इससे पात्र अध्यापकों के साथ कभी भी अनहोनी हो सकती है। इसके विरोध स्वरूप पात्र अध्यापक बुधवार को मुंडन कराकर विरोध जताएंगे। वहीं, महासचिव सुनील यादव ने बताया कि अनशन पर बैठे पात्र अध्यापकों के समर्थन में शीघ्र ही प्रदेश भर के पात्र अध्यापक अनशन स्थल पर पहुंचकर विरोध जताएंगे। जेबीटी की सूची जारी करने व टीजीटी के पदों का विज्ञापन जारी करने की मांग मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी, चेयरमैन पहुंचे मौके पर, आश्वासन देकर चले गए

बच्चों को फेल नहीं करने की नीति होगी खत्म

बच्चों को फेल नहीं करने की नीति होगी खत्म चंडीगढ़ : केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की उप समिति ने नो डिटेंशन पालिसी (बच्चों को फेल नहीं करने की नीति) को खत्म करने की सिफारिश की है। हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल इस उप समिति की चेयरमैन हैं। उनके नेतृत्व में कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की उप समिति ने पाया कि नो डिटेंशन पालिसी से न केवल परीक्षा परिणाम खराब हो रहा है, बल्कि मेधावी बच्चों में भी हीन भावना बढ़ रही है। मंत्रियों की उप समिति का मानना है कि नो डिटेंशन पालिसी खत्म कर परीक्षाओं में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। उप समिति जल्दी ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी। राज्य की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने आज माना कि उप समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और जल्दी ही इसे पेश किया जाएगा। भुक्कल ने कहा कि देशभर के स्टैक होल्डर से परामर्श करने के उपरांत उप समिति ने पाया कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि मिडिल स्तर पर उनके सीखने के स्तर में और सुधार लाया जा सके। यदि हम आठवीं के स्तर पर विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन करेंगे तो 10वीं और 12वीं के स्तर पर विद्यार्थियों को लाभ होगा। मंत्री के अनुसार सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्षेत्र 10वीं और 12वीं तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। जो इस समय 8वीं कक्षा तक है। नो डिटेंशन पालिसी विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में सुधार लाने में सहायता नहीं कर रही है। शिक्षा मंत्री का मानना है कि यदि हम विद्याíथयों को उनके प्रदर्शन के अनुसार फेल नहीं करते हैं तो उस स्थिति में विद्यार्थियों, अध्यापकों और अभिभावकों के लिए कोई भी उत्तरदायी नहीं होगा। इस प्रवृत्ति के चलते मेधावी विद्यार्थी स्वयं को प्रोत्साहित महसूस नहीं करेंगे। इसलिए विद्यार्थियों के लिए परीक्षा और मूल्यांकन की उचित प्रणाली को अपनाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नो डिटेंशन पालिसी खत्म होने के बाद अध्यापकों और विद्यार्थियों का उत्तरदायित्व निर्धारित हो जाएगा। बच्चों को फेल नहीं करने की नीति होगी खत्म चंडीगढ़ : केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की उप समिति ने नो डिटेंशन पालिसी (बच्चों को फेल नहीं करने की नीति) को खत्म करने की सिफारिश की है। हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल इस उप समिति की चेयरमैन हैं। उनके नेतृत्व में कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की उप समिति ने पाया कि नो डिटेंशन पालिसी से न केवल परीक्षा परिणाम खराब हो रहा है, बल्कि मेधावी बच्चों में भी हीन भावना बढ़ रही है। मंत्रियों की उप समिति का मानना है कि नो डिटेंशन पालिसी खत्म कर परीक्षाओं में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। उप समिति जल्दी ही अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी। राज्य की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने आज माना कि उप समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और जल्दी ही इसे पेश किया जाएगा। भुक्कल ने कहा कि देशभर के स्टैक होल्डर से परामर्श करने के उपरांत उप समिति ने पाया कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि मिडिल स्तर पर उनके सीखने के स्तर में और सुधार लाया जा सके। यदि हम आठवीं के स्तर पर विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन करेंगे तो 10वीं और 12वीं के स्तर पर विद्यार्थियों को लाभ होगा। मंत्री के अनुसार सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्षेत्र 10वीं और 12वीं तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। जो इस समय 8वीं कक्षा तक है। नो डिटेंशन पालिसी विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में सुधार लाने में सहायता नहीं कर रही है। शिक्षा मंत्री का मानना है कि यदि हम विद्याíथयों को उनके प्रदर्शन के अनुसार फेल नहीं करते हैं तो उस स्थिति में विद्यार्थियों, अध्यापकों और अभिभावकों के लिए कोई भी उत्तरदायी नहीं होगा। इस प्रवृत्ति के चलते मेधावी विद्यार्थी स्वयं को प्रोत्साहित महसूस नहीं करेंगे। इसलिए विद्यार्थियों के लिए परीक्षा और मूल्यांकन की उचित प्रणाली को अपनाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नो डिटेंशन पालिसी खत्म होने के बाद अध्यापकों और विद्यार्थियों का उत्तरदायित्व निर्धारित हो जाएगा।

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