कंप्यूटर टीचरों को पूर्व सेंटर्स पर ज्वाइन करने के निर्देश

कंप्यूटर टीचरों को पूर्व सेंटर्स पर ज्वाइन करने के निर्देश

शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देश। वेतन संबंधित मांगों का किया हल
भास्कर न्यूज | फरीदाबाद
शिक्षानिदेशालय ने कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन की मांग का समाधान कर दिया है। अन्य मांगों पर गौर किया गया है। इसके लिए वे लंबे समय से संघर्षरत थे।
इसके पहले लैब सहायकों की सभी मांगे पूरी कर दी गई थी। इस कैटेगरी के टीचरों को तुरंत प्रभाव से अपने पहले वाले सेंटर ही जॉइन करने को कहा है। इस बात को लेकर कंप्यूटर टीचर्स में काफी कंफ्यूजन था। अब इसे दूर कर दिया गया है। अभी तक टीचर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के तहत काम कर रहे थे। अब शिक्षा निदेशालय के तहत काम करेंगे। इस स्थिति में कंप्यूटर टीचर्स को सेंटर चेंज होने काे लेकर असमंजस की स्थिति थी। इससे संबंधित डिपार्टमेंट ने अपनी वेबसाइट पर नोटिस जारी कर दिया है। सभी टीचर्स को अपने पहले के सेंटर शीघ्र ज्वाइन करने को कहा गया है। कंप्यूटर टीचर्स पिछले डेढ़ साल से सैलरी को लेकर लड़ाई कर रहे थे। मई के बाद से बड़ी संख्या में ऐसे टीचर्स स्कूलों में पढ़ाना ही बंद कर दिया था। निदेशालय ने इनकी मांग को सुनते हुए प्राइवेट कंपनी को नोटिस जारी कर इनको खुद वेतन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नोटिस भी जारी कर दिया है कि मई तक कंप्यूटर टीचर्स जिन सेंटरों पर पढ़ा रहे थे। वहां जाकर ज्वाइन करें। सेंटर में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी राजीव अरोड़ा के अनुसार कंप्यूटर टीचर्स की वेतन की समस्या निदेशालय ने अपने स्तर पर दूर कर दी है। प्रिंसिपल के माध्यम से इनको सैलरी मुहैया कराई जा रही है। निदेशालय ने हाल ही में एक नोटिस भी जारी किया है कि सेंटर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में सभी कंप्यूटर टीचर्स को अपने पहले के सेंटर जॉइन कर लेने चाहिए। इससे कंप्यूटर टीचरों को काफी सहूलियत मिलेगी। हरियाणा लैब सहायक संघ के प्रदेश सुधीर ने बताया कि एक माह पूर्व ही मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लैब सहायकों की सभी मांगे मान ली गई थी। कंप्यूटर टीचरों की मांगों भी पूरी हो गई है।

Regularisation under policy

डीम्ड विवि की डिग्रियों पर दुविधा में अधिकारी

डीम्ड विवि की डिग्रियों पर दुविधा में अधिकारी
चंडीगढ़ : डीम्ड विवि की डिग्रियों के सही या गलत होने को लेकर शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ही दुविधा में हैं। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल व वित्तायुक्त सुरीना राजन यूजीसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीते बुधवार को पीजीटी को नियुक्ति पत्र देने से इंकार कर चुकी हैं, सेकेंडरी शिक्षा विभाग के अधिकारी इससे इत्तफाक नहीं रखते।
पीजीटी को नियुक्ति पत्र देने का काम देख रहे उच्च अधिकारी ने तो डीम्ड विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी करने से भी इंकार किया है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से वार्ता के बाद चयनित पीजीटी का प्रतिनिधिमंडल नियुक्तियों का काम देख रहे अतिरिक्त निदेशक एमके आहूजा से मिला था। पीजीटी ने अतिरिक्त निदेशक से पूर्णतया स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाई थी, ताकि वे भविष्य की रणनीति तैयार कर सकें। इस पर अतिरिक्त निदेशक एमके आहूजा ने पीजीटी को आश्वस्त किया था कि यूजीसी की रिपोर्ट नियुक्तियां देने में कहीं आड़े नहीं आ रही। पीजीटी को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने पर भी कोई सहमति नहीं बनी है। डिग्रियों के बारे में जो संदेह है, उसे दूर करने के लिए पीजीटी से कुछ दस्तावेज मांगने की तैयारी चल रही है।

भाजपा-हजकांगठबंधन

भाजपा-हजकांगठबंधन के टूटने की अटकलों के बीच मंगलवार सुबह हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद कुलदीप मुस्कराते हुए शाह की कोठी से निकले। इसके बाद बिश्नोई ने शाम को प्रस्तावित अपनी पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक स्थगित कर दी। हजकां की मीडिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन देवीलाल बिश्नोई ने कहा कि शाह से कुलदीप की वार्ता अच्छी रही और इसके सकारात्मक परिणाम अगले एक-दो दिन में सामने आएंगे। सूत्रों के अनुसार, हजकां प्रमुख 45-45 सीटों के पुराने समझौते पर अड़कर कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गए हैं। इसके बदले में भाजपा उन्हें केंद्र में एडजस्ट कर सकती है। गठबंधन को लेकर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही ऊहापोह की स्थिति चल रही थी। बीते एक पखवाड़े से राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम थी कि यह गठजोड़ ज्यादा समय नहीं चलेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की महेंद्रगढ़ और जींद रैली में बुलाए जाने से कुलदीप बिश्नोई खासे नाराज थे। सोमवार को उन्होंने दो टूक कह दिया था कि अगर उन्हें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैथल रैली में नहीं बुलाया गया तो हजकां गठबंधन पर अंतिम फैसला लेगी। इसके लिए बिश्नोई ने हजकां वर्किंग कमेटी की मीटिंग बुला ली थी मगर सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक घटनाक्रम तेजी से घूमा और कुलदीप की दिल्ली में अमित शाह से मीटिंग हो गई। हालांकि इससे पहले कुलदीप कहते रहे हैं कि भाजपा नेता उन्हें गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा के लिए मिलने का समय नहीं दे रहे। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव के सीट समझौते पर चर्चा हुई। कुलदीप ने भाजपा अध्यक्ष को पुराने समझौते की याद दिलाते हुए 45-45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही तो शाह ने उन्हें राज्य के बदले राजनीतिक हालात को देखते हुए जमीनी हकीकत के आधार पर समझौता करने की नसीहत दी। बैठक में कोई नतीजा निकला या नहीं? इसका खुलासा तो कुलदीप ने नहीं किया, मगर उनकी पार्टी के नेता इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम जल्दी आने की बात कह रहे हैं। इससे लग रहा है कि दोनों दलों के बीच गठजोड़ जारी रहेगा।

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